बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 9 अगस्त। बारिश की दगाबाजी ने न सिर्फ किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अपितु खेती किसानी का काम थम गया है। किसानी का काम पूरी तरह बंद हो गया है। किसान आकाश की ओर टकटकी लगाए बारिश के इंतजार में निहार रहे हैं।
सावन का महीना बारिश का सीजन है, किंतु विगत 24-25 जुलाई को हुई बारिश के बाद अभी तक नहीं हुई है। क्षेत्र में वैसे तो बलौदाबाजार जिले के 6 विकास खण्डों में सर्वाधिक बारिश 1122 एम एम हुई है। किंतु इस अत्यधिक वर्षा ने बोनी का काम बिगाड़ दिया है। किसान मेहनत कर खेती को सुधार कर तैयार हुआ है कि अब सूखे खेतों ने किसानों को मायूस कर दिया है। सूखे खेतों में दरार पडऩी शुरू हो गई है। प्यासे खेतों के पौधे पीले पडऩे लगे हैं। विगत एक सप्ताह से खेती की निंदाई का काम रुक पड़ा है। यदि जल्द बारिश नहीं हुई, तो फसल की के हालात और भी बिगडऩे लगेंगे।
कसडोल कृषि विकास खण्ड वरिष्ठ अधिकारी बी एस ठाकुर के अनुसार 2 नगर पंचायत टूण्डरा एवं कसडोल सहित 230 ग्रामो में 40 हजार हेक्टे, कृषि भूमि में खरीफ फसल धान की खेती हुई है, जिसमें ग्रामों के गरोसा बहरा खेतों को छोड़ करी ब 30 हजार हेक्टे, खेत सूखे की चपेट में है।
इसमें कसडोल नगर सहित आसपास के असनीद हटौद खरहा बम्हनी कुररहा बिलारी खर्री आमखोहा टेमरी कोसमसरा सेमरिया खरवे बैगनडबरी छांछी छरछेद कोट पीसीद गोरधा दर्रा चांटीपाली सेल कटगी सरवा बैजनाथ मलदा मडक़डा झबड़ी आदि करीब 50 गांव तथा टुंड्रा इलाके के 25 गांव सूखे से प्रभावित हैं।
इसमें सबसे ज्यादा सोनाखान अर्जुनी महराजी के 30 गांव बोरसी पुटपुरा बलदाकछार के 25 गांव तथा बार अभ्यारण्य वन क्षेत्र के 22 गांव जो ऐसी आसिंचित कृषि भूमि है। ज्यादा प्रभावित है। राजा देवरी क्षेत्र के चांदन छतवन अमरउवा डूमरपाली रंगोरा बया कोरकोटी आदि 22 गांव तथा पूर्वी जोंक के थरगांव छाता बिलारी नगरदा नगेड़ी नगेड़ा कुशगढ़ कुशभांठा बरपानी सोनपुर आदि 20 गांव सूखे से प्रभावित हैं। हालांकि इस क्षेत्र में बोर की अधिकता है किंतु भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण सिंचित पानी रुक नहीं रहा है। कुल मिलाकर खेतों के धान फसल की हालात पानी के अभाव में बिगड़ी हुई है।