बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 30 मई। परिवहन विभाग में ट्रैक्टर-ट्राली का पंजीयन कृषि उपयोगी कार्यों के लिए होता है, लेकिन सडक़ो पर रेत, मुरूम, मिट्टी से लेकर सवारियां ढोने में उपयोग होता है। प्रशासन व आरटीओ विभाग एवं खनिज विभाग के द्वारा इन पर कार्रवाई भी नहीं की जाती। अभियान के नाम पर महज खानापूर्ति करके छोड़ दिया जाता है।
कृषि कार्य में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली को टैक्स मुक्त रखा है। टै्रक्टर मालिक द्वारा कृषि कार्य के नाम से पंजीयन कराकर अवैध खनिज उत्खनन या सवारी ढोने में उपयोग किया जाता है। इनके व्यावसायिक कार्यों से आरटीओ को भी हर माह लाखों रूपए के राजस्व का नुकसान होता है। फिर भी विभाग के अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते हंै।
एक ओर सरकार किसानों को कृषि कार्य के संसाधनों व यंत्रों पर लाखों रूपए का अनुदान देती है दूसरी तरफ व्यवसायी किसानों की आड़ में शासन से अनुदान प्राप्त कर ट्रैक्टर-ट्रॉली खरीदकर अन्य कार्यो में उपयोग में उपयोग करते हंै।
आरटीओ कार्यालय के अनुसार ट्रैक्टर-ट्रॉली का कमर्शियल उपयोग के लिए पंजीयन शुल्क निर्धारित होता है। एक प्रतिशत परिवहन के नाम पर लिया जाता है। फिलहाल जिले में पंजीयन कमर्शियल उपयोग के लिए नहीं किया है। इससे यातायात नियमों का उल्लंघन हो रहा है। साथ ही सडक़ों पर तेजगति से दौड़ते ट्रैक्टर से हादसों को निमंत्रण दे रहे है। वहीं, कम उम्र के नाबालिगों को भी ट्रैक्टर मालिकों के द्वारा स्टेरिंग को थमा दिया जाता है। नाबालिग के पास लाइसेंस नहीं होता है और न ही उसके पास अनुभव होता है। नाबालिग नगर की सडक़ों पर बेधडक़ रूप से ट्रैक्टर वाहन चलाते है, जिससे लोगों को हमेशा ही भय बना रहता है। वही, नियमों की बात करे तो नियमानुसार ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग केवल जुताई, व किसानों द्वारा अपने अनाज के परिवहन में किया जाना चाहिए। परेशानी की बात यह है कि इन वाहनों में ओवर लोडिंग भी की जा
रही हे। संबंध में परिवहन एवं खनिज विभाग के अफसरों से संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु संपर्क नहीं हो पाया।


