बलौदा बाजार

मिलरों ने की कस्टम मिलिंग की विसंगति दूर करने मांग
13-Nov-2021 6:15 PM
मिलरों ने की कस्टम मिलिंग की विसंगति दूर करने मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 13 नवंबर।
मिलर एसोसिएशन ने प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ एवं कलेक्टर खाद्य शाखा को पत्र सौंपकर खरीफ  वर्ष 2020- 21 के कस्टम मिलिंग बिल माड्यूल की विसंगतियों का निराकरण करने हेतु पत्र लिखा है।

मिलरों के अनुसार जिला के मिलर द्वारा समर्थन मूल्य में उपार्जित धान खरीद वर्ष 2020 -21 के साथ ही खरीफ  वर्ष 1920 के शेष बचत धान की कस्टम मिलिंग शासन के निर्देशानुसार की गई है। मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग कार्य करने में समस्त प्रकार के खर्चों को अपने पास से वाहन किया गया है, जिसमें धान का परिवहन, चावल परिवहन, हमाली, लोडिंग, अनलोडिंग, बारदाना जमा जैसे कार्य शामिल हैं। वर्ष 2020- 21 के बिल मॉड्यूल में बारदाना जमा में मिलर को मिलने वाला यूजर चार्ज परिवहन की वास्तविक राशि, हमाली राशि, बारदाना राशि, जैसे कई मदों में मिलों को मिलने वाले भुगतान बिल माड्यूल में नहीं जोड़ा गया है, जिससे मिलरों को भारी नुकसान हुआ है। बेमौसम वर्षा, गाडिय़ों का ना लगना, हमालों की कमी, बारदाना की कमी, अधिक गाडिय़ों का लगना जैसे कारणों के चलते धान उठव में विलंब हुआ है जिसके कारण धान उठाव के पेनाल्टी को बिल माड्यूल में जोड़ दिया गया है, जो कि अनुचित है मांग में कहा कि बचे हुए धान, जो कि वर्ष 19-20 की खरीदी के माध्यम से आया है।उसे अमानत घोषित किया जाना चाहिये कस्टम मिलिंग में मिलर को अभी तक हमाली की राशि नहीं दी गई है।

कस्टम मिलिंग की दर में कम से कम 8 गुना वृद्धि की मांग मिलरो द्वारा की गई है। सबसे बड़ी समस्या पतला धान खरीदी करने में है। पतला धान खरीदी करने के पश्चात चावल बनाकर शासन को देने में एलजी के कारण पास नहीं होता है और समितियों की खरीदी के समय इसका कोई मापदंड नहीं होता जिसके कारण मिलरो को कठिनाई और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

मिलर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष देवेंद्र भृगु ने शासन से मांग करते हुये कहा कि वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020- 21 के बिल माड्यूल में सुधार कर कस्टम मिलिंग की राशि प्रदान किया जाना चाहिये।
 


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