बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 22 दिसंबर। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए जिले में तेजी से छात्रावास भवन निर्माण किये जा रहे हैं। इस क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के तीन साल पूर्ण होने पर 1050 सीट क्षमता के 15 छात्रावास पूर्ण कर आदिम जाति कल्याण विभाग को सौंप दिये गये हैं। लगभग 1 हजार बच्चे इन छात्रावासों में रहकर विभिन्न स्कूलों में सुविधापूर्ण तरीके से पढ़ाई कर अपना भविष्य गढ़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन सालों में राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से 52 छात्रावास भवन की स्वीकृति प्रदान की गई थी। लगभग ढाई हजार अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बच्चों की सुविधा के लिए इनका निर्माण किया जा रहा है। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने अधिकारियों की बैठक में छात्रावास भवन निर्माण की समीक्षा की है।
बैठक में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि 52 छात्रावासों में से 40 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। इनमें 17 छात्रावास भवन आदिम जाति कल्याण विभाग को सौंप दिए गए हैं। 15 छात्रावासों में बच्चे रहने भी लगे हैं। दो भवन में पानी की सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों ने रहना शुरू नहीं किये हैं। बचे हुए 23 भवनों में से 12 भवनों को एक सप्ताह में और 11 भवनों को 15 दिवसों में आदिवासी विकास विभाग के सुपुर्द कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 52 में से 40 कार्य पूर्ण होने के बाद 12 कार्य अप्रारंभ एवं प्रगतिरत हैं। इनमें 5 भवनों के लिए स्थान चयनित नहीं हो पाने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है। शेष 7 भवनों के लिए आवंटन जारी होने पर काम में तेजी आयेगी।
नये छात्रावास भवन पाकर खुश हैं बच्चे
नये छात्रावास भवन पाकर यहां निवासरत बच्चे खुश हैं। सुन्दर वातावरण में उनकी पढ़ाई आगे बढ़ रही हैं। किराये के भवनों से उन्हें मुक्ति मिली है। घर से बाहर घर जैसे माहौल में रहकर विद्याध्ययन कर रहे हैं।
छात्रावास में रहकर कक्षा सातवीं में पढ़ाई करने वाले आदिवासी बालक प्रमोद धु्रव ने बताया कि यहां सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। पहले जहां रहते थे, वहां एक कमरे में 15 बच्चे रह रहे थे। नये भवन में एक कमरे में छह विद्यार्थी सुगमता से रह रहे हैं। पढ़ाई के साथ खेल मैदान एवं सामग्री की भी सुविधा विभाग द्वारा मुहैया कराई गई है। भवन में शुद्ध पेयजल के साथ पर्याप्त संख्या में शौचालय एवं नल की अच्छी व्यवस्था है। प्रमोद असनीद से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम बासीनपाली से यहां पढऩे आये हैं। उनके परिवार में केवल 2-3 एकड़ कृषि भूमि है। इसी तरह की सुविधा आदिम जाति कल्याण विभाग को सौंपे गये छात्रावास -बल्दाकछार, कसडोल सोनाखान, बलौदाबाजार, भाटापारा, हथबंद, पिरदा, भटगांव, रसेड़ा, मोपका, गिरसा एवं पेण्ड्रावन में भी उपलब्ध है।