बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 2 अक्टूबर। विधानसभा कसडोल के सबसे बड़े साप्ताहिक बाजार लवन के लंबे समय से बंद होने से जहां नगर की रौनक थम गई है, वहीं आसपास के ग्रामीण अंचलों के इस मुख्य बाजार से आश्रित सैकड़ों साग सब्जियों के ग्रामीण कृषक परिवारों व व्यवसाइयों को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर पंचायत लवन में कोरोनाकाल से पूर्व प्रत्येक रविवार को एक दिवसीय साप्ताहिक सब्जी बाजार लगता था, जिसमें दूर-दूर अंचल से छोटे-छोटे व्यापारी अपना दुकान लगाने लवन पहुंचते थे। बाजार प्रात: 6 से शाम 6 बजे तक लगता था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से सब्जी बाजार लगना बंद हो गया है। जिससे.एक ओर जहां सब्जी बाजार नहीं लगने से नगर सहित क्षेत्र के लोगों को सब्जी आदि दैनिक उपयोग के बाजार में मिलने वाले समान लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं आसपास क्षेत्र के छोटे-छोटे व्यापारी सब्जी, कपड़ा, मिट्टी के बर्तन बेचने वाले, लकड़ी के समान, जूता चप्पल, फैंसी दुकान, टार्च, घड़ी, प्लास्टिक, बाहरी झाड़ू, टेलर, पान ठेले, खिलौने, गुपचुप, बर्तन, होटल, आदि विभिन्न छोटे व्यापारी जो बाजार में अपना दुकान लगाकर रोजी रोटी चलते थे, उनका व्यापार 2 साल बंद है। जिस कारण बहुत से छोटे छोटे दुकानदार बेरोजगारों की जिंदगी जीने मजबूर हैं, उन्हें अपने रोजी रोटी एवं परिवार चलाने में अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
इस संबंध में पार्षद मृत्युंजय पांडेय का कहना है कि बाजार नहीं लगने से सब्जी के दाम भी महंगे हो गए हैं, वहीं छोटे-छोटे व्यापारियों के रोजगार को देखते हुए कोरोना नियम का पालन करते हुए बाजार लगने की आवश्यकता है।
व्यापारी संघ के उपाध्यक्ष एवं पार्षद गायेश्वर साहू का कहना है कि यदि प्रत्येक रविवार को पूर्व की भांति कोरोना नियम का पालन करते हुए साप्ताहिक हाट बाजार लगता है, तो निश्चित ही छोटे छोटे व्यापारियों को भी रोजगार मिल जाएगा, जिससे उन्हें अपना जीवन यापन करने में सहयोग प्राप्त होगा।
वही बहुत से छोटे व्यापारियों का कहना है कि वे बाजार में अपना दुकान लगाते थे, बाजार नहीं लगने से दुकान बंद पड़ा है, परिवार चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।