बलौदा बाजार

रामचरित मानस को विश्व धरोहर घोषित करने पर सरयू साहित्य परिषद ने जताई खुशी
31-May-2024 3:09 PM
रामचरित मानस को विश्व धरोहर घोषित करने पर सरयू साहित्य परिषद ने जताई खुशी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भाटापारा, 31 मई। रामचरित मानस एक ऐसा काव्य ग्रन्थ जो महज एक साहित्यिक विधा नहीं अपितु भारत की आत्मा है,भारतीय संस्कृति के मूलाधार स्वरुप में जिस आदर्श की व्याख्या है। वह उच्चत्तर मानवीय मूल्यों को परिभाषित करती है तथा व्यक्ति परिवार समाज का क्या आचरण होना चाहिए तथा देश के राजा का क्या कर्तव्य एवं जीवन विधान होना चाहिए यह भगवान राम के जीवन चरित्र व्याख्या से स्पष्ट रुप से परिलक्षित होता है।

शिक्षा संस्कृति समाज विज्ञान जैसे विधाओं में कार्य करने वाली संस्था यूनेस्को द्वारा रामचरित मानस को विश्व धरोहर घोषित किया जाना यही संदेश प्रकट करता है कि संपूर्ण मानव जाति के लिए आज मानस की क्या महत्ता और क्या आवश्यकता है।

विभिन्न आयोजनों के माध्यम से समाज में निरंतर रचनात्मकता का संदेश प्रसारित करने वाली सेवा सम्मान एवं सौहार्द के सूक्ति वाक्य से संचालित सरयू साहित्य परिषद द्वारा घर-घर राम के जीवन चरित एवं मानस के मर्मों को जन जन तक पहुंचाने के लिए विगत पांच वर्षों से रामायण ज्ञान परीक्षा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। सबके राम सबमें राम की अवधारणा से संचालित होने वाले इस आयोजन का प्रतिफल भी दिख रहा है एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी इस प्रकार के आयोजन की रुपरेखा बनानी प्रारंभ कर दी गयी है।

इसी के तहत सरयू साहित्य परिषद का मानना है कि एक आयोजन मात्र से प्रेरणा के विविध स्वरुप का दर्शन होना प्रारंभ हो गया है, तो यूनेस्को द्वारा रामचरित मानस को विश्व धरोहर घोषित किया जाना नि:संदेह संपूर्ण मानव जाति के लिए एक व्यापक प्रेरणा का कार्य करेगी,तथा ग्रन्थ की महत्ता एवं मर्म से दुनियां परिचित ही नहीं वरन लाभांवित भी होगी। रामचरित मानस को विश्व धरोहर घोषित किये जाने पर परिषद के प्रमुख पदाधिकारियों एवं सदस्यों जिनमें गौरीशंकर शर्मा, पं दुर्गा प्रसाद तिवारी, मुकेश शर्मा, अजय तिवारी, प्रकाश तिवारी, हरिहर शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, जितेन्द्र गौरहा, दिनेश शर्मा, कविता शर्मा, सरितारानी शर्मा, निशा आनंद शर्मा आदि द्वारा हर्ष जाहिर करते हुए बधाई दी गई है।


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