बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भटगांव,14 जनवरी। शासकीय आर.एन. महाविद्यालय भटगांव में राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.एस के शुक्ला ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
प्राचार्य प्रो. शुक्ला ने ने स्टाफ सहित सभी विद्यार्थियों को युवा दिवस की शुभकामनाएं दी। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गिरीश वैष्णव (ग्रंथपाल) ने कहा कि 1984 से स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन हो रहा है। युवा दिवस का मूल उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के जीवनगाथा से युवा प्रेरण लेकर देश के नवनिर्माण व विकास में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सके । भारत युवाओं का देश है। जीवन संघर्ष है और संघर्ष में आपका करीबी मित्र मन है। संकल्प जीवन का बीज है। व्यक्तित्व निर्माण के लिए जीवन दिशा का निर्धारण आवश्यक है।
फ्रेंच चिंतक रोमा रोला ने कहा है यदि भारत को जानना है तो विवेकानंद का अध्ययन करना पड़ेना। स्वामी जी के जीवन चरित्र से जीने की राह वाली पाँच कहानियां-भाव संस्कार, एकाग्रचित, असली खुशी तथा निर्भीकता का जिक्र किया। रामकृष्ण मठ रामकृष्ण मिशन तथा बेलूर मठ की स्थापना स्वामी जी ने किया।
डॉ. वैष्णव ने आगे कहा कि शिकागो (अमेरिका) में आयोजित किश्व धर्म संसद में 11 सितम्बर 1893 को अपने ऐतिहासिक भाषण से विवेकानंद ने भारतीय सनातन संस्कृति व हिन्दू धर्म की विशेषताओं एवं मान्यताओं को पूरे यूरोप में पुनस्थापित कर दिया था। परतंत्रता के समय भारतीय समाज में स्वाभिमान जगाने का कार्य किया। देश में राष्ट्रवाद का विकास हुआ। अंत में सभी विद्यार्थियों को आह्वान करते कहा कि भारत को जानो, भरत को मानो, भारत के बनो और भारत को बनाओ।
कार्यक्रम में मंचीय प्रस्तुति में स्वामी जी भारतमाता तथा छत्तीसगढ़ महतारी की झांकी विशेष सराहनीय रहा। इसके साथ ही एन.एस.एस. विशेष शिविर में शामिल रहे 50 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन संजना बघेल कक्षा बी.एस.सी. (पूर्व) तथा आर के साह (अतिथि व्याख्याता) ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ के.के. पटेल एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी ने किया।
इस अवसर पर डॉ. हिमेश्वर चन्द्रा सोनसाय भारद्वाज, शकुन्तला राकेश, मनटोरी भारती (सभी अतिथि व्याख्याता) गिरिजा रानी कैवर्त्य (ज.मा.शि.) एस.के. यादव, टी.आर. साहू (दोनो सहा. ग्रेड-तीन) संगीता वैष्णव, राजेश कुर्रे, टिकेश्वरी ध्रुव सहित भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कलेश्वर सिंह (सहा. कार्यक्रम अधिकारी) वरिष्ठ स्वयंसेवक नारायण साहू गितेश्वरी, चमेली, ओंकार, सोनिया, केशरी, विमल, सूर्या तथा प्रभात का विशेष योगदान रहा।


