बलौदा बाजार

दस्तावेज अधूरे फिर भी टेंडर देने का आरोप, हाईकोर्ट में याचिका
27-Jul-2022 3:07 PM
दस्तावेज अधूरे फिर भी टेंडर देने का आरोप, हाईकोर्ट में याचिका

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 जुलाई।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अफसरों पर एक ठेका कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है। इसे लेकर कुछ ठेकेदारों ने मोर्चा खोल दिया है, एक कंपनी के ठेकेदार ने तो कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से शिकायत करने के बाद हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर दी है।

आरोप लगाने वाले ठेकेदार गजेन्द्र वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि जिला ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा 29 जून को सुहेला में 25 लाख 84 हजार रुपए की लागत से बनने वाले गार्डन निर्माण के लिए निविदा बुलाई गई थी। टेंडर की प्रक्रिया 15 दिन चली। जिसका एक पार्ट 18 जुलाई को और दूसरा पार्ट 19 जुलाई को खोला गया था। जिसके बाद टेंडर बालाजी कंट्रक्शन को दे दिया गया।

ठेकेदार वर्मा का आरोप है कि टेंडर भरने वालों को 3 वर्ष के आयकर विवरण और बैलेंस सीट लाभ-हानि विवरण की कॉपी, कर्मचारी भविष्य निधि का पंजीयन प्रमाण पत्र और 3 महीने से चालान की कॉपी जिसे ठेकेदार द्वारा पटाया जाता है, ये सभी प्रस्तुत करना होता है। लेकिन बालाजी कंट्रक्शन के ठेकेदार द्वारा उपरोक्त आवश्यक दस्तावेज सबमिट किए बिना ही ठेका दे दिया गया।

ठेकेदार की ओर से विभाग के अफसरों पर भी भेदभाव और सांठगांठ करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि विभाग के अफसर इन आरोपों को निराधार बता रहे हंै। इधर ये मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।

चहेतों को फायदा पहुंचाने का लगा आरोप
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने मार्च के बाद नए वित्त वर्ष में सिर्फ 4 महीनों में ही 5 करोड़ से अधिक के टेंडर जारी किए हैं जिसमें काफी ठेकेदारों ने निविदाएं डाली थीं। अब ठेकेदारों का आरोप है कि निविदा एकतरफा मानकों को बगैर देखे चहेते ठेकेदार को दे दी गई। इस विभाग में टेंडरों का खेल निराला है, कभी सारे टेंडर निरस्त कर दिए जाते हैं तो कभी अपने चहेते ठेकेदारों को काम देने के लिए मानकों को दरकिनार करने के आरोप लगते रहते हैं। निर्माण कार्यों में इस प्रकार की अनियमितताओं पर प्रशासन स्तर तक कई शिकायतें पहुंचती रही है मगर पहली बार यहां का मामला अब हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है।

ईई बोले- आरोप गलत है, नियम का पालन हुआ है
वर्मा का आरोप है कि दोनों शर्तों के दस्तावेज प्रस्तुत किए बिना ही ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बलौदाबाजार के कार्यपालन अभियंता ने अपूर्ण दस्तावेज की निविदा को मान्य कर दिया है जो कि प्रथम दृष्टया ही अवैधानिक है। इन आरोपों की सफाई में कार्यपालन अभियंता अशोक कुमार देवांगन का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में नियमों का पालन किया गया है। टेंडर प्रक्रिया मे निजी लाभ जैसे आरोप गलत है।
 


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