बलौदा बाजार

जल जीवन मिशन का कार्य धीमी गति से, टैंकर से पेयजल आपूर्ति
13-Mar-2023 2:42 PM
जल जीवन मिशन का कार्य धीमी गति से, टैंकर से पेयजल आपूर्ति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 मार्च।
अंबुजा (अदानी) सीमेंट संयंत्र के माइंस से लगा हुआ ग्राम पंचायत भरसेली के निवासी मार्च माह के प्रारंभ से ही पेयजल का व निस्तारी की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं पंचायत के आश्रित ग्राम छुईहा मालगुजार में मिशन जल जीवन के तहत कार्य कछुआ गति से जारी रहने ठेकेदार की मनमानी के चलते अपूर्ण पड़ा हुआ है। फिलहाल ग्राम पंचायत में पेयजल आपूर्ति हेतु टैंकर का संचालन किया जा रहा है।

विदित हो कि जिला मुख्यालय से महज 6 से 7 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत भरसेली अंबुजा सीमेंट संयंत्र के गहरे माइंड से लगा हुआ है। यहां के करीब 900 ग्रामीण इस निस्तारी हेतु एकमात्र तालाब के भरोसे आश्रित हैं। जबकि पूरे ग्राम के सार्वजनिक बोर अथवा हैंडपंप भूजल स्तर कम होने की वजह से बंद पड़े हुए हैं। ग्रामवासियों को किसी तरह पेयजल की आपूर्ति तालाब के समीप स्थित बोर से सार्वजनिक नलों के माध्यम से किया जा रहा था। परंतु बोर में लगे समर्सिबल पंप के अंदर गिर जाने से पिछले करीब 1 सप्ताह से ग्रामवासी पेयजल के लिए निजी बोर अथवा ग्राम पंचायत द्वारा टैंकर के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे। जल के सहारे काम चला रहे हैं। ग्राम में प्रवेश करते ही सौर ऊर्जा संचालित एक पंप स्थित है। जिसमें पानी निकलता तो है, परंतु इससे ग्रामवासियों की प्यास नहीं बुझाई जा सकती।

ग्राम का एकमात्र निस्तारी तालाब भी लगभग सूखने के कगार पर है। ग्रामीणों के अनुसार माइंस में खुदाई प्रारंभ होने के बाद भू जल स्तर साल दर साल गिरता जा रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को मामले को संज्ञान में लेकर माइंस के पानी से निस्तारी तालाब को भरने जाने की मांग किया है।

गौरतलब है कि जिला निर्माण के दौरान इंदिरा कॉलोनी डबरी के किनारे निवासरत तथा नगरपालिका बलौदा बाजार के मतदाता सांवरा डेरा के लोगों को कुकुरदी बंजर के पास बसाया गया था। जहां वह भीषण जल संकट से गुजर रहे हैं। बारिश के दौरान डेरा के सामने स्थित डबरी में पानी भरे रहने से निस्तारी की समस्या किसी तरह हल हो सकती है। परंतु वर्ष के करीब छह 8 महीने यहां डबरी पूरी तरह सूखी पड़ी रहती है।

डेरा के लोगों और नगर पालिका द्वारा टैंकर के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जाता है, परंतु ग्रीष्म काल के दौरान यह पर्याप्त नहीं होता है इसके चलते डेरा के लोग पेयजल हेतु ग्राम भरसेली के बोर अथवा सार्वजनिक नल पर आश्रित हैं। भरसेली के एकमात्र बोर से ही करीब 1 किमी दूरी दूर सांवरा डेरा तक पाइप लाइन बिछाकर जिला प्रशासन द्वारा पेयजल आपूर्ति किया जा रहा था, परंतु इस बोर के पंप के गिर जाने की वजह से डेरा के लोगों को पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। निस्तारी हेतु डेरा के लोग छुईहा जलाशय अथवा भरसेली के एकमात्र तालाब का उपयोग करते हैं परंतु महिलाओं को आने-जाने के दौरान 2 से 3 किमी की दूरी तय करना पड़ता है।

अंबुजा माइंस से जलापूर्ति की योजना पर लगा ग्रहण
जिला प्रशासन द्वारा अंबुजा (अडनी) सीमेंट की कुकुरदी के समीप स्थित गहरे खदानों से कुकुरदी बाइपास के समीप निर्मित हो रहे ।कृष्णाकुंज हुआ सांवरा डेरा में पानी आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा था। किंतु तकनीकी कारणों से यह योजना फलीभूत नहीं हो सकी। इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि जिले के सभी प्रमुख सीमेंट संयंत्रों द्वारा खदानों का विस्तार कर अत्यधिक गहराई तक खुदाई किया गया है। इसके द्वारा खदानों में एकत्र जल राशि का उपयोग संयंत्र के पावर प्लांट हेतु अधिकता से किया जाता है यदि प्रशासन सीएसआर मदद से संयंत्रों के आश्रित ग्राम में खदानों में एकत्र जल की आपूर्ति का प्रयास करें तो दर्जनों ग्रामों में भीषण काल के दौरान इस तारीख का संकट दूर हो सकता है।
 


अन्य पोस्ट