बलौदा बाजार

दो साल में ही लवन-सरखोर मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे, हादसे की आशंका
21-Aug-2021 7:00 PM
दो साल में ही लवन-सरखोर मार्ग पर  गड्ढे ही गड्ढे, हादसे की आशंका

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 21 अगस्त।
लवन से सरखोर मार्ग पर दो साल में ही जगह-जगह  गड्ढे हो गए हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका रहती है। 
लवन से सरखोर मार्ग की दूरी 6.15 किमी है। इस रोड को दो साल पहले ही बनाई गई थी। छ: किमी की उक्त सडक़ में जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं, जिससे दुर्घटना होने की आशंका बढ़ गई है। इस सडक़ की क्षमता कम है, जिस पर भारी वजनी वाहन के चलने से सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। रोड का डामर उखडक़र गड्ढों में तब्दील हो रहा है जो कि दुर्घटना को दावत दे रहा है। 

वाहन चालक गड्ढों की वजह से नियंत्रण खोकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी के दिनों में बेलगाम ओवरलोड गाडिय़ां चल रही थी, जिसकी वजह से रोड की यह दुर्दशा हुई है। लवन, सरखोर मार्ग का दबाव बहुत अधिक हो गया है। जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ों पर उसकी क्षमता से अधिक वजन के वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी इस मार्ग पर धड़ल्ले के साथ मुरूम गाडिय़ां चली है, वर्तमान में कुछ-कुछ वाहन अभी भी चल रहे है। यही कारण है कि मार्ग निर्माण के बाद बहुत ही कम समय में मरम्मत की कगार पर पहुंच गया है। आम लोगों को आवाजाही के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग सरखोर, पंडरिया, जोंधरा होते हुए बिलासपुर जिले को जोड़ती है, इस वजह से इस मार्ग पर दोपहिया वाहनों का आना-जाना दिन भर होता रहता है। दोपहिया वाहन चालक रात में गड्ढों को भांप नहीं पाने की वजह से गिरकर चोटिल भी हो रहे है।

क्षमता से अधिक ओवरलोड वाहनों का आना-जाना
ठेकेदार व विभाग द्वारा 12 टन से अधिक वजनी वाहनों प्रवेश निषेध का बोर्ड तो लगाया गया है, लेकिन वाहन चालक प्रवेश निषेध बोर्ड को दरकिनार कर धड़ल्ले से वाहनों को उक्त रोड पर बेखौफ दौड़ा रहे है। इससे नवनिर्मित लवन, सरखोर मार्ग की हालत समय से पहले दम तोड़ रही है। मार्ग में जगह-जगह पर गड्ढे बन चुके हंै। इस रोड का संधारण कार्य करीब डेढ़ से दो दशक बीत जाने के बाद हुआ है। उस पर भी भारी वाहनों का दबाव बढऩे से रोड जर्जर स्थिति में निर्मित हो रही है। राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि सडक़ का सुधार समय-समय पर होना चाहिए। विभाग द्वारा सडक़ तो बना दिया गया। लेकिन नियमित रखरखाव नहीं होने के कारण उसमें बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बरसात का पानी भर जाने की वजह से गड्ढों की गहराई का पता नहीं चल पाता कि गहराई कितनी है। इसकी वजह से राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है।
 


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