बलौदा बाजार

नववर्ष के लिए जिले में जोर-शोर से तैयारियां, 2 माह पहले से ही रेस्टहाउस हो गए हैं फुल
21-Dec-2021 5:36 PM
नववर्ष के लिए जिले में जोर-शोर से तैयारियां, 2 माह पहले से ही रेस्टहाउस हो गए हैं फुल

छत्तीसगढ़ संवाददाता

बलौदाबाजार, 21 दिसंबर। शीतकालीन छुट्टियों नववर्ष के स्वागत तथा जश्न के लिए बाजार से लेकर लोगों के घरों तक इन दिनों जमकर प्लान तैयार की जा रही है। नव वर्ष के लिए जिले में सबसे ज्यादा डिमांड बार नवापारा अभ्यारण की है। अभ्यारण में जाने के लिए लोगों के बढ़ते रुझान के चलते ही इस वर्ष नववर्ष के डेढ़ से 2 माह पूर्व से ही अभ्यारण के सभी कमरे फुल हो चुके हैं तथा वन विभाग ने हाउसफुल का ऐलान कर दिया है।

नववर्ष की पार्टी के लिए पर्यटकों द्वारा बार नवापारा अभ्यारण के साथ ही साथ गिरौदपुरी जैतखाम, सोनाखान आदि पर्यटन केंद्रों में बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की संभावना है। क्रिसमस छुट्टियों के साथ ही साथ नववर्ष की पार्टी के लिए इन दिनों जिले में सर्वाधिक डिमांड बार नवापारा के कमरे तथा रेस्ट हाउस की है

अभ्यारण्य के पर्यटक ग्राम में सामान्य रूम से लेकर सूट तक के कुल 34 कमरे हैं, परंतु 9 वर्ष के टूरिस्टों की सूची के चलते सभी कमरे अक्टूबर अंतिम सप्ताह यानी न्यू ईयर के 2 माह पूर्व से ही एडवांस बुक हो चुके हैं, वहीं मोहल्ला के 6 रूम तथा देव हिल्स सोनाखान के आर्ट रूम, निजी क्षेत्र का मोबा मचान में 8 रूम तथा सूट भी नवंबर प्रथम माह से ही पूरे एडवांस बुक हो चुके हैं। देवपुर नवागांव आदि के रेस्ट हाउस में वीआईपी लोगों के लिए अधिक पहुंचने की वजह से इन रेस्ट हाउस को वीआईपी रेस्ट हाउस कहा जाता है तथा आम तौर पर यहां सभी रेस्टहाउस साल भर एडवांस बुकिंग फ ुल ही रहते हैं।

कैसे पहुंचे बार नवापारा

रायपुर से पिथौरा होते हुए तथा जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तक सडक़ मार्ग से पहुंचा जा सकता है। अभ्यारण में मौसम ठंडा होता है। अभ्यारण में सभी स्थानों पर रेस्टोरेंट्स या होटल का विकास नहीं हुआ है, लिहाजा गर्म कपड़े मच्छरों से बचाव के लिए क्रीम-क्वायल तथा खाने-पीने का पर्याप्त सामान लेकर पहुंचना आवश्यक है। वन क्षेत्र होने की वजह से बगैर गाइड के जंगल में जाने से बचना चाहिए तथा जानवरों से छेड़छाड़ तथा जानवरों के अधिक पास भी नहीं जाना चाहिए।

न्यू ईयर पार्टी के लिए एक दिन के ट्रिप के लिए कसडोल ब्लॉक का तुरतुरिया लव-कुश की जन्म स्थली बाल्मीकि आश्रम के साथ ही साथ महाकाली मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस देवी मंदिर में सभी लोगों की संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है, जिसके चलते प्रतिवर्ष देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं।

इसके अलावा कसडोल ब्लॉक में ही महानदी के तट के किनारे गिरौदपुरी स्थित कुतुब मीनार से ऊंचे जैतखाम, मंदिर परिसर के पास जन्मस्थली समाधि चरणकुंड, अमृतकुंड, पंचकुंड, छाता पहाड़ धार्मिक आस्था का केंद्र है।


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