-विल वरनॉन और पॉल किर्बी
रूस के एक मिलिट्री ब्लॉगर व्लादलेन ततार्स्की की बम धमाके में हुई हत्या के मामले में जांच अधिकारियों ने एक महिला को हिरासत में लिया है.
व्लादलेन की मौत सेंट पीटर्सबर्ग के एक कैफ़े में हुए धमाके में हुई थी.
जांच अधिकारियों ने एक वीडियो जारी किया है. माना जा रहा है कि ये संदिग्ध महिला को हिरासत में लेने के बाद बनाया गया है.
इसमें दार्या त्रेपोवा नाम की महिला ये कहते हुए नज़र आती हैं कि उन्होंने एक पैकेट दिया था जो बाद में फट गया.
लेकिन इस वीडियो में वो ये नहीं कह रही हैं कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि इसमें धमाका होगा. न ही वो अपनी भूमिका मंजूर कर रही हैं.
संदिग्ध से पूछताछ
व्लादलेन कैफ़े में राष्ट्रवादियों की एक बैठक में हिस्सा लेने आए थे. वो यहां वक्ता के तौर पर आए थे. व्लादलेन के साथ उनके समर्थक भी थे.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो घूम रहा है. इसमें भूरे रंग का कोट पहने एक युवती कैफ़े में दाखिल होती नज़र आती है. उनके हाथ में गत्ते का एक बॉक्स भी दिखता है.
वीडियो में नज़र आता है कि ये महिला बैठने के पहले इस बॉक्स को कैफ़े में एक टेबल पर रखती हैं. एक और वीडियो में नज़र आता है कि वो व्लादलेन को ये बॉक्स देती हैं.
मंत्रालय ने 26 साल की दार्या से पूछताछ का संक्षिप्त ब्योरा जारी किया है.
इसमें एक अधिकारी उनसे सवाल करते हैं कि क्या वो जानती हैं कि उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया है?
इस पर वो कहती हैं, "मेरी राय में व्लादलेन ततार्स्की की हत्या जहां हुई, वहां मौजूद होने की वजह से. मैंने उन्हें एक मूर्ति दी जिसमें धमाका हो गया."
उनसे सवाल होता कि उन्हें ये किसने दिया. इस पर वो कहती हैं, "क्या ये बात मैं आपको बाद में बता सकती हूं? "
रूस की एंटी टेररिज़्म कमिटी का आरोप है कि ये हमला यूक्रेन की स्पेशल सर्विसेज़ ने विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी के साथ 'सहयोग करने वाले लोगों' से कराया.
नवेलनी की एंटी करप्शन फ़ाउंडेशन ने कहा कि क्रेमलिन के लिए अपने आलोचकों पर आरोप लगाना 'बहुत आसान' है. नवेलनी के फ़ाउंडेशन ने भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों को उजागर किया है. इन मामलों में कथित तौर पर पुतिन के सहयोगी शामिल रहे हैं.
नवेलनी जनवरी 2021 में जर्मनी से रूस वापस लौटे और तभी से जेल में हैं. अगस्त 2020 में रूस में उन पर नर्व अटैक हुआ था. इस हमले के मामले में रूस की एफ़एसबी सिक्योरिटी सर्विस के एजेंट पर आरोप लगे थे.
नवेलनी के फ़ाउंडेशन के प्रमुख इवान ज़डानोव ने कहा कि हर बात एफ़एसबी के एजेंट की ओर ही इशारा करती है.
इवान ने कहा, "स्वाभाविक तौर पर हमारा इससे कुछ लेना देना नहीं है."
उन्हंने कहा कि रूस को यूक्रेन के तौर पर एक बाहरी दुश्मन और नवेलनी की टीम के तौर पर एक घरेलू दुश्मन चाहिए.
रूस से मिली रिपोर्टों के मुताबिक दार्या त्रेपोवा को सेंट पीटर्सबर्ग के एक फ्लैट से हिरासत में लिया गया. इस फ्लैट के मालिक उनके पति के एक दोस्त हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक बीते साल रुस ने जब यूक्रेन पर हमला किया था, तब उन्हें युद्ध विरोध प्रदर्शन को लेकर कई दिन तक हिरासत में रखा गया था.
कैफ़े से वैगनर ग्रुप का रिश्ता
धमाका स्ट्रीट फूड बार नंबर 1 कैफ़े में हुआ. ये नेवा नदी के करीब है. किसी वक़्त इसके मालिक येवगेनी प्रिगोज़िन थे. येवगेनी रूस के कुख्यात वैगनर ग्रुप चलाते हैं. पूर्वी यूक्रेन के बखमूत में हो रही लड़ाई में ज़्यादातर मोर्चा उनके लड़ाकों ने ही संभाला हुआ है.
प्रिगोज़िन का कहना है कि उन्होंने ये कैफ़े साइबर फ्रंट ज़ेड को सौंप दिया था. ये समूह ख़ुद को रूस का 'इंफोर्मेशन ट्रूप्स' कहता है. समूह के मुताबिक उसने ये कैफ़े शाम को किराए पर दिया हुआ था.
प्रिगोज़िन ने व्लादलेन ततार्स्की को श्रद्धांजलि दी. व्लादलेन का असल नाम मैक्सिम फोमिन था. प्रिगोज़िन का जो वीडियो जारी किया गया है, वो रात के वक़्त फ़िल्माया गया है. प्रिगोज़िन के मुताबिक इसे बखमूत के टाउनहॉल फ़िल्माया गया.
उन्होंने एक झंडा दिखाया और बताया कि इस पर लिखा है, "व्लादलेन ततार्स्की की याद में."
व्लादलेन यूक्रेन पर रूस के हमले का ज़ोरदार समर्थन करते थे लेकिन वो न तो रूस के अधिकारी थे और न ही सेना के अधिकारी थे.
व्लादलेन कौन थे?
वो जाने माने ब्लॉगर थे. उनके पांच लाख से ज़्यादा फॉलोअर थे. प्रिगोज़िन की ही तरह उनका आपराधिक रिकॉर्ड था.
उनका जन्म पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क इलाके में हुआ था. वो डकैती के इल्ज़ाम में जेल में बंद रहे थे. उनके मुताबिक जेल से रिहा होने के बाद से वो रूस समर्थक अलागवादियों के साथ जुड़ गए थे.
वो रूसी सेना का समर्थन करने वाली ब्लॉगर कम्युनिटी का हिस्सा थे. फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और उसके बाद से वो सक्रिय भूमिका में नज़र आने लगे थे.
व्लादलेन उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने युद्ध मैदान पर लगे झटकों के बाद रूस के अधिकारियों की आलोचना की. सेना और यहां तक कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी भला बुरा कहा.
बेहद अप्रत्याशित रूप से व्लादलेन ने युद्ध अभियान के दौरान हथियार उठाए और अग्रिम मोर्चे से रिपोर्टिंग की. व्लादलेन ने ये दावा भी किया कि उन्होंने युद्धक ड्रोन लॉन्च किए और किलेबंदी की.
बीते साल सितंबर में उन्होंने क्रेमलिन के अंदर का एक वीडियो पोस्ट किया जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के चार इलाकों पर कब्जे का एलान कर रहे थे.
व्लादलेन ततार्स्की ने अपने समर्थकों से कहा, "हम हर किसी को हराएंगे. हमर हर किसी की जान लेंगे. जरूरत के मुताबिक हम हर किसी को लूटेंगे. हमें ये रास आता है. "
क्या करते हैं मिलिट्री ब्लॉगर
मिलिट्री ब्लॉगर्स देश के लोगों को युद्ध के बारे में सूचनाएं देते हैं. रूस में लोगों को आधिकारिक सूत्रों से सही जानकारी नहीं मिल पाती है और वो परेशान हो जाते हैं.
रूस की सेना, सरकार के नियंत्रण वाला टीवी और सरकारी अधिकारी जो जानकारी देते हैं, उनके सही नहीं होने को लेकर आलोचना की जाती है.
बीते हफ़्ते रूस के कई सरकारी स्रोतों ने एक वीडियो जारी किया. इसमें यूक्रेन के सैनिक कथित तौर पर आम लोगों को उत्पीड़न करते हुए नज़र आ रहे थे.
पश्चिमी देशों के विश्लेषकों ने आज़ाद स्रोत से मिली जानकारियों के जरिए साबित किया कि ये वीडियो तैयार कराया गया था.
रूस का समर्थन करने वाले कुछ ब्लॉगर्स ने भी इस वीडियो को फेक बताया था. ब्लॉगर जो रूस के समर्थन में जानकारी देते हैं, वो भी सटीक नहीं होती हैं.
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किसने की ब्लॉगर की हत्या
व्लादलेन ततार्स्की की हत्या के पीछे कौन है, ये अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है. लेकिन ये घटना दार्या दुगिना की हत्या की याद दिलाती है. वो भी युद्ध का समर्थन करती थीं. बीते साल अगस्त में मॉस्को के करीब हुए एक कार बम धमाके में उनकी मौत हो गई थी.
यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि इस धमाके के लिए यूक्रेन को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोदोल्याक ने धमाके के लिए रूस के 'अंदरूनी राजनीतिक संघर्ष' को ज़िम्मेदार बताया है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "जार में मौजूद मकड़ियां एक दूसरे को खा रही हैं."
यूक्रेन ने हालिया महीनों के दौरान रूस में ड्रोन हमले करने और धमाके करने में दक्षता हासिल कर ली है. वो ऐसी घटनाओं में अपना हाथ होने की बात नहीं मानते लेकिन कई बार इसे लेकर संकेत देते हैं.
वेगनर ग्रुप के येवगेनी प्रिगोज़िन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ये काम यूक्रेन की सरकार का है.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कट्टरपंथियों का एक समूह काम कर रहा है जिसका सरकार के साथ कोई संपर्क लगता है."
यूक्रेन के मुताबिक इस धमाके को रूस में जारी राजनीतिक घमासान से जोड़कर देखा जा सकता है. रूस में तमाम नाराज़ लोग बंदूकें लेकर घूम रहे हैं.
सेना के पास सैनिकों की कमी हो रही है. कई सजायाफ़्ता लोगों को जेल से रिहा कर दिया गया है और उन्हें हथियार देकर युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया है.
रूस के अधिकारियों ने भी बड़ा भर्ती अभियान चलाया था और तीन लाख लोगों को भर्ती किया था. एक अखबार ने हाल में रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि 20 साल में पहली बार पिछले साल रूस में हत्याओं की संख्या बढ़ गईं. (bbc.com/hindi)