बलौदा बाजार

धूप और गर्मी से खेतों में दरारें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
04-Sep-2023 7:12 PM
 धूप और गर्मी से खेतों में दरारें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

   समय पर बारिश नहीं होने से खेती-किसानी पिछड़ी   
 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 4 सितंबर।
जिले में मानसून इस साल रुकता हुआ नजर आ रहा है।  तेज धूप तथा गर्मी के मारे लोगों का बुरा हाल है। तेज गर्मी का असर भूजल स्तर से लेकर धान की फसल तक पर नजर आ रहा है। कई स्थानों पर धूप और गर्मी के कारण धान लगे खेतों में दरारें नजर आने लगी हैं। जिसका असर धान की फसल पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। तेज धूप की वजह से खेतों की नमी भी तेजी से सूखती जा रही है। मौसम की बेरुखी के कारण अकाल की आशंका से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। 

बलौदाबाजार ब्लॉक समेत पूरे जिले में अच्छी बारिश नहीं होने से जिले में इस वर्ष कृषि कार्य बेहद बिछडऩे लगे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार फिलहाल जिले में धान की फसल के नुकसान की स्थिति नहीं है, परंतु यदि इसी प्रकार बारिश न हुई तथा तेज धूप रही तो आगामी 8-10 दिनों के बाद धान की फसल को नुकसान की आशंका हो सकती है।

विदित हो कि इस वर्ष मौसम विशेषज्ञों ने जोरदार मानसून की भविष्यवाणी की थी, जिसके बाद प्रदेश सहित बलौदाबाजार जिले में समय से मानसून ने दस्तक भी दे दी थी। जुलाई के तीसरे सप्ताह तथा चौथे सप्ताह में जिले में पर्याप्त बारिश भी हो गई थी, परंतु बीते पखवाड़े भर से अधिक समय से लोकल सिस्टम नहीं बनने के कारण बारिश रुक गई है। मानसून के शुरुआती दिनों के बाद से बारिश रुकने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। लोगों की चिंता की बड़ी वजह तापमान का तेज होना है। नगर में इन दिनों तेज धूप के साथ ही साथ प्रतिदिन का तापमान 34-35 डिग्री चल रहा है।

जल्दी बारिश नहीं होने पर बड़ा नुकसान 
किसान भोंदू पटेल, दुलार पटेल आदि ने बताया कि निर्धारित समय पर बारिश होने पर धान की रोपाई कर दी, दवा का छिडक़ाव भी किया जा चुका है। अभी खेतों में पानी भरा होना चाहिए, जिससे आगामी दिनों में बाली निकलने में सहायता होगी, परंतु तेज गर्मी ने खेत की नमी को भी सूखा दिया है और खेतों में दरारें आ गई हैं। किसानों का कहना है कि जल्द से जल्द अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो नुकसान होगा।

बीते वर्ष की तुलना में कम हुई है बारिश 
जिले में कमजोर बारिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 31 अगस्त 2022 तक जिले में जहां 131 फीसदी बारिश हो चुकी थी, वहीं इस वर्ष से 31 अगस्त 2023 तक जिले में महज 87 फीसदी ही बारिश हुई है। यह औसत बारिश से बेहद कम है। 

जिले के बलौदा बाजार, कसडोल, लवन तथा भाटापारा ब्लॉक में तो इस वर्ष बारिश अपने औसत बारिश के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई है। वहीं जिले के नवीन ब्लॉकों सुहेला सोना खान तथा टुंडरा में भी बारिश का आंकड़ा औसत बारिश से भी काम है।

बारिश का इंतजार करें-सहायक संचालक कृषि 
कृषि विभाग के सहायक संचालक ए न के भारद्वाज ने बताया कि अभी जिले में धान के खेतों में प्राप्त नहीं है नुकसान वाली स्थिति फिलहाल नहीं है। परंतु यदि 8-10 दिनों तक इसी प्रकार का मौसम रहा और बारिश नहीं हुई तो खेतों में गहरी दरार पढऩे पर धान के छोटे-छोटे पौधों को नुकसान होगा। ऐसी स्थिति में कृषि विभाग का कंटिजेंट प्लान तैयार किया जाएगा। किसानों के नुकसान को कम से कम करने के लिए दलहन तिलहन का उत्पादन करने के लिए तैयार किया जाएगा।

किसानों को बारिश का इंतजार 
बादलों की आंख मिचौली से अंचल के अन्नदाता किसान चिंतित हंै व बादलों को देखते ही कुछ देर आशान्वित होकर ईश्वर से प्रार्थना करते हुए बारिश होने की आस में हर्षित मुद्रा में आसमान की ओर आशा भरी निगाहों से निहारतें हैं, किंतु कुछ ही देर बाद बादलों के छट जाने और धूप निकलने पर सिर पकड़ कर अत्यधिक चिंतित होकर निहारते हैं।

जिले के ब्लॉकों में बारिश की स्थिति              
ब्लॉक 2022-2023 
सिमगा        112          892
बलौदाबाजार 1399      658 
कसडोल         1105    617 
लवन            912         633 
पलारी          1015      776 
भाटापारा      816       677 
(बारिश के आंकड़े मिलीमीटर में अगस्त तक)
 


अन्य पोस्ट