बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 25 मई। मरीजों को निशुल्क प्रदान किए जाने वाली हजारों की कालातीत सरकारी दवा नगर पालिका के डंपिंग यार्ड में फेंक दिया गया है। यहां पर बड़ी संख्या में मरीजों को इंजेक्शन के द्वारा दी जाने वाली दवाई सिर्फ भी सडक़ के किनारे गड्ढे में बिखरी पड़ी है।
गौरतलब है कि ग्राम भरसेला के समीप नगर पालिका द्वारा डंपिंग यार्ड स्थित है। यहां छत्तीसगढ़ शासन की मरीज को निशुल्क प्रदान की जाने वाली दवाइयां गुपचुप तरीके से फेंक दिया गया है। इन दवाइयों के रैपर व पैके पर सीजीएमएससी छत्तीसगढ़ शासन की मोहर भी लगा हुआ है। निम्नानुसार कालातीत दवाइयां खुले में नहीं फेंकी जा सकती।
इस संबंध में शासन का स्पष्ट दिशा निर्देश है कि दवाइयां यदि कालातीत होती है तो उन्हें संबंधित कंपनियों को वापस लौटाया जाना आवश्यक है। तो इन परिस्थितियों में चिकित्साकीय अधिकारियों के एक टीम का गठन कर इन दवाइयों को बोटल से तथा टेबलेट आदि को रेपर से निकाल कर गहरा गड्ढा खोदकर दवाइयां जाता है।
ऐसी ढेरों टेबललेट दवाई की भरी हुई शीशी डंपिंग यार्ड में गड्ढे के अलावा भरसेला पहुंच मार्ग के किनारे पर भी 40 50 मीटर तक बिखरी हुई है। यदि अनजाने में इन दवाइयां का सेवन बच्चों अथवा जानवरों द्वारा कर लिया जाता है तो उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पडऩे से इंकार नहीं किया जा सकता।
सीएमओ ने ड्रग इंस्पेक्टर को भेजकर कराया जांच
वही डंपिंग यार्ड में बिखरे हुए दवाइयां की फोटो सीएमएचओ एमपी महेश्वर को भेजे जाने पर उन्होंने तत्काल ड्रग इंस्पेक्टर को मौके पर भेज कर दवाइयों की जांच कराई, जिसमें यह बात सामने आई कि संबंधी दवा आयरन व फोलिक एसिड आदि की है। इन दवाइयां को शासन योजना के तहत बच्चों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न शासकीय-अशासकीय स्कूलों में बच्चों को विपरीत करने के लिए प्रदान किया जाता है। फेंके गए दवाइयां के बीच नंबर के मिलन के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि संबंधित दवाइयां किस स्कूल को प्रदान किया गया है।


