बलौदा बाजार
कर दिया नदी की रेत में, पहली बाढ़ में बह गए पौधे, बोर्ड में विभाग ने छुपाई स्वीकृत राशि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 अगस्त। जिले के वन परिक्षेत्र बलौदाबाजार के ग्राम सिरियाडीह में नदी तट पर पौधारोपण में लापरवाही का मामला सामने आया है।
आरोप है कि ग्राम पंचायत के समुदाय एवं संगठनों के सुझावों की अनदेखी करते हुए नदी किनारे रेट में 33000 पौधों की विभिन्न प्रजातियों का रोपण 30 हेक्टेयर में कर दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि पहली बारिश के उफान में ही पूर्व पौधारोपण लापरवाही की भेंट चढ़ गया और तमाम पौधे बह गए, फेंसिंग बह गई, जिससे लाखों रुपए की शासन को क्षति हुई है और पौधारोपण करने से पूर्व स्थान का चिन्हांकन करने में जिम्मेदारों ने घोर लापरवाही बरती।
बताया जाता है कि अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों के सुझावों को भी अनदेखी कर दी एवं नदी की रेत में मिश्रित प्रजाति के आम, नीम, अर्जुन, शिशु, जामुन, इमली के 33000 पौधों के रोपण का दावा किया है। रोपण किए गए बारिश में अधिकांश पौधे बह गए और अधिकांश पौधे अभी भी पानी की डुबान में खड़े हैं।
बड़े पैमाने पर इस पौधारोपण को नुकसान पहुंचा और शासन को क्षाति हुई है। बड़ी बात यह है कि इस पौधारोपण के लिए विभाग द्वारा लगाए गए बोर्ड में कार्य की स्वीकृत राशि का भी उल्लेख नहीं किया गया। जबकि नियमानुसार स्वीकृत राशि का उल्लेख करना था। स्वीकृत राशि का उल्लेख न करने के कारण विभाग के जिम्मेदारों की मंशा पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
इस संबंध में प्रभारी डिप्टी रेंजर खांडेकर ने कहा कि सभी पौधे नहीं बहे हैं एवं जो क्षति हुई है उन्हें पुन: दुरस्त कराया जाएगा। इस संबंध में डीएफओ मयंक अग्रवाल का पक्ष जानना शेष है, पर उनसे बातचीत नहीं हो पाई है।


