बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 जनवरी। जिले के आधा दर्जन से अधिक सरकारी दफ्तर समेत उच्च शिक्षा विभाग केवल प्रभारी के भरोसे संचालित हंै।प्रभारी या अतिरिक्त प्रभारी के द्वारा कार्यालय किस प्रकार किया जाता है, यह सर्वविदित है। इसका खामियाजा आमजनों को उठाना पड़ रहा है।
विभागीय मुख्यालयों में पूर्णकालिक अधिकारियों के होने के बावजूद जिले के अधिकांश विभागों को केवल प्रभारी के भरोसे छोड़ दिए जाने से जिले के विकास की गति में कमी नजर आ रही है। वहीं महाविद्यालयों में पूर्णकालिक प्राचार्य ना होने से जिले के उच्च शिक्षा की गुणवत्ता लगातार प्रभावित हो रही है।
नई सरकार के गठन पश्चात बलौदाबाजार को प्रथमबार मंत्री मिलने के बाद लोगों को उम्मीद है कि अब जिला मुख्यालय के शासकीय विभागों समेत जिले के महाविद्यालय प्रभारियों की छाया से मुक्त होंगे।
विदित हो कि जिले में कई महत्वपूर्ण विभाग बीते कई माह या वर्षों से केवल प्रभारी या अतिरिक्त प्रभारी के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं, जिसका असर जिले के विकास पर अब नजर आ रहा है।
जिले में लोक निर्माण विभाग आदिम जाति कल्याण विभाग जल संसाधन विभाग शिक्षा विभाग से लेकर रोजगार कार्यालय तक ऐसे दर्जनों विभाग हैं, जहां प्रतिदिन सैकड़ों युवक-युवती ग्रामीणजन अपने शासकीय कार्यों रोजगार पंजीयन या अन्य विभाग की जानकारी जैसे कार्यों के लिए पहुंचते हैं, परंतु विभागीय अधिकारी के मुख्यालय पर उपस्थित न होने की वजह से उन्हें निराश लौटना पड़ता है।
आज कल्याण विभाग की प्रभारी के भरोसे
जानकारी के अनुसार जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी प्रभारी के ही भरोसे है। इसकी वजह से जिले के बालक बालिका छात्रावासों का रखरखाव, नियुक्तियां, भोजन भत्ते आदि को लेकर बीते कई महीनों से आम जनों की शिकायतें आ रही हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग शिक्षा विभाग जल संसाधन विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग में प्रभारी अधिकारियों के भरोसे हैं।
एक-दो दिन ही अफसर नजर आते हैं
विभागीय सूत्रों के अनुसार बलौदाबाजार का अतिरिक्त प्रभार होने की वजह से सप्ताह में एक-दो दिन ही अधिकारी कर्मचारी बलौदाबाजार में नजर आते हैं। जिला मुख्यालय के शासकीय विभागों में पूर्णकालिक अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर कभी जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों द्वारा भी पहल नहीं की गई है इसका खामियाजा आमजनों को उठाना पड़ रहा है।


