बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 अगस्त। छत्तीसगढ़ के चुनाव में ‘धान’ के हंसिये से वोटों की फसल काटने की तैयारी पूरी है। इस बार दांव धान की कीमत के साथ, धान खरीदी की सीमा पर भी लगेगा। घोषणा करने वालों के दांव सही लगे तो अगले खरीफ सीजन में सरकार प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान 2800 रुपए की दर से खरीदेगी।
अभी तक सरकार किसानों से प्रति एकड़ अधिकतम 15 क्विंटल धान की फसल 2500 रुपए क्विंटल के हिसाब से खरीद रही है। अगर खरीदी 2500 रुपए क्विंटल से भी होती है तो 5 क्विंटल ज्यादा खरीदी होने से जिले में 8 लाख क्विंटल धान की ज्यादा खरीदी होगी। इस बार किसानों को 200 करोड़ रुपए का ज्यादा भुगतान होगा।
4 साल पहले 1 लाख 81 हजार 830 हेक्टर था पंजीकृत रकबा: साल 2018-19 से 2500 रुपए समर्थन मूल्य में धान खरीदी होने से हर साल किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके साथ रकबा भी बढ़ा और धान की सफल लेने वाले किसानों की संख्या भी बढ़ी है। साल 2018-19 में अविभाजित जिले में 1 लाख 81 हजार 830 हेक्टेयर रकबे का पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान बेचने हुआ था।
4 साल बाद इसकी संख्या 16 हजार 853 हेक्टेयर बढक़र 1 लाख 98 हजार 683 हेक्टेयर हो गई है। वहीं बिलाईगढ़ विकासखण्ड के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में शामिल हो जाने के बाद भी विभाजित जिले में पिछले साल 1 लाख 72 हजार 657 हेक्ट. हो गया है।
खाद्य अधिकारी विमल दुबे ने जानकारी दी है कि किसी भी तरह की फर्जी खरीदी रोकने के लिए इस साल आधार नंबर बायोमेट्रिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसमें धान बेचने के लिए किसानों को स्वयं अथवा उनके द्वारा नामित व्यक्ति धान बेचते समय अपने अंगूठे के निशान की मदद से आधार कार्ड पर आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बायोमेट्रिक पंजीयन की जानकारी लेने समितियों में पहुंच रहे किसान।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी रवि शर्मा ने कहा किसान पंजीयन के लिए किसानों के आधार नंबर की जानकारी जरूरी है। बीते खरीफ वर्ष 2022-23 के पंजीकृत किसान जिनके रकबे में संशोधन नहीं होना है, ऐसे किसानों की जानकारी सहकारी समितियों द्वारा अपलोड होगी।
खरीफ सीजन 2023-24 में धान खरीदी करने के लिए शासन द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली लागू की जा रही है। जिस तरह से पीडीएस की दुकान पर राशन लेने के लिए अंगूठा लगाना पड़ता है, अब उसी तरह किसानों को धान बेचते समय अंगूठा लगाना पड़ेगा।
किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान कोई असुविधा न हो, इसके लिए उनके परिवार व रिश्तेदारों को नॉमिनी बनाने की सुविधा दी गई है। जिसके आधार पर स्वयं उपस्थित होकर या उनके द्वारा बनाए गए नॉमिनी द्वारा धान की बिक्री की जा सकती है।


