बलौदा बाजार

साप्ताहिक अवकाश के दिन पूर्ण बंद रखे जाने के थे निर्देश, कारोबारियों का समर्थन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 जनवरी। कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर शुक्रवार को नगर में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोडक़र शेष बाजार पूरी तरह से बंद रहा। व्यापारियों ने भी बंद को समर्थन दिया, वहीं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद चौक चौराहों पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग जानबूझकर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं, जो चिंता की बात है।
जिला प्रशासन के निर्देश पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिले के नगरी निकाय इलाकों में साप्ताहिक अवकाश के दिन पूर्ण बंद रखे जाने के निर्देश के बाद शुक्रवार को नगर के व्यवसायिक इलाके संपूर्ण रूप से बंद रहे। नगर के सदर रोड गांधी चौक रोड मंडी रोड पुराना नगर पालिका समेत नगर के सभी व्यवसायिक संस्थान बंद रहे, वहीं गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप, डेयरी फार्म, दवा दुकानें जैसी आवश्यक वस्तुओं की दुकानों में ही इक्का-दुक्का ग्राहक नजर आए। बाजार बंद होने की जानकारी पूर्व से ही प्रदान कर दी जाने की वजह से आम जन पूर्व से ही सब्जी फल समेत सामानों की खरीदारी कर चुके थे, जिसके चलते लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी पड़ी।
जिले में नया साल प्रारंभ होते ही कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके लोगों में टीकाकरण के साथ ही साथ कोरोना गाइडलाइन के पालन के लिए लगातार लापरवाही बरती जा रही है। कोरोना के केस लगातार मिलने के बावजूद नगर में अधिकांश लोगों द्वारा मासिक तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किए जा रहे हैं। चौक चौराहों से लेकर सार्वजनिक संस्थानों पर युवाओं की भीड़ उमड़ रही है, जो आने वाले दिनों में खतरे को और अधिक बढ़ सकता है।
नहीं मिल रही संक्रमितों की जानकारी
स्थानीय प्रशासन द्वारा संक्रमित होने कि केवल संख्या भर बताए जाने के बाद संक्रमितों की पहचान नहीं हो रही है, जिससे संक्रमण के और अधिक तेजी से फैलने का खतरा बन चुका है।
जानकारी के अनुसार नगर में ही आधा दर्जन से अधिक संक्रमित हंै, बावजूद इसके कंटेनमेंट जोन न बनाए जाने तथा संक्रमितों के घर के बाहर किसी भी प्रकार का पोस्ट ना लगाए जाने के चलते लोग सावधान नहीं हो रहे हैं, जो स्थानीय प्रशासन की बड़ी चूक है।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग ने स्थानीय प्रशासन को कंटेनमेंट जोन बनाए जाने का पत्र भेज दिए हैं, परंतु कंटेनमेंट जोन स्थानीय प्रशासन द्वारा ही बनाया जाना है, जिसमें लगातार लापरवाही बढ़ती जा रही है। नगरवासियों समेत जिलेवासियों के लिए घातक है।