बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 15 अप्रैल। गर्मी में इस वर्ष पहली बार जल संसाधन विभाग द्वारा गंगरेल से पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार 11 अप्रैल तक नगर के तालाबों का पानी पहुंचा गया। इससे नगर के चिन्नास्वामी तलाब समेत अन्य तालाबों को भरे जाने का रास्ता आसान हुआ है। अधिकारियों की इच्छाशक्ति के अभाव के चलते नगर के दो प्रमुख तालाबों राम सागर तालाब तथा रानी सागर तालाब को भरने वाली नहर को अतिक्रमण मुक्त ना करा पाने की वजह से इन तालाबों को नहरों से प्रदान किए जाने वाले पूरी तरह साफ पानी से भरा जाना फिलहाल कठिन होता जा रहा हैं।
यही स्थिति रही तो भविष्य में इन तालाबों के अस्तित्व पर भी अब संकट मंडराने की आशंका है। जल संसाधन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार शाम तक गंगरेल से छोड़ा गया पानी बलौदाबाजार पहुंच गया। और नगर के तालाब भी भरे जाने लगे हैं। नगर पालिका द्वारा तालाबों को भरने वाली नहरों की पूर्व से ही पूरी तरह से सफाई कराए जाने से चिन्नास्वामी और मुरूम खदान तालाब को वर्तमान में भरा जा रहा है।
विदित हो कि इस वर्ष बलौदाबाजार नगर पालिका क्षेत्र के तालाबों को गंगरेल जलाशय से छोड़ा हुआ पानी सोमवार को मिलने लगा है। जल संसाधन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष भाटापारा शाखा में 538 लवन शाखा नहर में 435 और बलोदा बाजार ब्रांच केनाल में 570 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड पानी छोड़ा गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा गंगरेल से छोड़े गए पानी से 260 ग्रामों के 485 तालाबों को भरने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंगलवार तक 58 ग्रामों के 50 तालाबों को भरा भी जा चुका है। नगर में अब तक किसी भी वार्ड में जल संकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई है।
कई दिनों से बंद पड़े बोर में पानी आया
नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद सबसे ज्यादा खुश नहरों के किनारे रहने वाले लोग हैं। नहरों में पानी भरे रहने से आसपास निवास करने वाले लोगों की बंद पड़ी बोरिंग और सूख चुके कुआं में फिर से पानी आने लगा है। गार्डन चौक, कमल कॉलोनी निवासी लोगों ने बताया कि उनके घरों के कुएं और हैंडपंपों से करीब 10 दिनों से पानी आना कम हो गया था। परंतु बीते दो-तीन दिनों से नहरों के पानी से भरे होने के बाद से कुएं और हैंडपंपों रिचार्ज हो गया है।
भूजल रिचार्ज पर ध्यान नहीं
नगर के बुद्धिजीवी के अनुसार समूचे नगर के लिए इन नहरों का अस्तित्व सबसे प्रमुख है। नहर द्वारा ही तालाबों को प्रतिवर्ष ग्रीष्म काल में भरा जाता है। वही किसानों ही पानी मिल पाता है। परंतु नेहरू पर अतिक्रमण तथा गंदगी की वजह से लगातार नहरों और तालाबों की दुर्दशा हो रही । नगर वासियों को भी इन नहरों के रखरखाव के लिए सहयोग करना चाहिए साथ ही सिंचाई विभाग तथा नगरपालिका को भी नहरों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।