बलौदा बाजार

भाजपा सरकार हमेशा से मजदूर विरोधी सरकार है-पप्पू अली
14-Aug-2023 10:56 AM
भाजपा सरकार हमेशा से मजदूर विरोधी सरकार है-पप्पू अली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भाटापारा, 13 अगस्त। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष पप्पू अली ने बताया कि मजदूर श्रम कानूनों को निरंतर बदलाव करते हुए जिस तरह से मजदूरों के हित की रक्षा करने से सरकार अपने दायित्वों का निर्वाहन न करके हमेशा मजदूरों को धोखा दिया है। केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों मे 29 श्रम कानूनों को समिश्रित किया है और मजदूरी संहिता,औद्योगिक संबंध संहिता समाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्यस्थल की स्तिथि संहिता पारित की है।

इन सभी श्रम संहिताओं को समिश्रित करने की आड़ में मजदूरों का गला घोटकर उन्हें नियोक्ता के दांव से सांधने की योजना है। केंद्र सरकार ने 2019 मे सत्ता में आते ही फिर से ऐसा कानून लागू कर दिया। केंद्र सरकार के अधीन कई उद्योग में इसका क्रियान्वयन शुरु हुआ तो कही नियोक्ता इसका मनमानी फायदा उठाने लगे। उसके मुताबिक अब लेवर कोर्ट के स्थान पर लेवर आर्बिटे्शन सेटलमेंट संस्थाएं बनने जा रही है। मैं इन सभी रुझानों के बारे में सोचना रहता था और लगातार कहता रहा कि देश अराजकता की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की नीति से अब वह करीब आता दिख रहा है। किसान विरोधी कानून देश भर में फूटे असंतोष को भूल नहीं सकते। केंद्र सरकार को अंतत: पीछे हटना पड़ा लेकिन आज भी कृषि उत्पादन न्यूनतम रूप से निर्भर है।

 दाम (न्यूनतम समर्थन मूल्य) देकर किसान की आय दोगुनी करनें की घोषणा करने वाली सरकार ने इस मामले में एक इंच भी आगे नहीं बढ़ाया है। कोई स्थाई नौकरी नहीं है, क्योंकि सभी सविदा पर है। वुद्धवस्था में दी जाने वाली अल्प पेंशन भीख का कटोरा है। सरकार ने सस्टेनेबल से अनसस्टेनेबल की ओर बढऩा शुरु कर दिया है। समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो महंगा पड़ेगा। श्रम कानूनों में बदलाव से मजदूरों के मन में इसी तरह का असंतोष पनप रहा है। यह सरकार तब भस्म हो जाएगी जब इसका ज्वालामुखी फूटेगा और ऐसा हुए बिना नहीं रहेगा। इसकी शुरुआत कर्नाटक से हो गई है।


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