राष्ट्रीय
चतरा, 26 जुलाई झारखंड के चतरा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
शिला चौकी में तैनात जवान की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी आशीष कुमार सिंह के रूप में हुई है।
सिमरिया पुलिस थाने के प्रभारी मयंक कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े 11 बजे सिंह ने कथित तौर पर खुद को गोली मार ली।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए चतरा के सदर अस्पताल भेजा गया है और आगे की जांच जारी है। (भाषा)
ठाणे, 26 जुलाई महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बारे में आपत्तिजनक ‘मीम्स’ बनाने और पोस्ट करने के आरोप में सोशल मीडिया मंच 'एक्स' के एक उपयोगकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर बृहस्पतिवार को ठाणे जिले के खड़कपाड़ा पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि शिकायत के अनुसार, ‘एक्स’ के एक उपयोगकर्ता ने फडणवीस की तस्वीरों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की और आपत्तिजनक ‘मीम्स’ बनाकर उन्हें 20 जुलाई से साझा किया।
अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि इन पोस्ट से लोगों में असंतोष और असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 26 जुलाई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक जिला स्तरीय सदस्य सहित 14 लोगों को वर्ष 2010 में कोल्लम जिले के अंचल में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के एक नेता की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश राजीव के. एस. ने 25 जुलाई को गिरीश, अफसल, नजूमल, शिबू, विमल, सुधीश, शान, रथीश, बीजू, रंजीत, सैली और मुनीर को भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और हत्या के अपराधों का दोषी पाया।
अदालत ने उनके जमानत मुचलके रद्द कर दिए और उन्हें जेल भेज दिया। अब उन्हें 30 जुलाई को सजा सुनाने के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।
अदालत ने सुमन पी. एस. और माकपा की कोल्लम जिला समिति के सदस्य बाबू पणिक्कर को भी भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत अपराधी को शरण देने के अपराध के लिए दोषी ठहराया, लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।
दोनों को सजा पर सुनवाई के लिए 30 जुलाई को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया।
मामले में दोषी ठहराए गए 14 लोगों के अलावा रियाज, मार्कसन येसुदास, जयमोहन और रॉयकुट्टी को बरी कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इंटक नेता रामभद्रन की 2010 में उनके घर में उनके परिवार के सामने हत्या कर दी गई थी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि हमलावर 10 अप्रैल 2010 की रात को उनके घर में घुस आए थे और उनकी पत्नी और दो बच्चों के सामने उनकी हत्या कर दी थी।
बाद में पीड़ित परिवार द्वारा केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मांग करने के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश केंद्रीय बजट विकसित भारत बनाने में उपयोगी साबित होगा।
लोकसभा में केंद्रीय बजट पर बृहस्पतिवार को अधूरी रही चर्चा को शुक्रवार को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में सेवा भाव से काम किया है और ऐसी योजनाएं देश को समर्पित की हैं जिनका देश के लोगों को लाभ मिला है।
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यों के चलते ही देश की जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार विजयी बनाया।
उन्होंने बजट का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह बजट सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पता चलती है। यह बजट विकसित भारत बनाने के लिए बहुत उपयोगी होगा।’’
जम्मू से सांसद शर्मा का कहना था कि आज जम्मू-कश्मीर में बड़े-बड़े राजमार्ग बन रहे हैं और कई अन्य परियोजनाओं पर काम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार से पहले जम्मू-कश्मीर की उपेक्षा की जाती थी तथा सिर्फ पार्टी और परिवार की चिंता होती थी, लेकिन अब इस प्रदेश के विकास पर जोर दिया जा रहा है।
शर्मा ने इस बात का उल्लेख किया कि पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ और कश्मीर घाटी में 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मतदान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की ही नहीं, राष्ट्रीय नीतियों की जीत को भी दर्शाता है।’’
उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में शांति भी बहाल हो रही है।
भाजपा सांसद के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
शर्मा ने कहा कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 2.1 करोड़ पर्यटक पहुंचे जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था। (भाषा)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । देश कारगिल विजय दिवस को गर्व से याद कर रहा है। ऐसा ऐतिहासिक अवसर जब भारतीय शूरवीरों ने पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे कर मैदान ए जंग से खदेड़ दिया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्रास पहुंचे और शहीदों को नमन किया। वहीं, भारतीय थल सेना के मेजर जनरल विजय जोशी (सेवानिवृत्त) ने उस दौर को याद किया जब वर्तमान पीएम बतौर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव घायल सैनिकों से मिलने पहुंचे थे। मेजर जनरल विजय जोशी बताते हैं, "1999 का साल था। मैं उधमपुर सैन्य कमांड अस्पताल के कमांडेंट के तौर पर तैनात था। उसी दौरान कारगिल युद्ध में घायल सैनिकों से मिलने पहुंचे थे नरेंद्र मोदी जी। वो एक अहम दौरा था।" उत्तरी कमांड के इस सबसे बड़े अस्पताल में कारगिल योद्धाओं का इलाज हो रहा था और उनकी देखभाल की जा रही थी। जोशी आगे कहते हैं, "नरेंद्र मोदी जी के दौरे ने सैनिकों में जोश भर दिया था।
स्थिति की गंभीरता के बावजूद, मोदी की मौजूदगी ने सैनिकों पर गहरा प्रभाव डाला। वो सबसे मिले, उन्हें सहज बनाया और उनका मनोबल बढ़ाया। कई लोग हताहत हुए, कुछ गंभीर रूप से घायल हुए थे और अन्य अपेक्षाकृत स्थिर स्थिति में थे। मोदी प्रत्येक व्यक्ति से मिले। वह शांत, संयमित और ऊर्जा से भरपूर थे यानी जोश से भरे हुए थे।" रिटायर्ड मेजर जनरल के मुताबिक नरेंद्र मोदी की क्षमता अभूतपूर्व थी। कहते हैं, "सैनिकों से जुड़ने की उनकी क्षमता उल्लेखनीय थी। जब उन्होंने उनके परिवारों, घरों और उनकी किसी भी विशिष्ट जरूरत के बारे में पूछा तो वे सहज महसूस कर रहे थे। वो एक-एक कर सबसे मिले, आत्मीयता साफ झलक रही थी। सैनिक, बीमार और स्टाफ सबसे मिले और सबने काफी सराहा।" जोशी याद करते हैं कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में सभी को सहज रखने की मोदी की अनोखी क्षमता सबसे अलग थी। इसमें न केवल घायल सैनिक बल्कि अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल थे।
उन्होंने सभी को उनकी जरूरत के अनुसार सहायता का आश्वासन दिया, जिसने उनके मनोबल को बढ़ाने में बहुत मदद की। जोशी कहते हैं कि मोदी की मौजूदगी सच्ची देशभक्ति को दर्शाती है। वो मानते हैं कि राष्ट्रीय समर्थन की यह भावना उनके मनोबल को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण थी। यह जानना कि सरकार और लोग हमेशा उनके साथ हैं, यहां तक कि सबसे कठिन समय में भी, उन्हें कर्तव्य की पंक्ति में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करता है। उनकी यात्रा का एक प्रमुख पहलू जो बहुत अहम है वो ये कि उन्होंने युद्ध से जुड़े विवरणों और सैनिकों से उनके परिवारों की व्यक्तिगत स्थितियों के बारे में बात की। उस समय किसी भी प्रशासनिक पद पर न होने के बावजूद, वे जमीनी हकीकत को देखने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ आए थे। उनका लक्ष्य तात्कालिक स्थिति के साथ-साथ सैनिकों के जीवन को करीब से समझना था। इसमें सेना के अस्पताल की ओर से बीमारों के लिए मौजूद सहायता प्रणाली का आकलन भी शामिल था। उन्होंने अपनी मौजूदगी से साबित कर दिया कि वो सच्चे राष्ट्र भक्त हैं। -(आईएएनएस)
कटनी, 26 जुलाई । मध्य प्रदेश के कटनी जिले में खेत में स्थित कुएं में पंप लगाने उतरे चार लोगों की जहरीली गैस के रिसाव से मौत हो गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। जानकारी के अनुसार, जुहली गांव में संजय के कुएं का पंप खराब हो गया था। उसे ठीक करने के लिए पिंटू को कुएं में उतारा गया। वह काफी देर तक बाहर नहीं निकला तो एक-एक कर तीन और लोग कुएं में उतर गए। चारों की मौत हो गई। राहत एवं बचाव अभियान चलाया गया है। चारों के शव कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजे गए हैं। सीएम मोहन यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है।
सीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, ''कटनी जिले के मुड़वारा विधानसभा के ग्राम जुहली में किसान द्वारा अपने खेत के कुएं में सबमर्सिबल मोटर पंप लगाते समय जहरीली गैस के रिसाव से हुई दुर्घटना में चार अनमोल जिंदगियों के असामयिक निधन का समाचार हृदयविदारक है। मैं बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। शोकाकुल परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। ओम शांति।'' --(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई लोकसभा में शुक्रवार को बंगाल से जुड़े एक मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों और कर्नाटक में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े विषय पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक करीब 25 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला नेa तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी को अपनी बात रखने का अवसर दिया।
बनर्जी ने केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के पश्चिम बंगाल के विभाजन से संबंधित एक बयान का उल्लेख किया।
अध्यक्ष बिरला ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सदन में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है और सदन से बाहर दिए गए किसी बयान पर यहां चर्चा नहीं की जाएगी।
तृणमूल कांग्रेस सांसद बनर्जी ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उठाए गए एक मुद्दे का जिक्र करते हुए दावा किया कि उन्होंने कहा कि ‘‘बंगाल के दो जिले ले लिए जाएंगे।’’
बिरला ने कहा, ‘‘उन्होंने (दुबे ने) शून्यकाल में अपना विषय रखा। लेकिन हम बाहर के किसी विषय पर यहां चर्चा नहीं करेंगे।’’
इस पर बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के अन्य सदस्य उन्हें बोलने की अनुमति देने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष मजूमदार ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्रालय के अंतर्गत शामिल करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया है।
दुबे ने बृहस्पतिवार को शून्यकाल में मांग की थी कि झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र, पश्चिम बंगाल के माल्दा और मुर्शिदाबाद तथा बिहार के अररिया, किशनगंज और कटिहार को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बना देना चाहिए और यहां राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू की जानी चाहिए।
इस बीच बिरला ने भाजपा सदस्य पीसी मोहन को अपनी बात रखने को कहा। बेंगलुरु मध्य संसदीय सीट से सदस्य मोहन कर्नाटक में कथित भ्रष्टाचार का एक मुद्दा उठाने लगे। अध्यक्ष बिरला ने उन्हें भी इसकी अनुमति नहीं दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत भाजपा के कुछ सदस्य भी मोहन के साथ इस मुद्दे को उठाने लगे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर कुछ आरोप लगाते सुने गए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को भी अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहते हुए देखा गया।
अध्यक्ष द्वारा अनुमति नहीं मिलने पर दोनों पक्षों के सदस्य हंगामा करने लगे और बिरला ने दोपहर 12 बजकर करीब 5 मिनट पर सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जुलाई असम में अहोम वंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा संरचना में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।
शेखावत ने ‘मोइदम्स’ के असाधारण सार्वभौमिक मूल्य को समझने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और विश्व धरोहर समिति का आभार जताया।
‘मोइदम्स’ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गया है। इसे सूची में शामिल करने का फैसला भारत में आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र में लिया गया।
‘मोइदम्स’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था। (भाषा)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । नीट-यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर सीबीआई का पहला आधिकारिक बयान सामने आया है। इसमें पेपर लीक से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए मीडिया में चल रही अटकलबाजी और झूठी रिपोर्टों का खंडन किया गया है। सीबीआई ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि नीट-यूजी 2024 का प्रश्न पत्र 5 मई की सुबह हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से पंकज कुमार उर्फ आदित्य उर्फ साहिल नामक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से प्राप्त किया गया था, जो इस मामले के मास्टरमाइंड में से एक है। प्रश्नपत्र हजारीबाग एनटीए सिटी कोऑर्डिनेटर सह ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और ओएसिस स्कूल के सेंटर सुपरिटेंडेंट सह वाइस प्रिंसिपल की मिलीभगत से चुराया गया था।
नीट-यूजी 2024 प्रश्न पत्रों वाले पेटियों को स्कूल में लाया गया और 5 मई की सुबह नियंत्रण कक्ष में रखा गया। पेटियां आने के कुछ मिनट बाद प्रिंसिपल एवं वाइस प्रिंसिपल ने अनाधिकृत और अवैध तरीके से पंकज को उस कमरे में जाने दिया, जहां पेटियां रखी गई थी। पेटी खोलने और पेटी से प्रश्न पत्रों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए गए अत्याधुनिक उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। चोरी किए गए प्रश्नपत्र को उसी दिन हजारीबाग में कुछ सॉल्वरों द्वारा हल किया गया तथा कुछ चयनित छात्रों के साथ साझा किया गया, जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे। फरार चल रहे पंकज का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया गया। स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल एवं सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। आधे जले हुए प्रश्न पत्रों के कुछ टुकड़ों की मदद से जांच एजेंसी उस निर्धारित नीट परीक्षा केंद्र तक पहुंच पाई, जहां से प्रश्नपत्र लीक हुए थे। जिन अभ्यर्थियों को हल प्रश्नपत्र मिला, उनका पता लगाया जा रहा है। सभी हलकर्ता प्रतिष्ठित कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं और उनकी पहचान कर ली गई है। उनमें से अधिकांश को गिरफ्तार कर लिया गया है। षड्यंत्र के तहत इन सॉल्वरों को खास तौर पर हजारीबाग लाया गया था। आरोपी पंकज ने कुछ अन्य मास्टरमाइंडों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया, जिनकी पहचान कर ली गई है और उनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस समूह को आरोपी व्यक्तियों के एक समूह द्वारा सक्रिय रूप से सहायता प्रदान की गई थी, जिन्होंने उम्मीदवारों के आवास हेतु स्थानों की व्यवस्था की थी। आरोपियों का एक अन्य समूह उम्मीदवारों को इकट्ठा करने एवं लाने-ले जाने में संलिप्त था। हल किए गए प्रश्न पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का पता लगाया जा रहा है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
सीबीआई ने अब तक 33 जगहों पर छापेमारी की है। इस मामले में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 15 को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब तक कई सबूत जुटाए जा चुके हैं। जांच अभी चल रही है। सीबीआई ने आधिकारिक बयान में आगे कहा कि मीडिया के एक हिस्से में नीट 2024 परीक्षा मामले की सीबीआई जांच के बारे में जो खबरें आई हैं वे अनुमान, गलत सूचना पर आधारित एवं झूठी हैं। यह सुझाव दिया जाता है कि ऐसी रिपोर्टों के प्रकाशन से पूरी तरह बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे गलत सूचना का जाल बनता है। यह न केवल विशेष रूप से सम्मानित पाठकों, दर्शकों के लिए, बल्कि सामान्य रूप से समाज के लिए भी हानिकारक है। सीबीआई के पास अपने मुख्य सूचना अधिकारी के कार्यालय के माध्यम से जानकारी साझा करने की एक औपचारिक व्यवस्था है और वह जांच के हित और सत्यनिष्ठा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर आवश्यक जानकारी साझा करती है। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि केवल सीबीआई द्वारा अपने आधिकारिक तंत्र के माध्यम से साझा की गई जानकारी पर ही भरोसा किया जाना चाहिए। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को बिहार और राजस्थान के लिए नये प्रदेश अध्यक्ष के नामों की घोषणा की। इसके अलावा छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रभारियों के नामों की भी घोषणा की गई है। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में बताया गया है कि विधान परिषद सदस्य डॉ. दिलीप जायसवाल को सम्राट चौधरी की जगह बिहार का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को सी.पी. जोशी की जगह राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान का प्रभारी और विजया रहाटकर को सह-प्रभारी नियुक्त किया है। डॉ. राजदीप रॉय को त्रिपुरा और हरीश द्विवेदी को असम का प्रभारी नियुक्त किया गया है। पार्टी सांसद अतुल गर्ग चंडीगढ़ के और अरविंद मेनन तमिलनाडु तथा लक्षद्वीप के प्रभारी होंगे। सुधाकर रेड्डी तमिलनाडु का सह-प्रभारी बनाया गया है। नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। (आईएएनएस)
सुल्तानपुर, 26 जुलाई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में शुक्रवार को सुल्तानपुर की सांसद-विधायक (एमपी/एमएलए) अदालत में पेश हुए।
राहुल शुक्रवार सुबह सुल्तानपुर पहुंचे और यहां की सांसद-विधायक अदालत में पेश हुए, जहां उनका बयान दर्ज किया गया।
विशेष न्यायाधीश शुभम वर्मा ने मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए राहुल को 26 जुलाई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त को तय की है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता विजय मिश्र ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बेंगलुरु में 2018 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए चार अगस्त 2018 को मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
अदालत ने इस मामले में राहुल को 20 फरवरी को जमानत दे दी थी। (भाषा)
अजमेर, 26 जुलाई । राजस्थान से एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां अजमेर के युवक द्वारा अमेरिका की एक महिला से झूठ बोलकर शादी की गई और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। युवक पर आरोप है कि उसने विदेशी महिला को शादी का झांसा दिया फिर होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। महिला ने जब शादी का दबाव बनाया तो आरोपी ने एक मंदिर में जाकर शादी की खानापूर्ति की। जब विदेशी महिला को पता चला कि वकील मानव सिंह राठौड़ पहले से शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं तो उसने एक एनजीओ की मदद से बूंदी के सदर महिला थाने में उसके खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया। जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी के फ्लोरिडा प्रांत की रहने वाली युवती की दोस्ती फेसबुक पर अजमेर के वकील मानव सिंह राठौड़ से हुई।
दोनों में फेसबुक मैसेंजर से बात होने लगी, महिला को मानव ने भारत बुलाया ताकि दोनों शादी कर सकें। साथ ही मानव ने यह भी बताया कि वह अविवाहित है और उससे शादी करना चाहता है। विदेशी महिला का आरोप है कि मानव सिंह उसे दिल्ली रिसीव करने आया। यहां से उसे जयपुर ले गया जहां एक होटल में दोनों ठहरे। यहां मानव ने दुष्कर्म किया, फिर उसे अजमेर ले गया। यहां भी होटल में कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया गया। जब महिला ने उससे शादी की बात कही तो अजमेर के एक मंदिर में उसने शादी का दिखावा किया। विदेशी महिला का आरोप है कि आरोपी महिला को अपने घर नहीं ले जा रहा था, जबकि वह उस पर घर ले जाने का दबाव बना रही थी।
आरोपी टालने लगा तो महिला खुद ही पता करके उसके घर पहुंच गई। वहां उसकी मुलाकात मानव की पत्नी और बच्चों से हो गई। इसके बाद उसने एक एनजीओ से संपर्क किया और बूंदी पुलिस के पास पहुंचकर मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने केस को अजमेर के सिविल लाइन थाने में रेफर कर दिया। अब आगे की कार्रवाई अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस द्वारा की जा रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा का कहना है कि सत्ता में आने के बाद कारगिल विजय दिवस नहीं मनाने वाली कांग्रेस की सेना विरोधी मानसिकता आज भी बरकरार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज हम कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पूरा देश हमारे शूरवीर जवानों को, शहीदों को और सेना को नमन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज इसी भाव से कारगिल के शूरवीरों के बीच हैं। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन कांग्रेस कारगिल विजय दिवस को स्वीकार नहीं करती है, कांग्रेस के नेता इसे एनडीए का युद्ध बताते हैं।
यहां तक कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2004 से 2009 तक कारगिल विजय दिवस नहीं मनाया था। बाद में राजीव चंद्रशेखर के दबाव में उन्होंने इसे मनाना तो शुरू किया, लेकिन फिर भी कांग्रेस के नेताओं को यह पता नहीं था कि कारगिल विजय दिवस कब है? उन्होंने पूर्व सेनाध्यक्ष, सर्जिकल स्ट्राइक और नेशनल वॉर मेमोरियल सहित अन्य कई मुद्दों पर कांग्रेस के स्टैंड और कांग्रेस नेताओं के बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सेना विरोधी मानसिकता आज भी बनी हुई है। शहजाद पूनावाला ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ द्वारा सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर कांग्रेस की सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर की गई टिप्पणी को कांग्रेस के लिए झटका बताते हुए राहुल गांधी से जवाब भी मांगा है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था। राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश जारी करने के पीछे का मकसद कांवड़ियों की यात्रा के दौरान उनके भोजन को लेकर सूचित विकल्प पेश करना था, ताकि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। सहारनपुर के संभागीय आयुक्त द्वारा शपथ-पत्र में कहा गया है, "कांवड़ियों को परोसे जाने वाले भोजन के बारे में छोटी-छोटी भ्रांतियां भी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं और खासकर मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती हैं।"
यूपी सरकार ने कहा है कि यह निर्देश 2 सप्ताह से भी कम अवधि के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग तक ही सीमित था, केवल कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के लिए। सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवड़िए ये यात्रा करते हैं। यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे। शिकायतें मिलने पर ही पुलिस अधिकारियों ने कांवड़ियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की। यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से कर सकते हैं। मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए किया गया है।
राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, राज्यों में सभी खाद्य दुकानों, भोजनालयों और फूड जॉइंट्स को मालिकों/प्रोपराइटरों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने वाली "नेमप्लेट" लगानी होगी। ऐसा श्रावण मास में कांवड़ यात्रा करने वाले हिंदू श्रद्धालुओं की "आस्था की पवित्रता" को बनाए रखने के लिए किया गया। सावन का महीना सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान भक्त और श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं। इसी यात्रा के दौरान कई दुकानों और ढाबों से वो खाने का सामान व अन्य चीजें खरीदते हैं। यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें। उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया। --(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 26 जुलाई । भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का निधन हो गया। झा ने 67 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट “एक्स” पर लिखा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता व बीजेपी एमपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन संगठन के लिए समर्पित किया। वीडी शर्मा ने आगे लिखा, मध्य प्रदेश संगठन के विस्तार एवं उसको सुदृण बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। समय समय पर मुझे उनका मार्गदर्शन एवं स्नेह मिलता रहा है, उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
बीजेपी ने प्रभात झा को दो बार राज्यसभा भेजा। हालांकि, वह बीते कुछ वर्षों से सक्रिय राजनीति से दूर चल रहे थे। बता दें, प्रभात झा बीते कुछ समय से काफी बीमार चल रहे थे। उन्हें इलाज के लिए भोपाल से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में चार सप्ताह पहले भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की निगरानी में उनकी देखरेख की जा रही थी। लेकिन, आखिरकार उन्हें बचाया न जा सका। शुक्रवार करीब सुबह 5 बजे उनका निधन हो गया।प्रभात झा मूल रूप से बिहार के हरिहरपुर जिला दरभंगा के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी रंजना झा और दो बेटे हैं। उन्होंने बीएससी, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की थी। वह मध्यप्रदेश में 8 मई 2010 से दिसंबर 2012 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे।
साल 2008 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित, साल 2007 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। वह मध्यप्रदेश में साल 1993 से लेकर 2002 तक मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता रहे। उन्हें क्रिकेट खेलना, पढ़ना और लिखना काफी पसंद था। वह विदेश यात्रा पर साल 2009 में ऑस्ट्रिया गए। उनकी यह यात्रा 14 से लेकर 18 अगस्त तक चली। प्रभात झा के द्वारा लिखी गई पुस्तकें, हिंदी में शिल्पी, जन गण मन, अजातशत्रु, पं-दीनदयालजी। -(आईएएनएस)
मुंबई, 26 जुलाई । उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले पर विवाद जारी है। कोई यूपी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है, तो कोई समर्थन। इस कड़ी में रामानंद सागर की 'रामायण' में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले एक्टर सुनील लहरी ने इस मामले पर शुक्रवार को अपनी राय पेश की। एक्टर सुनील लहरी ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, एक्टर ने कहा, "नाम हमारी पहचान है। हम अपने घर के बाहर नेमप्लेट लगाते हैं, तो हमें इसे अपनी दुकानों पर लगाने से क्यों कतराना चाहिए? कुछ लोगों को हर चीज को मुद्दा बनाने की आदत है।
उन्हें इस पर राजनीति करना बंद कर देना चाहिए।" बता दें कि सुनील सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अपने 'रामायण' के दिनों के किस्से साझा करते हैं, और अपने लाइफ के बारे में बताते रहते हैं। दरअसल, 19 जुलाई को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा से पहले अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की थी और इस दौरान जरूरी निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी ठेले मालिकों और दुकानदारों को अपनी दुकान पर नेमप्लेट लगानी होगी। इस पर नाम लिखना अनिवार्य होगा। पहले यह नियम मुजफ्फरनगर के लिए जारी किया था, लेकिन बाद में सीएम योगी ने इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया। जिससे इस मुद्दे को लेकर घमासान मच गया। --(आईएएनएस)
ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक नए तकनीकी सुरक्षा सहयोग की घोषणा की. लैमी ने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी दो दिन के भारत दौरे पर हैं. बुधवार, 24 जुलाई को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की. मोदी ने लैमी से मुलाकात के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "यूनाइटेड किंगडम के विदेश मंत्री डेविड लैमी से मिलकर खुशी हुई. व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तृत व मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर द्वारा दी गई प्राथमिकता की सराहना करता हूं."
पीएम मोदी ने आगे लिखा, "संबंधों को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए को अंतिम रूप देने की इच्छा का स्वागत करता हूं."
ब्रिटेन के विदेश मंत्री की दिल्ली यात्रा, प्रधानमंत्री स्टार्मर की लेबर सरकार के पांच जुलाई को सत्ता में आने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच पहली उच्च स्तरीय वार्ता है.
क्या है ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा सहयोग
ब्रिटेन सरकार ने एक बयान में कहा है कि उसने भारत के साथ मिलकर एक नई प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीआईएस) शुरू की है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, दूरसंचार सुरक्षा सहयोग बढ़ाना और उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश को प्रोत्साहन देना है.
एस जयशंकर और डेविड लैमी के बीच बातचीत के बाद भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल के बारे में जानकारी दी गई. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ब्रिटिश सरकार के हवाले से बताया कि इस समझौते से दोनों देश सेमीकंडक्टर, क्वांटम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत महत्वपूर्ण तकनीकों पर मिलकर काम करेंगे.
ब्रिटिश विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, "इसका मतलब होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों तक भविष्य की चुनौतियों पर मिलकर काम करना. हम आपसी विकास को गति दे सकते हैं. इनोवेशन, रोजगार और निवेश को बढ़ावा दे सकते हैं."
टीएसआई, भारत-यूके रोडमैप 2030 में निर्धारित महत्वाकांक्षी द्विपक्षीय सहयोग एजेंडे पर आधारित है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण व उभरती तकनीकों में सहयोग को और स्पष्ट रूप से सामने लाएगा.
एफटीए पर क्या हुई बात
भारत और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) के लिए बातचीत को रफ्तार देने पर भी विचार किया. बीते समय में भारत के आम चुनाव और ब्रिटेन में चुनाव के कारण इस मुद्दे पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई थी.
दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि पर तीन साल से भी ज्यादा समय से बातचीत चल रही है, लेकिन हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं. पहले दिसंबर 2023 तक इसपर समझौता करने का एलान भी किया गया था. लेबर पार्टी ने पहले इसको लेकर कुछ विरोध किया था, लेकिन वह अब इसका समर्थन कर रही है. चूंकि अब लेबर पार्टी ही ब्रिटेन की सत्ता में है, तो यह उम्मीद की जा रही है कि इस मुद्दे पर जल्द कोई समझौता हो सकता है.
जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में लैमी के साथ अपनी बातचीत को सार्थक और आकर्षक बताया. उन्होंने लिखा, "व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, शिक्षा, आईटी, डिजिटल, स्पेस एंड हाई टेकनोलॉजी, संस्कृति के क्षेत्र में घनिष्ठ संबंधों पर आधारित भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की अपार संभावनाओं पर बातचीत की." जयशंकर ने तकनीकी सुरक्षा पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह सहयोग के नए रास्ते खोलेगी. (dw.com)
दांबुला, 25 जुलाई । 2024 महिला एशिया कप के पहले सेमीफाइनल में भारत का बांग्लादेश से सामना होने से पहले, सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने कहा कि गत चैंपियन को एहसास है कि नॉकआउट मुकाबला उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। टूर्नामेंट में अब तक, हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाला भारत अजेय रहा है - पाकिस्तान को सात विकेट से हराया, यूएई के खिलाफ 78 रनों से जीत हासिल की और नेपाल को 82 रनों से हराकर ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया। शेफाली ने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जिस तरह से हम सभी एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठा रहे हैं और मैच जीत रहे हैं, उससे वास्तव में खुश हैं।
सेमीफाइनल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण चीज है. आज, हम सभी अभ्यास के लिए आए हैं और उम्मीद है कि हम कल अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।” 158 रनों के साथ, शेफाली टूर्नामेंट में अब तक भारतीय बल्लेबाजी क्रम में दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी रही हैं, जिसमें हरमनप्रीत, स्मृति मंधाना और ऋचा घोष ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें लगता है कि दीप्ति शर्मा और पूजा वस्त्रकर जैसी निचले क्रम की बल्लेबाज जरूरत पड़ने पर बड़े हिट लगाने में सक्षम हैं। “हम सिर्फ खुद का समर्थन करते हैं और एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में, हम अपनी ताकत का समर्थन कर रहे हैं।
गेंदबाज शानदार काम कर रहे हैं, लेकिन हमें दिन-ब-दिन खुद में सुधार करते रहना होगा।' हर दिन, वे (निचले क्रम के बल्लेबाज) नेट्स पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। जब भी उन्हें मौका मिलेगा, मुझे उम्मीद है कि वे छक्के मारेंगे। शेफाली ने यह कहते हुए समापन किया कि भारत क्षेत्ररक्षण में बेहतर होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, एक पहलू जो एशिया कप में उनके लिए कमजोर रहा है। उन्होंने कहा, ''हम अपनी फील्डिंग पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसलिए, हम सभी चीजों - बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण - पर टिक लगाने की कोशिश करेंगे और सेमीफाइनल में सर्वश्रेष्ठ चीजों के लिए योगदान देंगे। --(आईएएनएस)
लखनऊ, 25 जुलाई । लोकसभा चुनाव में मनचाहे परिणाम नहीं आने के बाद से भाजपा चौकन्नी होकर काम कर रही है। आगामी उपचुनाव के पहले वह सहयोगी दलों को भी साधना चाहती है। इसके लिए उन्हें निगम बोर्ड में जगह दे सकती है। सियासी जानकार बताते हैं कि रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने और अपने सहयोगी दलों से संबंध मजबूत रखने के लिए भाजपा अब लंबे समय से खाली चल रहे निगम बोर्ड पार्षद, चेयरमैन और दर्जाधारी मंत्रियों की नियुक्ति करेगी। भाजपा सूत्रों की मानें तो वह उपचुनाव में किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती है। इस कारण वह ऐसा कदम उठाने जा रही है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से सहयोगी दल भी भाजपा सरकार को किसी न किसी बहाने को लेकर घरेने में जुटे थे। वह पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। उपचुनाव में ज्यादा सीटों की मांग भी कर रहे हैं। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। हालांकि, नामों का निर्णय दिल्ली ही करेगा।
उसकी सहमति मिलते ही नियुक्ति का काम शुरू हो जाएगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रीय अध्यक्षों व प्रभारियों को नगर निगमों के पार्षद, नगर पालिका के सभासद व नगर पंचायतों के सदस्य के लिए कार्यकर्ताओं के नाम भेजने को कहा गया है। उन्हीं कार्यकर्ताओं के नाम भेजे जाएं जो जमीनी रूप से पार्टी के साथ जुड़े हों। पार्टी में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हों। नामों के चयन में क्षेत्रीय व सामाजिक तथा राजनीतिक समीकरणों का भी ध्यान रखने को कहा गया है। एनडीए में शामिल अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष व यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि हमने अपनी मांग रख दी है।
निषाद पार्टी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का कहना है कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का एडजस्टमेंट किया जायेगा। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करके अपनी बात रखूंगा। निश्चित तौर से भाजपा सहयोगी दलों को साथ लेकर चलती है। हमारी बात सुनी जाएगी। यूपी के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर का कहना है कि निगम आयोग बोर्डों में भाजपा कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाती रही और दी जाएगी। सहयोगी दलों का भी ध्यान रखा जाता है। एक आंकड़े के अनुसार यूपी में अभी तक 17 नगर निगमों में 170 पार्षद व 200 नगर पालिकाओं में 1,000 सभासद और 545 पंचायतों में 1,635 सदस्यों को नामित किया जाना है। -(आईएएनएस)
रांची, 25 जुलाई । झारखंड में आदिवासियों का धर्मांतरण रोकने की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने दोनों सरकारों से पूछा है कि झारखंड के किन जिलों में आदिवासियों का धर्मांतरण किया जा रहा है और अब तक कितनों को धर्मांतरित किया गया है? कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि इसे रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है? कोर्ट ने दोनों सरकारों को स्टेटस रिपार्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 अगस्त मुकर्रर की है। जनहित याचिका सोमा उरांव नामक शख्स की ओर से दाखिल की गई है, जिसमें बताया गया है कि चंगाई सभा जैसे आयोजनों के माध्यम से आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मांतरित कराया जा रहा है।
कुछ संगठनों द्वारा षड्यंत्र के तहत यह सब किया जा रहा है। इससे आदिवासियों की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को टारगेट किया जा रहा है। इससे स्वदेशी सांस्कृतिक विरासत के नष्ट होने का खतरा है। इस सिलसिले पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि आदिवासियों के धर्मांतरण की जांच के लिए सरकार की ओर से कमेटी बनाई जानी चाहिए। उन्होंने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है, जहां मामले को गंभीरता से लेते हुए देश के राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया है। --(आईएएनएस)
कोच्चि, 25 जुलाई । कोच्चि में गुरुवार को 65 वर्षीय कैथोलिक पादरी चर्च परिसर में फंदे से लटके मिले। पुलिस ने बताया कि उनकी पहचान चर्च के पादरी फादर जोसेफ कुझिकन्नायिल के रूप में हुई है। शव को सबसे पहले एक स्थानीय मजदूर ने देखा जो सुबह एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा स्थित वाझाकुलम सेंट जॉर्ज फोरेन चर्च में आया था। मजदूर ने तुरंत चर्च के सदस्यों और स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने इलाके में बैरिकेडिंग कर दी है। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है। जांच में पता चला है कि पादरी कुछ समय से बीमार थे। संदेह है कि निराशा के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। शव चर्च परिसर में किचन के पास एक कमरे में लटका हुआ मिला। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। --(आईएएनएस)
सुकमा, 25 जुलाई । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पांच नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि नक्सलियों पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम घोषित है।
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है।
चव्हाण ने बताया कि नक्सली अपने वरिष्ठ माओवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों और “अमानवीय” और “खोखली” माओवादी विचारधारा से निराश हैं।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों नक्सलियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कवासी दुला (25), सोढ़ी बुधरा (27) और महिला मड़कम गंगी (27) शामिल हैं, जो प्लाटून नंबर एक में क्रमश: डिप्टी कमांडर, सेक्शन कमांडर और सेक्शन ‘ए’ कमांडर के रूप में सक्रिय थे।
चव्हाण ने बताया कि तीनों माओवादियों के सिर पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है।
चव्हाण ने बताया कि दो अन्य महिला नक्सलियों में पोडियाम सोमडी (25) और मड़कम आयते (35) के सिर पर दो-दो लाख रुपये का इनाम है।
उन्होंने बताया कि सुकमा पुलिस के नक्सल विरोधी प्रकोष्ठ की खुफिया शाखा और पड़ोसी राज्य ओड़िशा की पुलिस ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल पर हमला व सड़कों को नुकसान पहुंचाने समेत कई अन्य घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। (भाषा)।
नई दिल्ली, 25 जुलाई । लीडिंग एग्रीटेक एग्रोस्टार ने गुरुवार को अपनी व्यापक पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) प्रभाव रिपोर्ट 2024 जारी की। इसमें इंडियन एग्रीकल्चर इकोसिस्टम (भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र) पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाया गया है। सोइंग सीड्स ऑफ सस्टेनेबिलिटी (टिकाऊपन के बीज बोना) टाइटल वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारतीय किसानों ने एग्रोस्टार उत्पादों और सलाहकारों की सेवाओं की मदद से अपनी उपज में औसतन 27 प्रतिशत की वृद्धि की है। वहीं किसानों की इनपुट लागत में 17 प्रतिशत की कमी आई है। कंपनी के कृषि-इनपुट उत्पादों ने 423 अरब लीटर पानी की खपत में कमी लाकर जल संरक्षण के ग्लोबल प्रयास में योगदान दिया है।
कंपनी ने भारतीय मिट्टी में 580 मीट्रिक टन कार्बन पदार्थ की बहाली में भी मदद की; अपनी आपूर्ति श्रृंखला में खाद्य क्षति को एक प्रतिशत से भी कम कर दिया; कार्यबल विविधता को बढ़ावा दिया और ग्रामीण एग्रीकल्चर इकोसिस्टम में महिलाओं को काम के अवसर दिए। कंपनी के फल और सब्जी पैक हाउस में 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी महिलाएं हैं। एस्पायर इम्पैक्ट ने एग्रीटेक कंपनी को 'गोल्ड लीफ' रेटिंग से सम्मानित किया है। 'किसानों को जीतने में मदद करना' एग्रोस्टार के संचालन का मूल उद्देश्य है। कंपनी पांच प्रमुख हितधारकों पर ध्यान केंद्रित करती है जिनमें क्रमश: कर्मचारी, रिटेल पार्टनर, लास्ट-मील डिलीवरी पार्टनर, ग्लोबल कस्टमर्स और किसान हैं। एग्रोस्टार के सह-संस्थापक और सीईओ शार्दुल शेठ ने कहा, "अपनी स्थापना के बाद से ही हम भारत भर के किसानों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डालने की गहरी प्रतिबद्धता से प्रेरित हैं। कृषि क्षेत्र में गहराई से जुड़े एक संगठन के रूप में, सकारात्मक बदलाव लाना हमारे डीएनए में समाया हुआ है।" उन्होंने आगे कहा, "हमारी ईएसजी रिपोर्ट 2024 'स्थायित्व के बीज बोना' न केवल हमारे काम के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव को मापती है, बल्कि सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। हमें अपने प्रयासों के लिए एस्पायर इम्पैक्ट से गोल्ड रेटिंग प्राप्त करने पर गर्व है। हम अपने पहचाने गए संयुक्त राष्ट्र एसडीजी (स्थायी विकास लक्ष्यों) और किसानों की जीत में मदद करने के हमारे मिशन पर प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
एग्रोस्टार एक अत्याधुनिक डिजिटल-फर्स्ट रणनीति को भी अपनाता है, जो विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैज्ञानिक कृषि ज्ञान प्रदान करता है। इस दृष्टिकोण ने सफलतापूर्वक एक करोड़ से ज्यादा किसानों के सवालों का समाधान किया है और वीडियो को 32.5 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले हैं। किसानों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट तक पहुंच बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। बाजार में नकली और कम-गुणवत्ता वाले उत्पादों की भरमार है। एग्रोस्टार अपने मजबूत ओमनीचैनल वितरण प्रणाली के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले एग्रोस्टार ब्रांडेड उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराकर किसानों के सामने आने वाली इस बड़ी समस्या को हल करता है। एग्रोस्टार एशिया के सबसे बड़े एग्री-एडवाइजरी सेंटर (कृषि-सलाहकार केंद्र) को संचालित करता है, जहां प्रतिदिन 30 हजार से अधिक किसानों के साथ बातचीत की जाती है। इसके अलावा अपने मोबाइल ऐप के माध्यम से 90 लाख से ज्यादा किसानों के डिजिटल नेटवर्क को समाधान और मार्गदर्शन देता है। भारत के 11 राज्यों में 10 हजार से ज्यादा रिटेलर स्टोर्स के नेटवर्क के साथ, एग्रोस्टार जरूरी उत्पादों तक आसान पहुंच की सुविधा देता है। इससे किसानों को अपने खेत प्रबंधन के बारे में आसानी से फैसला लेने में मदद मिलती है।
एग्रोस्टार नेटवर्क में उपलब्ध कराई गई टेक्निकल इनोवेशन और कृषि विज्ञान सहायता के माध्यम से किसान अब अपने उत्पादों जैसे अनार को अमेरिका और केले को यूरोपीय संघ को निर्यात करने में सक्षम हो रहे हैं, जिससे ताजे भारतीय फलों और सब्जियों के निर्यात के लिए नयी सीमाएं खुल रही हैं। अपने ब्रांड 'किमाये' के जरिए कंपनी भारतीय किसानों को 25 से ज्यादा देशों में ग्लोबल ग्राहकों तक पहुंचने और उनकी उपज के लिए प्रीमियम अर्जित करने में मदद कर रही है। एस्पायर इम्पैक्ट के सह-संस्थापक और सीईओ अरविंद श्रीधरन ने कहा, "हमें एग्रोस्टार के किसानों, भागीदारों और कर्मचारियों के साथ व्यापक बातचीत के माध्यम से भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का आकलन करने का सौभाग्य मिला। स्थिरता और इनोवेशन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके काम के हर पहलू में स्पष्ट है। यह रिपोर्ट पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए उनके समर्पण को दर्शाती है और उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए एक उच्च मानक स्थापित करती है।" -(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बृहस्पतिवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया ‘‘हाल में, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई, 2024 को ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित की। कथित अनियमितताओं के कुछ मामले सामने आए।’’
उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद, मामले को 22 जून, 2024 को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
सिंह ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग , कर्मचारी चयन आयोग , रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू किया और इसके बाद इस कानून के तहत नियम भी अधिसूचित कर दिए गए हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बृहस्पतिवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया ‘‘हाल में, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई, 2024 को ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित की। कथित अनियमितताओं के कुछ मामले सामने आए।’’
उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद, मामले को 22 जून, 2024 को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
सिंह ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग , कर्मचारी चयन आयोग , रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू किया और इसके बाद इस कानून के तहत नियम भी अधिसूचित कर दिए गए हैं। (भाषा)