बलौदा बाजार
सेन समाज के मंगल भवन का लोकार्पण व दानदाताओं का सम्मान समारोह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 30 अप्रैल। पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि अशिक्षा के कारण सेन समाज पिछड़ रहा है। समाज के लोगों को अपने बच्चों और बच्चियों को अधिक शिक्षित करना होगा।
बलौदाबाजार सेन समाज ने समाज द्वारा मंगल भवन के प्रथम तल के लोकार्पण व दानदाताओं के सम्मान समारोह में वे मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रथम तल पर बने हाल का लोकार्पण कर समाज को समर्पित किया गया।
कार्यक्रम में कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा भी मौजूद थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधायक लक्ष्मी बघेल, जिला कांगे्रस अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर व भवानी प्रसाद श्रीवास थे। अध्यक्षता मूलेश्वर श्रीवास अध्यक्ष सेन समाज ने की।
मुख्य अतिथि श्री त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा चलाए जा रहे गरीब तबके के विद्यार्थियों के लिए आत्मानंद विद्यालय के बारे में बताया, जहां प्राइवेट स्कूलों की भांति अंगे्रजी की शिक्षा दी जा रही है, ताकि गरीब बच्चे भी बड़े घर के बच्चों की तरह शिक्षा प्राप्त कर उच्च स्थान प्राप्त कर सके।
उन्होंने समाज के भवन के रखरखाव व मरम्मत कराने के लिए शासन की ओर से पांच लाख रुपये दिलवाने की घोषणा भी की। कार्यक्रम में मंच संचालन अशोक ठाकुर पामगढ़ व आभार प्रदर्शन रामलाल सेन बांसबिनौरी ने किया। इस अवसर पर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष नंद कुमार साहू, गंभीर सिह ठाकुर, राजा तिवारी, अर्जुन सेन, कल्लू सेन, कन्हैया सेन, अखिलेश सेन, राजा सेन, भगवती सेन, बद्री सेन, आत्माराम सेन, जगदीश श्रीवास, प्रकाश सेन, विनय सेन, मुकेश चैहान, नूतन सेन, दिनेश श्रीवास, जयप्रकाश श्रीवास, कुसुम श्रीवास, सुकृता सेन, शैल सेन, देववती सेन सहित बड़ी संख्या में समाज के प्रबुद्घजन उपस्थित थे।
समाज में शिक्षा का अलख जगाना है-सुरेंद्र
कृषक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि सेन समाज के बिना हमारा कोई भी काम नहीं होता है। जन्म से मृत्यु तक सेन समाज अन्य समाज के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देता है। यह समाज निश्चल और संतोषप्रद जीवन जीने वाला होता है। पर सबसे बड़ी आवश्यकता है शिक्षा की जो आज यह समाज नहीं कर पा रहा है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है और समाज में शिक्षा का अलख जगाना है। साथ ही हमारे संस्कार और संस्कृति की रक्षा करना है।


