बलौदा बाजार

सूखे खेत, बलार जलाशय का गेट खुला
12-Aug-2021 5:52 PM
सूखे खेत, बलार जलाशय का गेट खुला

30 गांवों के 17 हजार एकड़ की होगी आवपसी 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 12 अगस्त।
बारिश के अभाव में सूखे खेतों की हालत बिगड़ते देख अंत: बलार जलाशय के गेट सिंचाई हेतु खोल दिया गया है।
कसडोल विकास खण्ड क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं होनें से फसलों की स्थिति बिगडऩे लगी थी। पानी के अभाव में खेतों में दरार पडऩे शुरू हो गए थे तथा पौधे पीले पडऩे लगे थे। किसानों की लगातार हो रही मांग तथा फसलों की बिगड़ती हालात को देखते हुए क्षेत्र के प्रमुख बृहत जलाशय बलार का गेट 11 अगस्त को खोल दिया गया है। जल संसाधन अनुविभागीय अधिकारी बलार पलसोडकर से मिली जानकारी के अनुसार बला र जलाशय से मैदानी क्षेत्र के 30 गांव की करीब 17 हजार एकड़ कृषि भूमि की आवपासी हो सकेगी। बताया गया कि गेट खोलने के पूर्व जलाशय में 37 फिट क्षमता के विरुद्ध 60 प्रतिशत पानी का भराव हुआ है।

बलार जलाशय से कसडोल तथा आसपास मैदानी क्षेत्र के लाभान्वित असनीद हटौद कुररहा बिलारी खर्री बैगनडबरी सेमरिया धौराभांठा खरवे दर्रा चांटीपाली मोहतरा कोट छरछेद पीसीद सेल साबर सिनोधा देवरिकला छेछर सरवा मलदा कटगी बैजनाथ खैरा झबड़ी आदि 30 ग्रामों की 17 हजार एकड़ की सिंचाई हो सकेगी। बलार जलाशय के गेट खुलने से लाभान्वित उक्त ग्रामों की फसल को जीवनदान मिंला है। जिससे किसानों को फसल बर्बाद से फिलहाल मुक्ति मिली है।

सिचाई की स्थिति के संदर्भ में कार्यपालन अभियंता जल संसाधन सम्भाग कसडोल टी, सी, वर्मा नें बताया है कि क्षेत्र की बृहत सिंचाई योजना जोंक अर्जुनी व्यपवर्तन से पूर्व से ही नहरों में पानी दिया गया है। जिससे कसडोल के अर्जुनी महराजी गिरौद मानकोनी कोट डेराडीह अमोदी धमलपुर हसुवा बलौदा कोटियाडीह बरपाली मोहतरा टूण्डरा गिधौरी नरधा मटिया कुम्हारी पुलेनी आदि पंचायतों तथा आश्रित ग्रामों सहित बिलाईगढ़ ब्लॉक के करीब 70 गांव को पानी मिलनें से फसल की स्थिति ठीक है। श्री वर्मा नें बताया है कि संभाग के सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है कि फसल की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर किसानों की मांग पर सिंचाई सुविधा प्रदान कर दिया जावे।

कसडोल विकास खण्ड सूखे से जूझ रहा
राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला बलौदाबाजार के सभी 6 तहसीलों में सर्वाधिक 1130 एमएम वर्षा कसदोल तहसील में हुई है। किंतु अत्यधिक वर्षा नें प्रारंभ में धान बोनी में ब्यवधान उतपन्न किया ,और अब विगत 15 दिनों से बारिश नहीं होने से फसलों की हालत बिगड़ी हुई है। इधर कृषि विकास खण्ड वरिष्ठ अधिकारी बी एस ठाकुर से मिली जानकारी के अनुसार विकास खण्ड के 230 ग्रामों में 40 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में खरीफ फसल धान की खेती हुई है। क्षेत्र में 70 प्रतिशत खेतों के रकबा असिंचित हैं। जहां की धान फसल सूखे से प्रभावित हैं। 
 


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