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काबुल में दूतावास की सुरक्षा में लगे गोरखा गार्डों को अब ब्रिटेन से क्यों बाहर निकाला जा रहा है?
05-Apr-2023 10:07 AM
काबुल में दूतावास की सुरक्षा में लगे गोरखा गार्डों को अब ब्रिटेन से क्यों बाहर निकाला जा रहा है?

BBC NEWS


साल 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन आने के दौरान बचाकर ब्रिटेन ले जाए गए नेपाली सुरक्षा गार्डों के एक समूह को अब 19 महीने बाद देश से वापस भेजा जा रहा है.

गोरखा के नाम से पहचाने जाने वाला ये 13 नेपाली सैनिकों का समूह काबुल में ब्रितानी दूतावास की सुरक्षा का काम करता था.

इन सैनिकों के वकीलों का कहना है कि इन 13 लोगों को ब्रिटेन में रहने का क़ानूनी हक़ है.

इन नेपाली भारतीय नागरिकों की उम्र 37 से 60 वर्ष के बीच बताई जा रही है. ये सभी एक प्राइवेट सिक्योरिटी फ़र्म के लिए काम करते थे, जिसे काबुल में यूके और कनाडा के दूतावासों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मिली थी.

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल अगस्त 2021 में तालिबान के नियंत्रण में आ गई थी. जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ़ गनी की सरकार गिर गई थी और वो देश से भाग गए थे.

इस दौरान ब्रिटिश सेना के साथ काम कर चुके हज़ारों अफ़ग़ानी और सरकारी कर्मियों को काबुल से सुरक्षित निकाला गया था.

कुछ सुरक्षा गार्डों के वकील का कहना है कि इनमें से 10 लोगों को बीते सप्ताह लंदन के होटल में छापेमारी के दौरान हथकड़ियां पहनाकर ले जाया गया.

ये सभी होटल में रह रहे थे और वहां की रसोई में काम कर रहे थे.

बीते सप्ताह से इन सभी को हीथ्रो एयरपोर्ट और गैटविक के आसपास के इमिग्रेशन रिमूवल सेंटर में रखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इन सभी को 6 अप्रैल को देश से बाहर भेजा जाएगा. (bbc.com/hindi)

 


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