बलौदा बाजार
रवान समेत आधा दर्जन गांव दोपहर दहशत मेें काटते हैं
बलौदाबाजार,12 मार्च। ग्राम रवान हर दिन घड़ी पर जैसे ही दो बजते हैं। रवान समेत आसपास के आधा दर्जन गांवों के बंदिशों की जान हलक में आ जाती है। लोग घर भागते हैं। नहीं तो सर छिपाने के लिए दूसरी कोई जगह खोजते हैं। इस दहशत का कारण है पास ही मौजूद अंबुजा अडानी सीमेंट प्लांट। लाइमस्टोन निकालने के लिए यहां हर दिन बम ब्लास्ट किया जाता है। इस ब्लास्टिंग की तीव्रता इतनी अधिक होती है कि कई बार प्लांट से पत्थर छिटककर मेन रोड तक आ जाते हैं। इस ब्लास्टिंग के चलते आधा दर्जन गांवों के अलावा 6 और गांव में घरों की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं।
बम ब्लास्टिंग की तीव्रता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि लोगों ने घरों के समान को ऊंचाई वाले जगह पर रखना ही छोड़ दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बम ब्लास्ट होने के बाद कई बार भारी सामान नीचे गिर जाते हैं। इससे सामान के नुकसान का डर तो बना ही रहता है गलती से भी यह भारी समान किसी व्यक्ति के ऊपर गिर गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। पिछले दिनों तो इतनी तीव्रता से बम का विस्फोट किया गया था कि करीब 15 से 20 किलो वजनी पत्थर का एक टुकड़ा प्लांट के अंदर से सीधे मेन रोड तक आ गया था गनीमत की यह किसी के ऊपर नहीं गिरा वरना बड़ी घटना हो सकती थी। प्लांट में की जा रही विसफोटिंग नियमत: गलत है। जहां इतनी तीव्रता के बम नहीं फोडऩा चाहिए जिससे आसपास के लोगों को परेशानी पेश आऐ लेकिन प्लांट के जिम्मेदार हैं कि मानने को तैयार ही नहीं यही वजह है कि कई गंभीर शिकायतों के बाद भी कंपनी के ध्यान नहीं दिया वहीं।
बलौदाबाजार प्रशासन भी मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही आ रहा। शिकायतों की लंबी फहरिस्त केेे बाद भी कार्यवाहीी करना दूर अधिकारी प्लांट में कम तीव्रता वाले बम फोडऩे के लिए भी जिम्मेदारों को नहीं मना पाए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में रवान भरसेली पोसरी कुकुरदी करमनडीह मुुड़ीपार शामिल है। इनके अलावा भद्रापाली करमंडीह म्ल्दी अर्जुनी खैरतल गांव के लोग भी ब्लास्ट से प्रभावित है।
आवाज उठाई तो फंसाने की धमकी-आरोप
गांव वालों का आरोप है कि लोगों की जान पर आफत बनने वाले और प्राकृतिक संसाधनों का बेजा दोहन करने वालों पर सरकारी अफसर मेहरबान हैं। गांव वालों की माने तो इसकी वजह वह मेहमान नवाजी है जो समय-समय पर प्लांट के अफसरों द्वारा सरकारी मुलाजिमों के लिए की जाती है।
कुछ गांव वालों ने तब सीमेंट प्लांट की अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की तो उन्हें ही झूठा केस में फंसाने की धमकी दे दी गई। मजबूरन जो लोग हिम्मत दिखा कर आगे आए वह भी पीछे हट गए। गांव वालों का कहना है कि वह सालों से परेशानी से जूझ रहे हैं। अफसर को भी सब पता है फिर भी वे कोई कार्यवाही नहीं करते।
घनी आबादी में बारूद भंडार, लोगों की जान भगवान भरोसे
बलौदाबाजार जिले में 6 प्रमुख सीमेंट प्लांट है। यहां खदानों में विस्फोट करने के लिए बारूद भंडारण कक्ष बनाए गए हैं। यह भंडार कक्ष का घनी आबादी वाले इलाकों के आसपास बनाए गए हैं। जाहिर है कि आसपास के लोगों के जान की सुरक्षा भगवान भरोसे है। अचानक यहां आगजनी होती है तो भारी तबाही मचेगी। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी भय व्याप्त है इन सीमेंट प्लांट द्वारा ग्रामीण विकास एनजीओ पर्यावरण सुरक्षा कारपोरेट सामाजिक दायित्व आदि के माध्यम से लोक लुभावना नारे देकर फर्जी आंकड़े प्रस्तुत किए जाते हैं। असल में कंपनियां यह कार्यक्रम अपनी खामियों को छुपाने के लिए आयोजित करती है।
स्कूल तक पहुंची माइनिंग
माइनिंग करते कंपनी गांव की सीमा तक पहुंच चुकी है। लाइमस्टोन के लिए खुदाई करते प्लांट वाले कुकरदी और करमनडीह गांव तक पहुंच चुके हैं। इधर भरसेली का स्कूल डेंजर जोन में आ गया है। प्लांट वाले यहां के करीब ही माइनिंग कर रहे हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गांव का गांव चिंतित है।
गौरतलब है कि जब कोई जमीन खदान के लिए लीज पर दी जाती है तो निश्चित गहराई तक खुदाई करने की अनुमति दी जाती है। खुदाई के बाद खदानों को भरकर समतल करने का भी नियम है।लेकिन यहां कंपनी निर्धारित गहराई से एक मीटर कम खुदाई कर इस रिकॉर्ड में उपयोगी बढक़र अपनी जिम्मेदारी से बच रही है।
चट्टान टूटने से जल स्तर गिरा
सीमेंट प्लांट में लाइमस्टोन चूना पत्थर निकालने के लिए बम विस्फोट किया जाता है। अधिक तीव्र वाले बम फोडऩे की वजह से यहां जमीन के नीचे दबे चट्टानों पर बड़ी-बड़ी दरारें आने लगी है। इसे भूमिगत जल रिसकर खदानों में पहुंच रहा है। सीमेंट प्लांट वाले इस पानी का इस्तेमाल अपने लिये कर रहे हैं।
दूसरी ओर गांव का ग्राउंड वाटर लेवल नीचे जाने लगा है। इससे तालाब कुएं सब सूखने लगे हैं। इसके चलते गर्मी से पहले ही हजारों की आबादी के सामने जल संकट गहराने लगा है। लोग इस वजह से काफी परेशान हैं।
इस संबंध में राजू जोशी माइंस हेड का कहना है कि खदान में तय सरकारी नियमों के हिसाब से ही ब्लास्ट किया जा रहा है।
के के बंजारे खनिज अधिकारी का कहना है कि खान सुरक्षा महानिदेशालय को पहले ही इस बारे में सूचना दे चुके हैं, वहीं इसकी जांच करेंगे।


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