बलौदा बाजार

रेरा के नियमों का नहीं हो रहा पालन, अवैध प्लाटिंग कर बेच रहे भू माफिया
05-Jan-2022 5:40 PM
रेरा के नियमों का नहीं हो रहा पालन, अवैध प्लाटिंग कर बेच रहे भू माफिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 जनवरी।
बलौदा बाजार जिले के सभी प्रमुख नगरों तथा गठित निवेश क्षेत्र में सम्मिलित ग्रामीण में कुछ वर्षों से कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर भूमाफिया द्वारा बेचे जाने का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। शहर में जमीन की कीमतें आसमान छू रही है, इसलिए भूमाफिया प्लॉट सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने का लालच देकर लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रहे हैं। जिन लोगों को लेआउट डायवर्शन की जानकारी नहीं है। वह मुरूम की कच्ची रोड के झांसे में आकर अपने आशियाने के लिए जमा पूंजी लगा दे रहे हैं। इस प्रकार प्लाट को काट काट कर बेचने वाले बेजा कमाई कर रहे हैं।

शासन प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर खेत खलिहान वाले कृषि भूमि को प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है। हालात यह है कि शहर के आसपास रोज कहीं ना कहीं कॉलोनी की नक्शा खींचा जा रहा है। इस प्रकार से बड़ी तेजी से अवैध कॉलोनियां पांव पसार रही है।

वैध कॉलोनी निर्माण के लिए नगर निवेश विभाग तथा कई अन्य शासकीय विभागों की एनओसी मिलने के पश्चात रेरा ने रजिस्ट्रेशन व डिवेलप की जाने वाली कॉलोनियों के तैयार नक्शे की स्वीकृति का होना आवश्यक है। वही नगरी क्षेत्रों में हो रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नगर निवेश विभाग नगर पालिका व शासन के पास है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के अवैध प्लाटिंग के खिलाफ नगर निवेश विभाग एवं राजस्व विभाग कार्रवाई कर सकती है, किंतु जिले में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग कर डिवेलप की जा रही है। कॉलोनी के बारे में कार्रवाई तो दूर की बात है, जानकारी नहीं होने की बात कहकर उन्हें नोटिस भी जारी नहीं किया जा रहा है।

अवैध कॉलोनी दुर्दशा का शिकार आम लोगों को जमीन दलाल विकास करने का आश्वासन देकर प्लाट बेच रहे हैं, लेकिन सुविधा नहीं होने से अवैध कालोनियां दुर्दशा की शिकार है। बरसात में सडक़ नहीं होने से लोगों को कीचड़ में सफर करना पड़ता है। नाली निर्माण नहीं होने से बारिश का पानी घरों तक पहुंच जाता है। सस्ते दाम पर जमीन मिलने के लालच में हंसने के पश्चात लोग खुद को ठगा महसूस करते हैं। कई बार तो झूठे आश्वासन के कारण खरीदार पर विक्रेता के मध्य हाथापाई तक की नौबत देखी गई है।

बांस के सहारे बिजली आपूर्ति से मंडरा रहा खतरा अवैध कॉलोनियों में विद्युत विभाग द्वारा भले ही घर-घर अस्थाई बिजली कनेक्शन बांट दिए गए हैं, लेकिन व्यवस्था बदहाल है ग्रामीण क्षेत्रों में बांस बल्ली व लकड़ी के सहारे लटकते जर्जर तारों के मकड़ जाल के बीच विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जिससे हर समय अनहोनी का खतरा बना रहता है।  

मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं शहर में ऐसी कॉलोनियां है, जिसके अवैध प्लाटिंग के मामले विभागों में लंबित है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथाँरिइटी के नियम अनुसार किसी भी बिल्डर को जमीन की प्लॉटिंग करने से पहले रेरा में स्टेशन का आना अनिवार्य है। इसके अलावा प्लाट बेचने से पहले बिल्डर वहां जन सुविधाओं से जुड़ी चीजें पानी नाली सडक़ बिजली व इंतजाम सीवर खेल का मैदान आदि की सुविधा उपलब्ध कराएगा। मगर जिला के प्रमुख नगरों में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों पर चल रहा है। वहां रोजाना अवैध प्लाटिंग कर खरीदारों को बेचा जा रहा है। यहां प्लाट खरीदने वाले को अंधेरा में रखकर प्लाटिंग की जा रही है। इसके चलते आने वाले समय में या प्लाट लेने वाले खरीददार परेशानियों में फंस रहे हैं।

नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के संयुक्त संचालक बीएल बांधे का कहना है कि कार्रवाई करते हैं। समय-समय पर नोटिस देकर कार्रवाई की जा रही है। अवैध कालोनियों के अतिक्रमण हटाए गए थे।


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