बलौदा बाजार

निस्तारी तालाबों के पैठू पर अस्तित्व का संकट
14-Apr-2023 4:03 PM
निस्तारी तालाबों के पैठू पर अस्तित्व का संकट

घरों की निस्तारी कचरा उड़ैलने व अवैध कब्जे की चल रहे भेंट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 अप्रैल
। बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के प्रमुख प्राचीन तालाबों में पैठू अवैध कब्जा की वजह से अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैंैं। अधिकांश स्थानों पर पैठू में आसपास के मोहल्ले वासी गैर जिम्मेदार तरीके से घरों के नाली की निकासी के अलावा कचरा डाल रहे हैं। जिससे पैठू पटने के कगार पर पहुंच चुका हैै। यही स्थिति ऐतिहासिक रामसागर तालाब के पैठू की भी है जो अतिक्रमण तथा रखरखाव ना होने की वजह से अत्यधिक दूषित हो चुका है। यही नहीं है पूरे पैठू जलकुंभी से अटा पड़ा हुआ है। पूर्व के वर्षों में इस हेतु कुछ जागरूक युवाओं व प्रशासन द्वारा पहल कर पैठू की साफ-सफाई कराया गया था परंतु बाद में गैर जिम्मेदारों की वजह से पैठू यथा स्थिति में पहुंच चुका है।

विदित हो कि नगर के सार्वजनिक प्राचीन व बड़े रामसागर तालाब को भीष्म काल में भरे जाने हेतु छुईहा के समीप से गुजरी बीबीसी कैनाल का उपयोग किया जा रहा है। नहरों के माध्यम से यह पानी रामसागर तालाब पिपराहा तालाब के पैठू तक पहुंचता है। विशेषकर रामसागर तालाब के पैठू जो किसी छोटे तलाब से कम नहीं हैं।  इसमें पहले नहर का पानी पहुंचता है। इसके पश्चात इससे जुड़े रामसागर तालाब में जलभराव होता हैै। पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से रामसागर तालाब का पैठू लुप्त होने के कगार पर है। इसके आधे से ज्यादा भाग पर वर्तमान में अतिक्रमण हो चुका है। तीन चार बार प्रशासन द्वारा जन सहयोग से रामसागर तक पहुंचने वाली नहर व पैठू पर किए गए अवैध कब्जे हटाया भी गया है, परंतु चार से पांच माह अवैध कब्जाधारी पुन: का बीज हो जाते हैं। जिनके दर्जनों घरों की निस्तारी तथा सीवरेज का पानी पैठू में उड़ेला जा रहा है।

गैर जिम्मेदार लोगों की वजह से अब पैठू गंदगी से पूरी तरह पढ़ चुका है। इसके चलते नहरों के माध्यम से पैठू में पहुंचा पानी और अधिक दूषित होकर तलाब तक पहुंच रहा है। जिससे निस्तारित करने वाले लोगों को चर्म रोग उत्पन्न हो रहा है। इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में वर्षों में रामसागर तालाब अपने स्वच्छ जल के लिए प्रसिद्ध था। इसके पानी का उपयोग तालाब के किनारे स्थित प्राचीन धर्मशाला व दर्जनों घरों के लोगों द्वारा दाल पकाने के लिए किया जाता था।

पैठू करता है प्राकृतिक का कार्य
सामान्य तौर पर पैठू तालाब के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण इकाई है इस बैठकों के माध्यम से तालाब के कैचमेंट क्षेत्र से बारिश के दौरान पानी तालाबों तक पहुंचता है। पैठू की संरचना इस प्रकार होती है कि बारिश के साथ बहकर आई गंदगी व कचरा पैठू में ही रुक जाता है। जबकि अपेक्षाकृत साफ पानी तालाब में पहुंचता है वर्तमान में यहीं पैठू अत्यधिक दूषित हो चुके हैं। जिसका दुष्प्रभाव तालाबों के स्वच्छ पानी पर भी पडऩे लगता है। जनहित में नगर के प्रमुख तालाबों के बैठक का सर्वे कर इनके कचीमेट एरिया में किए गए अतिक्रमण को हटाने के अलावा सफाई के आवश्यकता जागरूक एवं नगर वासियों द्वारा महसूस किया जा रहा है।


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