बलौदा बाजार

श्रम निरीक्षक सहित 4 के खिलाफ योजना राशि गबन मामले में एफआईआर दर्ज
19-Aug-2023 8:11 PM
श्रम निरीक्षक सहित 4 के खिलाफ योजना राशि गबन मामले में एफआईआर दर्ज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 19 अगस्त। श्रम निरीक्षक सहित 4 के खिलाफ योजना राशि गबन मामले में एफआईआर दर्ज किया गयाहै।

जिला श्रम विभाग बलौदाबाजार पर लगातार एजेंटों से मिलकर योजना राशि को धोखे से गबन सहित कई प्रकार से भ्रष्टाचार किये जाने के आरोप लग रहे हैं। विगत कुछ दिनों से लगातार शपथ पत्र सहित कुल 14 पीडि़तों तीजन बाई ध्रुव, रम्हीन ध्रुव, टिकेश्वरी ध्रुव तीनों ग्राम कोलियारी, सुशीला ध्रुव, विद्या यादव, सेवक ठाकुर ग्राम करमदा, लोमश ध्रुव ग्राम बुडग़हन एवं पंचराम ग्राम धवई, बिसाली राम निषाद, रतनसिंह ध्रुव ग्राम बुडग़हन, श्यामबाई वर्मा, रायसिंह निषाद, बैसाखू साहू, परेमिन ध्रुव ग्राम करमदा, निवासी ने पुलिस थाना सिटी कोतवाली सहित उच्च अधिकारियों के समक्ष की थी।

लिखित शिकायत, जिस पर कोतवाली थाना प्रभारी अमित तिवारी ने संज्ञान में लेकर तत्परता दिखाते हुए अपनी टीम सहित विधिवत जॉच कराकर आखिरकार आरोपी  मनोज मंडलेश्वर श्रम निरीक्षक,  मीना वर्मा ग्राम रवान,  रूखमणी वर्मा, ग्राम करमदा,  सुमित्रा ध्रुव ग्राम कोडापार भाटापारा के विरुध्द पुलिस ने धारा 34, 409, 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबध्द किया है।

मामला इस प्रकार है कि प्रार्थीगणों के स्व. पति / पिता/माता/पुत्र के नाम से श्रम विभाग में छत्तीसगढ़ भवन सन्निर्माण योजना के तहत पंजीयन था, जिसके अंतर्गत मृत्यु होने पर मृतक की नॉमिनी को 1 लाख रूपये की अनुदान राशि मिलती है द्य उनकी मृत्यु होने पर योजना का लाभ लेने पीडि़त सभी अपने-अपने हिसाब से संयुक्त कलेक्टर कार्यालय बलौदाबाजार के जिला श्रम विभाग कार्यालय पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात उस दौरान पदस्थ श्रम निरीक्षक से हुई। उक्त श्रम निरीक्षक ने पीडि़त महिलाओं को ग्राम रवान निवासी मीना वर्मा से परिचय कराया कि यह श्रम कार्यालय में एजेंट के रूप में कार्य करती है और मीना वर्मा ही आपको योजना का लाभ दिला सकती है। श्रम निरीक्षक ने सारे दस्तावेज मीना वर्मा के पास जमा करने को कहा और जैसा मीना वर्मा कहेगी वैसे ही करने को बोले।

पीडि़तों ने शिकायत पत्र में यह भी बताया कि श्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में हमने सारे दस्तावेज मीना वर्मा को दे दिये। कुछ दिनों बाद मीना वर्मा, श्रम विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटर भूपेंद्र सिंह कंवर, रुखमणी वर्मा ग्राम करमदा, भगवती ध्रुव ग्राम करमदा, शकुन ध्रुव ग्राम बुडग़हन आदि प्रार्थीगणों के घर आकर ऑनलाईन आवेदन के नाम पर अपने साथ लाये समस्त दस्तावेजों में हस्ताक्षर कराया और अपने साथ लाये लैपटॉप कंप्यूटर मशीन में अंगूठे का निशान भी लिया था।

प्रार्थीगण जब भी श्रम विभाग के श्रम निरीक्षक एवं एजेंट मीना वर्मा से सम्पर्क कर अनुदान राशि की स्वीकृति के बारे में पूछते थे तो उक्त दोनों ही व्यक्ति कोई ना कोई बहाना बना कर उन्हें वापस भेज देते थे। हाल ही में जब बड़ी मुश्किल मदद के बाद सभी पीडि़तों को ऑनलाईन के माध्यम से पता चला कि उनकी राशि लगभग डेढ़ से 2 वर्ष पहले ही सभी की राशि स्वीकृत होकर बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा भाटापारा के खाते में चली गई है, जबकि पीडि़तों का कहना है कि हमने कभी भी उक्त बैंक में खाता खुलवाने नहीं गये और ना ही कभी एटीएम आदि प्राप्त करने गये।

बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा भाटापारा में खोले गए खातों में मोबाइल नंबर किसी और का एटीएम, पासबुक कोई और ले गया, आरोपी सुमित्रा ध्रुव बैंक से ले जाती थी एटीएम और पासबुक।

पीडि़तों के शिकायत पत्र अनुसार वे खुद परेशान है कि बिना उनकी सहमति/उपस्थिति से आखिर बैंक में खाता खुला कैसे ? इस प्रकार की प्रतिक्रियां से अब प्रार्थीगणों को यकीन हो गया है कि श्रम निरीक्षक, एजेंट मीना वर्मा बैंक के अधिकारी/कर्मचारी आदि ने कूटरचना रचकर उनकी राशि गबन की है। जिस पर पीडि़त सभी प्रार्थीगणों ने स्थानीय पुलिस थाने में अपराध पंजीबध्द कर दंडात्मक कार्यवाही सहित योजना की उक्त गबन राशि लौटने की भी मांग शपथ पत्र सहित शिकायत पत्र में लिखित में की है।


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