बलौदा बाजार

जिले में खनिज विभाग के द्वारा एक भी मुरूम खदान को लीज पर नहीं दिया गया फिर भी आसानी से मुरूम उपलब्ध हो रहा है
16-Dec-2021 5:51 PM
जिले में खनिज विभाग के द्वारा एक भी मुरूम खदान को लीज पर नहीं दिया गया फिर भी आसानी से मुरूम उपलब्ध हो रहा है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 16 दिसंबर।
पूरे जिले में मुरूम खनन के लिए खनिज विभाग द्वारा किसी भी व्यक्ति को खदान लीज पर नहीं दिया गया है। इसके बावजूद समूचे जिले में हो रहे निजी तथा शासकीय कार्यों में मुरूम का खुलेआम उपयोग हो रहा है।

जिला मुख्यालय से महज तीन-चार किलोमीटर में ही शासकीय जमीनों से  मुरूम का उत्खनन किए जाने की वजह से मुरूम खदान के रूप में बदल जाने से स्पष्ट होता है कि खनिज विभाग की कार्रवाई शून्य हो गई है। हालांकि खनिज विभाग के अधिकारी साल भर अवैध उत्खनन को रोकने तथा कार्रवाई करने के दावे जरूर करते हैं परंतु इन दावों की हकीकत बिल्कुल उलट नजर आती है।

इस संबंध में खनिज अधिकारी बलौदाबाजार किशोर बंजारे  का कहना है कि जिले में किसी भी ब्लॉक में किसी भी मुरूम खदान को खनन के लिए अनुमति नहीं दी गई है विभाग द्वारा केवल परिवहन की ही अनुमति दी जाती है शिकायत मिलने पर विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बलौदाबाजार जिले में मुरम का अवैध रूप से उत्खनन इतना बड़ा रैकेट है कि आम जनों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। प्रति जिले के शासकीय तथा निजी कार्यों के लिए मूरम की आवश्यकता होती है। बिल्डिंग निर्माण में कॉलम के अंदर बेस्ट फिटिंग तथा सडक़ निर्माण में देश के लिए सर्वाधिक आवश्यक मुरूम की होती है जिले में खनिज विभाग एक भी खदान को लीज पर ना दिए जाने के बावजूद जिले में आसानी से उपलब्ध होने वाली मुरूम के बारे में पड़ताल की गई, तो स्थिति एकदम चौंकाने वाली नजर आ गई।

जिले में सप्लायर ओं द्वारा आसानी से उपलब्ध कराने वाले मुरूम दरअसल सास की जमीनों में खुलेआम हो रहे अवैध उत्खनन से मिल रही है।
बीते कई दशकों से अवैध उत्खनन के चलते सडक़ों सैकड़ों एकड़ शासकीय जमीन मुरूम खदान के रूप में तब्दील हो चुकी है।  बलौदाबाजार से महज 3 से 4 किलोमीटर दूर स्थित देवरी, सलोनी, कुकुरदी, शुक्ला भाटा, सोनपुरी, रावण रोड आदि ग्रामों के पास शासकीय जमीनों से खुलेआम मुरूम का उत्खनन किया जा रहा है, जिससे एक और जहां करोड़ों रुपयों के राजस्व की चोरी हो रही है। वहीं करोड़ों रुपयों की शासकीय भूमि भी खराब हो रही है।

नियम में है केवल परिवहन की अनुमति दी जानी है
खनिज विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग केवल मुरूम परिवहन की अनुमति देता है। यदि किसी ग्रामीण इलाके में तालाब नहर निर्माण आदि के लिए खनन किया गया है तथा मुरूम निकाली है, तो उस मुरूम को दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए केवल परिवहन की ही अनुमति दी जाती है। वह भी पूरी औपचारिकता के बाद कलेक्टर से मिलती है,  इसके बाद परिवहन करता को लिखित में देकर केवल परिवहन की ही अनुमति दी जाती है, परंतु इसके विपरीत उपरांत ग्रामों के आसपास मुरूम के बड़े-बड़े खदान जैसे बन गए।
 


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