बलौदा बाजार

पुल नहीं, जान जोखिम में डालकर रोज नाला पार कर काम पर जाते हैं मजदूर
31-Jul-2023 3:56 PM
पुल नहीं, जान जोखिम में डालकर रोज नाला पार कर काम पर जाते हैं मजदूर

पार नहीं किया तो 10 किलोमीटर अतिरिक्त सफर की मजबूरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 31 जुलाई।
  सुहेला ग्राम अमाकोनी और पडकीगांव के लोग नाले पर पुल नहीं होने के कारण परेशान हैै। बरसात के दिनों में उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। उफनते नाले को पार कर काम पर जाना पड़ता हैै। जान जोखिम में डालकर यदि नाला पार न करें तो उन्हें 10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ेगा। 

पडक़ीडीह के 20 से 25 किसानों के 100 एकड़ से ज्यादा खेत नाले के उस पार है। काम करने के लिए उन्हें नाला पार करना पड़ता है। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में इस क्षेत्र में मजदूर नाला पार कर सीमेंट संयंत्रों में काम करने के लिए जाते हैं। सालों से लोग पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन वे आज भी ऐसे ही जान को जोखिम में डालने के लिए मजबूर हैं।

महज 1 किलोमीटर के लिए तय करना पड़ता है 10 किलोमीटर 

खपराडीह समिति के अध्यक्ष और बडक़ीडीह किसान जितेन वर्मा ने बताया कि उनकी 11 एकड़ जमीन नाला के उस पार है। जिसकी रोपाई खाद का छिडक़ाव फसल का देखरेख धान की कटाई सारा कार्य नाला पार करके जाना पड़ता है। जबकि कई बार नाला में बाढ़ आने के कारण महज 1 किलोमीटर दूर खेत जाने के लिए सुहेला स्टोन क्रेशर एरिया रानी जरोद मानिकपुर अमाकोनी आदि गांव से 10 किलोमीटर दूर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर आना जाना पड़ता है। लगभग 6 एकड़ के किसान पोषण वर्मा एक बार सिर में घास की गठरी रखकर तो दूसरी बार अपनी साइकिल रखकर घुटने के ऊपर लगभग 2 से ढाई फीट पानी नाले की तेज बहाव को पार कर रहा था। 

उन्होंने बताया कि बलौदाबाजार विधानसभा के पूर्व विधायक गणेश शंकर बाजपेई, लक्ष्मी वर्मा, जनक राम वर्मा और वर्तमान विधायक प्रमोद शर्मा से नाले में पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं परंतु विधानसभा का एक और कार्यकाल निकलने जा रहा है और हमें आज भी ठीक उसी तरीके से नाला पार करके खेती करना पढ़ रहा है। हमें दशकों से यह परेशानी है।

संयंत्रों से मिलने वाले डीएमएफ से भी बन सकता है पुल 

लोगों ने बताया कि यदि संयंत्र द्वारा दिए जाने वाले 1 महीने का डीएमएफ फंड की राशि को भी पुलिया निर्माण में लगाया जाए तो उच्च स्तरीय ब्रिज बन सकता है। मिली जानकारी के अनुसार उक्त पुल निर्माण हेतु पीडब्ल्यूडी के ब्रिज विभाग द्वारा कई बार सर्वे कर पुल निर्माण हेतु स्टेटमेंट भेजा जा चुका है परंतु बजट में राशि नहीं मिल पाने के कारण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है।

कभी बाइक बहती है कभी चोट लगती है 

ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में भी अमाकोनी टेकारी मानिकपुर अमेठी जेठानी देवरानी फरहदा आदि गांव के 100 से अधिक मजदूर सहित दर्जनों ग्रामीण प्रतिदिन 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी से बचने के लिए इस पार से उस पार और अंचल में स्थापित रायपुर श्री सीमेंट खपराडीह और अल्ट्राटेक सीमेंट रावन में उठते हुए इसी बजारी नाला को पार करके आते जाते कभी किसी का बाइक बह जाता है तो गिरकर चोटिल हो जाता है। पिछले साल बाढ़ के समय एक ट्रक फस गया था जो पानी उतरने के बाद काफी मशक्कत के बाद निकला जा सका था। इस मामले में पुल बनाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है स्वीकृत होने पर ही पुल बन पाएगा।
 


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