बालोद

नपा अध्यक्ष ने जानी वार्ड की समस्याएं
27-Aug-2022 4:13 PM
नपा अध्यक्ष ने जानी वार्ड की समस्याएं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
 दल्लीराजहरा , 27 अगस्त। 
नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर ने वार्ड क्रमांक 10 में लोगो को नाली से जुड़ी व अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु वार्डवासियों के बीच पहुंचे जहां उन्होंने वार्डवासियों की समस्याएं सुनी व जल्द निदान करने का आश्वासन दिया।
 

इस दौरान नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष रवि जायसवाल व  वार्डवासी उपस्थित थे ।

नगर पालिका परिषद दल्लीराजहरा के वाड क्रमांक 8 के पार्षद स्वप्निल तिवारी ने जारी अपनें बयान में नगर पालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन द्वारा नगर में हो रहे विकास कार्यों से क्षुब्ध व कुंठित मानसिकता का आरोप लगाया है।   उक्त वाड पार्षद ने बताया कि.नगर पालिका अध्यक्ष   अध्यक्ष  शीबू नायर के नेतृत्व में सभी वार्डों में हो रहे विकास कार्यों से कुंठित हो कर पहले तो नगर पालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन द्वारा बिना किसी पार्षद से चर्चा कर दिखावा स्वरूप कलेक्टर के समक्ष आवेदन देकर इस्तीफा की पेशकश की। इस बात से सभी पार्षद नाराज़ हो कर उपाध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हुए तो अपनी ज़मीन खिसकती देख न्यायालय का रुख अपनाया और उनके खिलाफ लाये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर स्थगन आदेश लाकर एक बार फिर अपना चाल चरित्र चेहरा जनता के समक्ष प्रदर्शित कीया।

उन्होंने बताया कि नगर पालिका उपाध्यक्ष द्वारा कलेक्टर को अपनें नगर पालिका उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देनें के लिए आवेदन दिया गया। जिस पर नगर पालिका दल्लीराजहरा के 27 में से 25 पाषदों ने अपने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापान कलेक्टर को सौंपकर नगर पालिका उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग की गई ।

जिस पर कलेक्टर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के तारिख भी तय कर दी गई, जिसके बाद से घबराकर नगर पालिका उपाध्यक्ष नें तत्काल हाईकोर्ट जाकर अपने विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के स्थगन आदेश लाया गया। 

पार्षद ने कहा कि नगर मे विकास कार्य नहीं होनें की बात करते हुए, आम जनता के बीच अपनी सस्ती लोकप्रियता हासिल करनें के उद्देश्य से उन्होंने कलेक्टर को अपने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे के लिए आवेदन तो दे दिया गया। परंतु उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अभास नहीं था कि सभी पार्षद लामबंद होकर उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लायेगे।

वहीं उन्होंने कहा कि नगर पालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन ने जब स्वयं होकर कलेक्टर को अपने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे के लिए आवेदन सौंपा था तो उसे बात पर अडिग रहना चाहिए था। उन्होंने कोर्ट जाकर स्टे लाकर यह साबित कर दिया कि उन्हें नगर के विकास से नहीं अपने पद से ज्यादा मौह हुए।

वहीं पार्षद ने कहा कि संतोष देवांगन के द्वारा सोशल मीडिया के ज़रिए अनरगलन बयानबाज़ी लगातार किया जा रहा है। जबकी उन्हें पहले अपने अंदर छांक कर देखना चाहिए। वे शुरू से ही  मौका परस्त, अति उत्साहि कुंठा से लबरेज, दल बदलू व्यक्ति है ये पहले छत्तीसगढ मुक्तिमोर्चा फिर काँग्रेस पार्टी फिर भारतीय जनता पार्टी,  नगर पालिका चूनाव मे अपनी  आदत के अनुरूप पूरी पार्टी को धोखा देकर उपाध्यक्ष पद पर काबिज हुआ। उसकी इस हरकत से भाजपा नें उन्हें पार्टी से निष्काषित भी कर दिया गया। जब उन्होंने देखा कि सभी राष्ट्रीय पार्टियों नें ऊनके लिए दरवाजे बंद कर दिये हैं तो अब वे आम आदमी पार्टी से जुड गए हैं।  और अब वे कांग्रेस व भाजपा पार्टी के विरुद्ध अनगल बयान बाजी करनें लगे हैं।


उन्होंने कहा कि जब वे स्वयं उन पार्टियों से जुडे थे तो उस समय वे उक्त पार्टी व पार्टी नेताओं के खिलाफ कभी भी अनगल बयान बाजी नहीं किये थे। बल्कि पार्टी के हित में बात करते थे परंतु पार्टी के साथ विश्वासधात करनें पर जब पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया तो अब उन्हें पार्टी व पार्टी के नेता उन्हें खराब लगनें लगे है।

उक्त पार्षद नें नगर पालिका उपाध्यक्ष के खिलाफ यह भी आरोप लगाया कि नगर पालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन प्रारंभ से ही वे अपने आप को चर्चित रहने का प्रयास करते रहे हैं और इसके लिए वे हमेशा से सोशल मीडिया व मीडिया मे शासन - प्रशासन के खिलाफ अनगल बयान बाजी करनें, नगर की जनता को गुमराह करनें का प्रयास करते रहे हैं।

 


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