राष्ट्रीय
श्रीनगर, 27 जुलाई । उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के त्रेहगाम सेक्टर में शनिवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया है। जबकि, गोली लगने से सेना के दो जवान घायल हो गए हैं। सेना ने एक बयान में कहा, "नियंत्रण रेखा पर माछिल सेक्टर के कामकारी में एक चौकी पर आतंकियों ने साथ मुठभेड़ हुई है। इसमें एक पाकिस्तानी मारा गया है और हमारे दो जवान घायल हो गए हैं। इलाके में अतिरिक्त बल भेज दिया गया है।'' सूत्रों के मुताबिक, "एलओसी पर सैनिकों ने कुछ आतंकवादी गतिविधियों को देखा। इसके बाद आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। इलाके में ऑपरेशन अभी भी जारी है।"
आतंकवादी पाकिस्तानी सेना की मदद से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास कर रहे हैं। 18 जुलाई को कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश को सेना ने नाकाम कर दिया था, जिसमें दो आतंकवादी मारे गये थे। 24 जुलाई को पुंछ जिले के कृष्णा घाटी क्षेत्र के बटाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया था, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया और सेना का एक जवान शहीद हो गया था। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मुठभेड़ घुसपैठ की कोशिश के कारण हुई है या नियंत्रण रेखा के पार से सक्रिय आतंकवादियों द्वारा किया गया कोई अन्य प्रयास था। घुसपैठ की इन कोशिशों को पिछले दो महीनों में जम्मू डिवीजन के पहाड़ी जिलों में आतंकवादियों द्वारा किए गए गंभीर हमलों की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि नीति आयोग की बैठक में विकसित भारत 2047 के विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चर्चा होगी। बैठक में महाराष्ट्र के विकास पर भी चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को केंद्र सरकार द्वारा सहयोग पर भी चर्चा होगी। 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए जो सपना पीएम मोदी ने देखा है, उसे पूरा करने के लिए हमारा राज्य काम कर रहा है। 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था महाराष्ट्र का गोल है। इस गोल को पूरा करने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है। महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर कल्याणकारी योजनाएं घोषित की गई हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग सभी वर्ग के लोगों के हित में योजनाएं हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं।
इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बैठक में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र राष्ट्र बनाने पर चर्चा होगी। देश की इकॉनोमी को मजबूत करने के लिए ये बैठक बुलाई गई है। यहां जानकारी के लिए बताते चलें कि गवर्निंग काउंसिल नीति आयोग की शीर्ष निकाय है। जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री समेत सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। बैठक में हिस्सा लेने के लिए कई राज्य के मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंची हैं। --(आईएएनएस)
वाराणसी, 27 जुलाई । यूट्यूबर एल्विश यादव ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए थे। यहां उन्होंने फोटो भी खिचवाई थी, जिसको लेकर अब उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया है। वाराणसी के गंगा किनारे स्थित घाटों पर एल्विश यादव के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं। उन्हें सांपों के जहर का सौदागर बताया गया है। साथ ही एल्विश को वीआईपी दर्शन कराने को लेकर जांच की मांग की गई है। पोस्टर में लिखा है कि भोलेनाथ को सांप पसंद हैं, सांपों के जहर का सौदागर नहीं। एल्विश यादव को हमारे आराध्य काशी विश्वनाथ धाम में वीआईपी ट्रीटमेंट की जांच कर कार्रवाई की जाए। ये पोस्टर दीपक सिंह नाम के शख्स द्वारा गंगा किनारे घाटों पर लगाए गए हैं।
पोस्टर लगवाने वाले दीपक सिंह राजपूत ने कहा, “बाबा विश्वनाथ की नगरी में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। कांवड़िए और आम जनता लाइन में लगकर बाबा के दर्शन करते हैं। लेकिन, सांपों के जहर के सौदागर एल्विश यादव को वीआईपी ट्रीटमेंट देकर मंदिर में दर्शन कराए गए। वह कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आया और उस पर सांपों के जहर का सौदा करने का आरोप है। यही नहीं, कुछ दिन पहले ही ईडी ने उससे घंटों तक पूछताछ भी की, लेकिन इसके बावजूद उसे मंदिर में वीआईपी दर्शन कराया गया।” उन्होंने मंदिर समिति पर सवाल उठाए और कहा, “आम जनता घंटों लाइन में लगकर बाबा का आशीर्वाद लेती है, लेकिन एल्विश यादव को किस आधार पर मंदिर में वीआईपी दर्शन कराए गए। इस बात का मंदिर समिति को जवाब देना चाहिए।
हिंदुस्तान के सभी सनातनी समाज के लोग इस बात से आहत हैं और हम इसका विरोध करते हैं। जो शख्स सांपों के जहर का सौदा करता है, उसे मंदिर में वीआईपी दर्शन कराना सही नहीं है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और जेल भेजना चाहिए।” बता दें कि एल्विश उत्तर प्रदेश के वाराणसी दौरे पर आए थे। यहां उन्होंने अपनी टीम के साथियों के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए थे। एल्विश यादव के खिलाफ काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में तस्वीरें क्लिक करने को लेकर वाराणसी के उपायुक्त से शिकायत की गई थी। मंदिर के अंदर फोटोग्राफी के आरोप को लेकर संयुक्त पुलिस आयुक्त के. एजिलरसन ने बताया कि कुछ लोगों ने एल्विश यादव के खिलाफ शिकायत दी है। इस संबंध में जांच के आदेश दे दिए हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी। -- (आईएएनएस)
गंगोत्री/पिथौरागढ़, 27 जुलाई । उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। पहाड़ी जिलों में मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। वहीं पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी इन सभी जिलों में जमकर भारी बारिश हो रही है। राज्य की सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पिथौरागढ़ में रामगंगा और काली नदी उफान पर चल रही है। वहीं पिथौरागढ़ में भारी बारिश से कई सड़कों पर मलबा आ गया है, जिसे रोड बंद हो गए। भारी बारिश से थल मुनस्यारी मोटर मार्ग, धारचूला तवाघाट मोटर मार्ग, गंगोलीहाट बेरीनाग मोटर मार्ग, राईआगर सेराघाट अल्मोड़ा मोटर मार्ग बंद हो गया है।
मौसम विभाग ने पिथौरागढ़ में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसके चलते पिथौरागढ़ डीएम ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है। वहीं गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। भागीरथी नदी का पानी गंगोत्री धाम में घाट में ऊपर तक आ गया है। जिसके बाद यहां पुलिस प्रशासन ने लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट करना शुरू कर दिया है। श्रद्धालुओं को घाट से हटाया जा रहा है। नदी के तेज बहाव को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं को नदी में स्नान करने पर रोक लगा दी है। जन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने श्रद्धालुओं को नदी के आस पास जाने से रोका दिया है। --(आईएएनएस)
डीडवाना, 26 जुलाई । राजस्थान के डीडवाना के जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में 25वां कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस मौके पर करगिल युद्ध में शहीद होने वाले सेना के जवानों को शहीद स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही भारत माता के जयकारे भी लगाए गए। इस अवसर पर जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा सहित सैन्य अधिकारियों ने कारगिल युद्ध के शहीदों की पत्नियों को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
इस दौरान जिला कलक्टर ने कहा, “26 जुलाई 1999 के दिन हमारी सेना ने पाकिस्तानी सेना को तीसरी बार पराजित कर दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया था। विजय दिवस पर आज हम उन शहीदों को नमन कर रहे हैं, जिन्होने मां भारती के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।” जिला कलक्टर ने आगे कहा, “देश के लिए जीते सभी हैं, लेकिन एक सैनिक का जीवन अनेक समस्याओं से गुजर रहे राष्ट्र के प्रति समर्पित रहता है। यही बड़ी वजह है कि सैनिकों के सम्मान में हम सब हमेशा आदर भाव से खड़े रहते हैं।” पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल दीप सिंह राठौड़ ने कहा, “युद्ध हमारी प्राथमिकता में कभी नही रहा, लेकिन युद्ध से मुंह मोड़ लेना भी हमारी फितरत में नही है और यह हमने 55 दिनों के अथक संघर्ष के बाद पाकिस्तानी सेना ओर घुसपैठियों को एक बार फिर अहसास करवा दिया कि वो हमसे कभी भी नही जीत सकते। कारगिल विजय दिवस के उत्सव के रूप में आज शहीदों को नमन किया गया है और शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।” -(आईएएनएस)
रांची, 26 जुलाई । झारखंड के नए प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की बेहतरी के साथ-साथ नारकोटिक्स, साइबर क्राइम, वायलेंट क्राइम और महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम को कंट्रोल करने की होगी। राज्य में फिलहाल इन चार तरह की क्राइम की चुनौतियां सबसे ज्यादा हैं और हमारा प्रयास होगा कि इन्हें रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए वह राज्य के सभी थानों के अफसरों को निर्देश देंगे कि शिकायत लेकर आने वाले हर व्यक्ति की बात सुनी जाए और मामले आसानी के साथ दर्ज किए जाएं।
खासतौर पर कमजोर वर्ग, वृद्धों और महिलाओं से जुड़े मामलों को संवेदनशीलता के साथ हैंडल किया जाए, यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की क्राइम की सूचना मिलने पर पुलिस का रिस्पांस क्विक हो, यह देखा जाएगा। पुलिस बल की ट्रेनिंग और न्यायसंगत डिप्लॉयमेंट पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बता दें कि राज्य सरकार ने फरवरी 2023 से डीजीपी के रूप में पोस्टेड रहे 1989 बैच के आईपीएस अजय कुमार सिंह का तबादला झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड का अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पद पर कर दिया है और उनकी जगह 1990 बैच के आईपीएस और सीआईडी एवं एसीबी के डीजी के रूप में पोस्टेड अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। माना जा रहा है कि हाल के दिनों में राज्य में अपराध की कई बड़ी घटनाएं सामने आने और लॉ एंड ऑर्डर पर उठ रहे सवाल के मद्देनजर राज्य सरकार पुलिस में शीर्ष स्तर पर बदलाव का यह फैसला किया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई। सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में शिवभक्त अपने-अपने हिसाब से भगवान भोले को खुश करने में लगे हुए हैं। कई भक्त उपवास रखकर सावन का महीना मनाते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि ऐसे में व्रत के दौरान लोगों को चक्कर आना, कमजोरी जैसी समस्याएं आ सकती है। अक्सर व्रत के दौरान लोगों को कमजोरी का अनुभव होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है कि हम अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करना भूल जाते हैं, जो हमें पूरे दिन एनर्जी देती है। हालांकि, उपवास धार्मिक कारणों के साथ-साथ शरीर के लिए भी फायदेमंद होता है। न्यूट्रिशनिस्ट सोनिया शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "फास्टिंग करना शरीर के लिए हर तरीके से फायदेमंद है।
फास्टिंग के बारे में कहा जाता है कि यह आध्यात्मिक रूप से तो शरीर के लिए बेहतर होता ही है, शरीर की गंदगी को भी साफ करता है। वैसे तो हर व्यक्ति को सप्ताह में एक बार फास्टिंग जरूर करनी चाहिए। फास्टिंग में कहा जाता है कि आप सात्विक भोजन ही लें, इसके पीछे यह कारण है कि इससे आपका ऑरा क्लीन रहता है, जिससे आपका मन सकारात्मक चीजों में लगा रहता है। फास्टिंग मेडिटेशन में भी मदद करती है।" उन्होंने कहा, "उपवास कई तरह के होते हैं, जो केवल जल, फल या एक समय का भोजन रखकर भी किए जाते हैं। यह सभी तरह की फास्टिंग शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद रहती है। फास्टिंग के दौरान शरीर आराम कर रहा होता है।
ऐसे में डिटॉक्स होने के साथ शरीर हमारी आंत की सफाई कर रहा होता है। फास्टिंग हमें कई खतरनाक बीमारियों से भी बचाती है, जिसमें हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, हाई बीपी जैसी बीमारियां शामिल हैं।" फास्टिंग में आपको कमजोरी का अनुभव नहीं हो इसके लिए सोनिया शर्मा ने बताया, "ऐसे में आपको फल, बादाम, अंजीर, अखरोट और मखाने जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके साथ 'बनाना शेक' भी आपको पूरे दिन एनर्जी देगा। प्रोटीन और कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध और डेयरी से बनी चीज खाना सही है।" -- (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 जुलाई । उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को “मोहरा” बताया है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के वाई-फाई के पासवर्ड हैं। अखिलेश के इस तंज पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है। उन्होंने अखिलेश को नसीहत देते हुए कहा कि आप खुद कांग्रेस का मोहरा बन चुके हैं और भाजपा को लेकर किसी भी तरह की गलतफहमी न पालें। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ों को निशाना बनाने, अपमान करने की जगह आप समाजवादी पार्टी को समाप्त होने से बचाने के लिए काम करें, उस पर ज्यादा ध्यान दें। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2027 में 2017 दोहारायेगी।
कमल खिला है, खिलेगा और खिलता ही रहेगा। अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में इन्होंने हर व्यवस्था हर विभाग को खराब करने का काम किया है। यह दावा करते थे कि मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं। लेकिन, मेडिकल कॉलेज नहीं बना पाए। 13 मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिली। अखिलेश यादव ने कहा कि जो मेडिकल कॉलेज हैं, उनकी स्थिति क्या है? गरीब को कहीं भी इलाज नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में एक जिला अस्पताल नहीं बनाया गया। जहां पर दवाई, इलाज और इंतजाम मिल जाए गरीबों को। यह तो अस्पताल की व्यवस्था है। साथ ही साथ कितना भ्रष्टाचार हुआ होगा, अब धीरे-धीरे इसकी पोल खुलने लगी है।
यहां की सरकार ने यूपी को बर्बाद कर दिया है। जिस गांव में जितना काम करके हमने छोड़ दिया, उसके आगे काम हुआ ही नहीं। अभी लोकसभा में बजट पेश किया गया। हमसे सबने पूछा कि यूपी को बजट में क्या मिला। अखिलेश ने कहा कि बिहार को बजट में जो मिला है, क्या बिहार में इससे बाढ़ रूक जाएगी। अगर यूपी की बाढ़ नहीं रुकेगी तो बिहार की बाढ़ कैसे रुकेगी। वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट “एक्स” से पोस्ट करते हुए लिखा कि 26 जुलाई को सपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय में एक सादगीपूर्ण समारोह में ‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना की जाएगी, जिसमें भारत के संविधान की एक प्रति की स्थापना होगी, जिससे ‘पीडीए-प्रकाशस्तंभ’ के रूप में ‘भारत का संविधान’ हमारे सामाजिक न्याय का मार्ग सदैव प्रकाशित और प्रशस्त करता रहे। -(आईएएनएस)
पटना, 26 जुलाई । बिहार विधान परिषद के सदस्य और आरजेडी नेता सुनील सिंह की सदस्यता रद्द किए जाने को भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने एकदम सही कदम बताया है। उन्होंने कहा, “ये पूरा मामला विधान परिषद और उसके सचिवालय का है। सरकार को इस मामले से कोई मतलब नहीं है। इससे पहले भी रामबली चंद्रवंशी, जो आरजेडी सदस्य थे, की सदस्यता गई थी। उनकी सदस्ता भी ऐसी ही गतिविधियों पर गई थी। एक ही एक्टिविटी पर आप दो चरित्र नहीं रख सकते”। इसके बाद इस पूरे मामले पर सुनील सिंह पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “इस पूरे मामले में 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास में ही पूरी पटकथा लिखी गई थी। किसानों और भ्रष्टाचार की बात करने वाले व्यक्ति की सदस्यता किसी भी हालत में ले लेनी चाहिए, उनका यही चरित्र है।” उन्होंने आगे कहा, “आचार समिति को मैंने पत्र भेज था। मेरा पत्र वापस कर दिया गया।
आज तक संसदीय इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। इस पूरे मामले के पीछे सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने मेरी सदस्यता ली है। मुझे अपनी बात रखने तक का मौका नहीं दिया गया। यहां तक कि समिति के सदस्यों तक को पूरे मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई। बता दें, सुनील सिंह की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। सुनील कुमार सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल करने के मामले में की गई। यह फैसला विधान परिषद की आचार समिति की रिपोर्ट के बाद लिया गया। सदन में राजद एमएलसी सुनील सिंह और मोहम्मद कारी सोहैब ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी।
सत्ताधारी सदस्यों ने मुख्यमंत्री को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया था और इस मामले को विधान परिषद की आचार समिति में ले गए थे। आरोप लगाया गया था कि यह सदन की मर्यादा के खिलाफ है और उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग रखी गई थी। आचार समिति ने इस मामले में एमएलसी सुनील सिंह को दोषी पाया। इसके बाद आचार समिति ने सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा कर दी। जबकि, सोहैब ने समिति के पास अपनी गलती मान ली थी। सुनील सिंह को राजद सुप्रीमो लालू यादव का करीबी माना जाता है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । झारखंड के गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत 5 जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की मांग उठाई है। इससे पहले मुर्शिदाबाद विधानसभा के बीजेपी विधायक गौरी शंकर घोष ने कहा था कि मुर्शिदाबाद जिले में जिस तरह से बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है, उससे सुरक्षा बाधित होगी। विधायक ने 2022 में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गृह मंत्रालय के सामने उठाया था और देश की सुरक्षा के लिए उन्होंने मुर्शिदाबाद, मालदा सहित झारखंड के कुछ जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई थी। भाजपा विधायक ने उस मांग को लेकर 2022 में गृह मंत्रालय और राज्यपाल को पत्र भी लिखा था। उनकी पार्टी को उस मांग पर भरोसा है और मानना है कि आने वाले दिनों में गृह मंत्रालय इस मांग पर मुहर लगाएगा। इसी मांग को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आगे बढ़ाया है और एक बार फिर पांच जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है।
बता दें कि निशिकांत दुबे ने इससे गुरुवार को झारखंड में घट रही हिंदू आबादी, बढ़ रही बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और एनआरसी का मुद्दा लोकसभा में उठाया था। घट रही हिंदुओं की आबादी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने एनआरसी लागू करने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी कह रहा हूं अगर वह झूठ निकला, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। उन्होंने लोकसभा में कहा था कि विपक्ष के तमाम नेता आज एक ही बात कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है।
हालांकि, सच्चाई कुछ और है। संविधान नहीं, कुछ लोगों की राजनीति खतरे में है। बिहार से अलग होकर जब झारखंड एक अलग राज्य बना था तब संथाल परगना क्षेत्र में 2000 में आदिवासियों की संख्या 36 फीसदी थी जो आज 26 फीसदी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दस फीसदी आदिवासी कहां खो गए? इस विषय पर इस सदन में कभी बात नहीं होती, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति होती है। भाजपा नेता ने आगे कहा था कि झारखंड सरकार भी इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है। बांग्लादेश से घुसपैठ हमारे यहां लगातार बढ़ रही है, जो आदिवासी महिलाएं हैं उनके साथ बांग्लादेशी घुसपैठिये शादी कर रहे हैं। हमारे यहां से चुनाव लड़ने वाली आदिवासी महिलाओं के पति मुसलमान हैं, जिला परिषद की जो अध्यक्ष हैं उनके पति मुसलमान हैं। हमारे यहां एक लाख आदिवासी मुखिया हैं, जिनके पति मुसलमान हैं। (आईएएनएस)
देहरादून, 26 जुलाई । उत्तराखंड की वीरभूमि का एक और लाल देश की सेवा करते हुए कुर्बान हो गया। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के निरीक्षक चन्द्र मोहन सिंह 55 साल की उम्र में भारत-चीन सीमा पर एक सामरिक महत्व के क्षेत्र में विशेष पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए। निरीक्षक चन्द्र मोहन सिंह की शहादत की खबर के बाद आईटीबीपी के पूरे फॉर्मेशन्स में शोक की लहर दौड़ गई। वह गुरुवार 25 जुलाई को एक विशेष सूचना पर शॉर्ट-रेंज पेट्रोलिंग के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास "भारत" अग्रिम चौकी से आगे करग्युपा नाला पार करते वक्त नाले में गिर गए और पानी के तेज बहाव में बह गए। सिंह को 100 मीटर की दूरी पर जवानों ने निकाला और पास के आर्मी अस्पताल सुमडो में इलाज के लिए भर्ती कराया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
निरीक्षक चन्द्र मोहन देहरादून में डोईवाला तहसील स्थित दुर्गा चौक, जौली ग्रांट के रहने वाले थे। वह आईटीबीपी में बतौर कांस्टेबल (जीडी) भर्ती हुए थे और वर्तमान में निरीक्षक (जीडी) के पद पर तैनात थे। वाहिनी में तैनाती के दौरान सिंह ने अपनी ड्यूटियों के अतिरिक्त अन्य सौंपी गई ड्यूटियों को समय-समय पर बड़ी मेहनत, लगन एवं उत्कृष्ट कार्यक्षमता के साथ पूरा किया। वह अपनी समर्पित और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे। मार्शल आर्ट में दक्षता के साथ-साथ उन्होंने अपने कार्य से देश का नाम रोशन किया था। शहीद निरीक्षक चन्द्र मोहन सिंह का अंतिम संस्कार गृह निवास जौली ग्रांट में किया जाएगा। (आईएएनएस)
मुंबई, 26 जुलाई । आम तौर पर मायानगरी मुंबई को तेज रफ्तार जिंदगी के लिए जाना जाता है। बारिश हो या धूप, सुहाना वासंती मौसम हो या पसीने छुड़ाने वाली उमस - इसकी रफ्तार नहीं थमती। इस महानगरी के ज्यादातर लोगों को यहां का मानसून और अचानक आई बारिश में भींगना अच्छा लगता है। लेकिन 18 साल पहले 26 जुलाई 2006 को मायानगरी पर इंद्र देव इस कदर बरसे कि याद कर आज भी लोगों की रूह सिहर जाती है। आज भी जब 26 जुलाई का जिक्र होता है, तो मुंबई के बाशिंदे ईश्वर से यही प्रार्थना करते नजर आते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमें वह दिन कभी न दिखाना। चौबीसों घंटे गुलजार रहने वाली मुंबई की सड़कें उन दिनों भारी बारिश की जद में आकर इस कदर निर्जन हो गई थीं कि जहां नजर दौड़ाओ, पानी ही पानी। बेबसी का आलम यह था कि हजारों जिंदगियां ठहर सी गई थीं। सबसे बड़ा सवाल था कि आखिरकार कसूर किसका है?
जहां एक तरफ मानसून की मार ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था, वहीं प्रशासनिक अमला इन सब बातों से बेपरवाह था। बारिश के खौफनाक मंजर के आगे शासन-प्रशासन ने अपने घुटने टेक दिए थे और लगे हाथों यह भी बता डाला था कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए हमारी मायानगरी की प्रशासनिक व्यवस्था कितनी दुरुस्त है। बारिश में किसी का आशियाना उजड़ गया, तो किसी की जिंदगी भर की जमा पूंजी डूब गई। मायानगरी के असंख्य लोग बेघर हो गये थे। आज भी कई लोग उन दिनों को याद कर सिहर उठते हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों में बारिश की विकरालता साफ थी। उस दिन महाराष्ट्र में कुल 944 मिमी (37.17 इंच) बारिश हुई थी, जो कि पिछले 100 साल में सबसे ज्यादा थी। इस बारिश ने कई लोगों की बस्तियां उजाड़ दी थी। सरकार द्वारा शुरू किए गए राहत एवं बचाव के सभी कार्य निष्प्रभावी साबित हुए थे।
स्थानीय लोग बताते हैं कि सरकार ने अपनी तरफ से स्थिति को काबू में करने के भरसक प्रयास किए थे, लेकिन प्रकृति के कोप के सामने सरकारी व्यवस्था पंगु साबित हुई। मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि मुंबई की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि आम तौर पर बारिश ज्यादा होती है। हालांकि, सरकार का दावा है कि यदि दोबारा 2006 जैसी बारिश होती है तो वह पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन इतिहास गवाह है कि प्राकृतिक आपदा पर आज तक किसी का भी कोई जोर नहीं चला है। मायानगरी में 18 साल बाद पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। स्कूल-कॉलेजों और सभी सरकारी संस्थानों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासनिक आलम भी हर प्रकार की अप्रिय स्थिति का सामना करने के लिए मुस्तैद है। और लोग, ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि फिर 18 साल पहले जैसी मुसीबत का सामना न करना पड़े। -(आईएएनएस)
जालंधर, 26 जुलाई । पेरिस में ओलंपिक खेलों का महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। शुक्रवार को ओपनिंग सेरेमनी करीब 4 घंटे चलेगी और भारतीय समयानुसार यह रात करीब 11 बजे शुरू होगी और 3 बजे तक खत्म होगी। इस ओलंपिक में 206 देशों के 10,000 से ज्यादा एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। दो हफ्ते तक चलने वाले पेरिस खेलों में भारतीय हॉकी पुरुष टीम 27 जुलाई को अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी। भारत को गत चैंपियन बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड के साथ पूल-बी में रखा गया है। यह मैच भारतीय समयानुसार रात 9 बजे से खेला जाएगा। पेरिस में खेले जाने वाले ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को लेकर पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और कोच परगट सिंह का बयान सामने आया है।
हॉकी टीम को लेकर मीडिया से बात करते हुए परगट सिंह ने कहा कि टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ी दोनों मौजूद है। ऐसे में पेरिस में ओलंपिक में हॉकी टीम से बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद है। पूर्व कोच ने कहा कि जो खिलाड़ी आज बढ़िया प्रदर्शन कर रहे है उनका बेस 15 साल पहले का है। एक खिलाड़ी को तैयार होने में 15 साल लग जाते है। हॉकी टीम को लेकर परगट ने कहा कि उन्हें इस युवा टीम से काफी उम्मीदें है। भारतीय टीम से स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर परगट ने कहा,''हमारी गोलकीपिंग मजबूत है और हमारा कप्तान हरमनप्रीत ड्रैग फ्लिक में माहिर है।
अगर ये दोनों अच्छी तरह चल गए तो हमें शीर्ष पर आने से कोई नहीं रोक सकता।'' विश्व के सर्वश्रेष्ठ ड्रैगफ्लिकर में से एक डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह पेरिस खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम की अगुआई करेंगे जबकि मिडफील्डर हार्दिक सिंह उपकप्तान की भूमिका में होंगे। पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय टीम: पीआर श्रीजेश (गोलकीपर), जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), सुमित, संजय, राजकुमार पाल, शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मनदीप सिंह और गुरजंत सिंह। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को गाजा में मारे जा रहे निर्दोष लोगों पर चिंता जाहिर की। उन्हें इसे 'अस्वीकार्य' करार देते हुए 'दुनिया की हर सरकार' से गाजा में इजरायल के सैन्य हमले की निंदा करने की अपील की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट किया, "गाजा में हो रहे भयानक नरसंहार में दिन-ब-दिन मारे जा रहे निर्दोष नागरिकों, माताओं, पिताओं, डॉक्टरों, नर्सों, सहायता कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, शिक्षकों, लेखकों, कवियों, वरिष्ठ नागरिकों और हजारों मासूम बच्चों के लिए सिर्फ बोलना काफी नहीं है।"
उन्होंने आगे लिखा, "यह हर एक सही सोच रखने वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है (जिसमें वे सभी इजरायली नागरिक भी शामिल हैं जो नफरत और हिंसा में विश्वास नहीं रखते हैं) और दुनिया की हर एक सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इजरायली सरकार के नरसंहार की निंदा करे और उसे रोकने के लिए मजबूर करे।" प्रियंका गांधी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भी निशाना साधा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सदनों को संबोधित किया था। इसके बाद दोनों सदनों के सांसदों ने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाई थी। वहीं, कुछ नेताओं ने इजरायली प्रधानमंत्री के भाषण को ऐतिहासिक बताया था।
प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी हरकतें ऐसी दुनिया में अस्वीकार्य हैं जो सभ्यता और नैतिकता का दावा करती हैं। उन्होंने अमेरिकी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग मानवता और सभ्यता पर विश्वास करते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। इजरायल द्वारा गाजा में की जा रही बर्बरता को पश्चिमी देशों के जरिए समर्थन मिलते देखना शर्म की बात है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजा में इजरायल की कार्रवाई का समर्थन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचना की है। फरवरी में प्रियंका गांधी ने कहा था कि न्याय, मानवता और अंतर्राष्ट्रीय शिष्टाचार के सभी नियम तोड़ दिए गए हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर गाजा में हो रहे 'नरसंहार के प्रति अंधे' होने का आरोप लगाया था। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । अग्निवीर योजना को लेकर पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि मोदी सरकार एक नई योजना लेकर आई है। ऐसा लगता है कि उन्होंने मूवी से ढूंढ़कर यह नाम रखा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इस देश को अग्निपथ के रास्ते पर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों से उनकी दुर्दशा, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति और उनकी मानसिक स्थिति के बारे में पूछा जाना चाहिए। उनके जीवन के तीन साल बाद, उनका बाकी जीवन भय और अभाव में बीतेगा। अग्निवीर की हालत उत्तर प्रदेश के नियोजित, संविदा और शिक्षामित्रों से भी बदतर है। शिक्षामित्रों और संविदा वालों को आजीवन 6-8 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे लेकिन अग्निवीरों को न तो पैसा मिलेगा और न ही शहीद का दर्जा।
पप्पू यादव ने कहा कि एक वर्ष के प्रशिक्षण और तीन वर्ष की सेवा के बाद अग्निवीरों को बेरोजगारी की यातना झेलनी पड़ेगी, जिसके कारण न तो उनकी शादी हो पाएगी और न ही घर और समाज में उन्हें सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा, "जब अग्निवीरों की पत्नी, बच्चों और परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा और देखभाल का कोई प्रावधान नहीं है तो वे सीमा पर गोली क्यों खाएंगे, इसलिए मैं कहता हूं कि उनकी शहादत के बाद ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि उनका परिवार फिर से आराम से अपना जीवन जी सके।"
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रावधानों के अभाव में सेना डरी रहेगी, जिससे देश को कोई फायदा नहीं होगा। वे सिर्फ अपना काम करेंगे और समय को टालते रहेंगे। जब किसी का भविष्य सुरक्षित नहीं है तो कोई अपनी जान क्यों दे? वैसे भी इस देश में सैनिकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। अग्निवीर जैसी योजनाएं देश और युवाओं के लिए नुकसानदेह है। अग्निपथ योजना की शुरुआत भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती के लिए की गई थी। इस योजना के तहत युवाओं को अग्निवीर के पद पर भर्ती किया जाएगा। इस योजना के तहत न केवल भारतीय सेना में बल्कि वायु सेना और भारतीय नौसेना में भी भर्ती की जाएगी। हालांकि, इनकी भर्ती चार साल के लिए होगी और 4 साल के बाद 75 फीसदी युवाओं को घर भेज दिया जाएगा और सिर्फ 25 फीसदी युवाओं को ही स्थायी भर्ती दी जाएगी। साल 2022 में यह योजना लागू की गई थी। --(आईएएनएस)
अमरावती, 26 जुलाई । सऊदी अरब में फंसा आंध्र प्रदेश का शख्स शुक्रवार को अपने घर लौट आया। आंध्र प्रदेश के मानव संसाधन विकास और आईटी मंत्री नारा लोकेश के हस्तक्षेप के बाद व्यक्ति अपने घर पहुंचा। अंबेडकर कोनसीमा जिले के रहने वाले सरेला वीरेंद्र कुमार हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। जहां परिवार के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। वीरेंद्र ने उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए लोकेश और टीडीपी एनआरआई फोरम को धन्यवाद दिया।
मंत्री लोकेश ने एनआरआई फोरम को वीरेंद्र की मदद करने का निर्देश दिया था। वीरेंद्र ने सोशल मीडिया पर अपनी दुर्दशा को उजागर करते हुए एक सेल्फी वीडियो पोस्ट किया था। अंबेडकर कोनसीमा जिले के अंबाजीपेटा मंडल के इसुकापुडी गांव के निवासी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें एक एजेंट ने धोखा दिया। उसने उन्हें कतर में नौकरी दिलाने का वादा किया था। 10 जुलाई को कतर पहुंचने के बाद उसे सऊदी अरब भेज दिया गया। वीरेंद्र ने शिकायत की कि उसे रेगिस्तान में ऊंट चराने का काम करने के लिए कहा गया, लेकिन उसे कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गईं। उसने वीडियो के माध्यम से अपनी परेशानियों के बारे में बताया। उसने मंत्री से अपील की थी कि यदि उसकी मदद नहीं की गई तो वह मर जाएगा।
मंत्री ने वीरेंद्र कुमार की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और मदद करने का वादा किया था। मंत्री ने पोस्ट किया था, "वीरेंद्र, हम आपको सुरक्षित घर वापस लाएंगे! चिंता मत करो!" वीरेंद्र आंध्र प्रदेश के दूसरे व्यक्ति हैं जिन्हें राज्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद इस महीने बचाया गया है। इससे पहले कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने शिवा की मदद की थी। एक एजेंट के धोखा देने के बाद शिवा फंस गया था। --(आईएएनएस)
खरगोन, 26 जुलाई। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की चीतल नदी में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ में एक छात्रा फंस गई, जिसके बाद एक स्थानीय व्यक्ति ने बहादुरी दिखाते हुए छात्रा को पानी से निकाल कर उसकी जान बचाई। घटना उस वक्त की है जब छात्रा एक कोचिंग सेंटर से पढ़कर घर लौट रही थी। उसी वक्त जिले के ही भुलगांव में चीतल नदी के ऊपर बनी एक पुलिया के ऊपर पानी तेज गति से बहने लगा। छात्रा जब तक कुछ समझती वह पानी के एकदम बीच में फंस गई। स्थानीय लोगों ने जब छात्रा को पानी में फंसा देखा तो आवाज लगाकर कुछ और लोगों को मौके पर बुलाया। जिसके बाद एक युवक ने बहादुरी दिखाते हुए पानी में उतर कर छात्रा की जान बचाई।
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में तेज रफ्तार से बहते पानी में फंसी छात्रा दिखाई पड़ रही है। जिसे बचाने के लिए लोग मदद की पुकार कर रहे हैं। इसके बाद एक युवक पानी के बीच में जाकर छात्रा का हाथ पकड़ कर उसे बाहर निकाल ले आता है। बता दें, मध्य प्रदेश के कई इलाकों में इन दिनों मानसूनी बारिश से हुए जलभराव की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। लोगों को निचले इलाकों और जलाशयों के नजदीक न जाने की सलाह दी गई है।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बीते तीन दिनों से बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश से लोगों के जनजीवन पर भी असर पड़ रहा है। कटनी जिले के कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। यहां गुरुवार को रेलवे ट्रैक पर भी पानी आ गया था और उसका असर सिग्नल प्रणाली पर भी पड़ा, जिससे कई घंटों तक आवागमन प्रभावित रहा। रेलवे ट्रैक को भी कर्मचारी को खोजना पड़ा। इसके अलावा ट्रेनों को बहुत कम रफ्तार से आगे बढ़ाया गया। इसी तरह रतलाम, मंदसौर, टीकमगढ़ समेत कई अन्य जिलों की निचली बस्तियों में भी पानी भर गया। कई इलाकों के खेत तो तालाब में बदल गए हैं और फसलों को भी नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं जिन इलाकों की निचली बस्तियों में पानी भर गया है, वहां के लोग आसानी से घर से नहीं निकल पा रहे हैं। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को उच्च सदन राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एमएसपी को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश और सपा सांसद रामजी ने शोर मचाना शुरू कर दिया। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। आप किसान की चर्चा को बाधित कर रहे हैं।
किसानों के मुद्दे पर इस तरह का हंगामा ठीक नहीं है। किसान की सेवा करने का यह तरीका नहीं होता है। जयराम रमेश आपको किसानों के बारे में 'क' 'ख' 'ग' 'घ' भी नहीं पता है। दरअसल राज्यसभा की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद राम जी सुमन एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार से सवाल कर रहे थे। उन्होंने किसानों की सहायता के लिए 12 जुलाई 2000 को बनी कमेटी को लेकर सवाल उठाए। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस समिति को गठित करने का उद्देश्य किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराना, व्यवस्था को पारदर्शी बनाना और कृषि मूल्य को अधिक स्वायत्तता और कृषि वितरण प्रणाली के लिए सुझाव देना है। किसान हमारे लिए भगवान की तरह हैं। किसान की सेवा हमारे लिए पूजा जैसी है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने आगे कहा कि इस समिति के तहत अब तक 22 बैठकें हो चुकी हैं। समिति जो सिफारिश करेगी, उस पर विचार किया जाएगा। इस पर सपा सांसद राम जी ने तंज कसते हुए कहा कि ये जो किसान को भगवान बता रहे हैं उन्हें किसान से कोई लेना देना नहीं है। सीधा जवाब क्यों नहीं देते कि आप एमएसपी को कानूनी दर्जा देना चाहते हैं या नहीं ? बीच में हस्तक्षेप करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'राम' 'शिव' से सवाल पूछ रहे हैं। इसके बाद शिवराज सिंह ने सपा सांसद राम जी को जवाब देते हुए कहा कि किसानों की फसल का सही दाम देने के लिए एमएसपी की दरें लगातार बढ़ाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हित में लगातार फैसले कर रहे हैं। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार लोकसभा सीट से भाजपा सांसद मनोज टिग्गा ने केंद्रीय बजट को जन कल्याणकारी बताते हुए इसकी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि यह बजट सभी लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह बजट देश हित का बजट है। 2047 तक विकसित भारत बनाने का बजट है और सभी को इस बजट का सम्मान करना चाहिए। मनोज टिग्गा ने आगे कहा कि अगर कभी बंगाल में एडमिनिस्ट्रेटिव मीटिंग होती है तो ममता बनर्जी हमें कभी नहीं बुलाती।
वह हम लोगों को इससे वंचित रखना चाहती हैं। पहले वह अपने राज्य में व्यवस्था को ठीक करें। सभी राज्य को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। सबसे ज्यादा पैसा बंगाल राज्य को दिया गया है, लेकिन इस सरकार में हर रोज घोटाले के कारनामे उजागर हो रहे हैं। ममता सरकार ने घोटालों को लेकर नया कीर्तिमान बनाया है। इन लोगों ने केंद्र सरकार की योजना में भी घोटाला किया है। मनोज टिग्गा ने कहा है कि उत्तर बंगाल जो 34 वर्षों में वामपंथियों का गढ़ रहा, वहां विकास नहीं हो रहा है। चिकित्सा, स्वास्थ्य, यातायात समेत हर क्षेत्र में यह इलाका पिछड़ा हुआ है। अगर आप वेस्ट बंगाल जाएंगे तो वह आपको एक अच्छा अस्पताल नहीं मिलेगा। न्यूरोलॉजिस्ट नहीं मिलेगा, कोई व्यवस्था अस्पताल में नहीं मिलेगी। उसके बाद चाय बागान जो सबसे बड़ा उद्योग है, वहां पर कोई वैकल्पिक उद्योग नहीं हुआ है और वह भी बंद होते जा रहे हैं। अगर उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट काउंसिल में डाल दिया जाए, तो वहां पर विकास का काम हो सकता है, इसी को ध्यान में रखते हुए हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव सौंपा है। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । भारत में वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर 2023-24 तक यानी बीते 6 वित्त वर्षों में 16.83 करोड़ नए रोजगार सृजित हुए हैं। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे की ओर से राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि देश में मार्च 2024 में 64.22 करोड़ लोगों के पास रोजगार था। जबकि, 2017-18 में यह संख्या 47.5 करोड़ थी। इस प्रकार पिछले 6 वर्षों में देश में रोजगार में 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी केएलईएमएस ( के: कैपिटल, एल: लेबर, ई: एनर्जी, एम: मटेरियल और एस: सर्विसेज) के आधार पर यह जानकारी दी गई है।
केंद्रीय मंत्री की ओर से आगे बताया गया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (औपचारिक और अनौपचारिक) में 2017-18 से लेकर 2022-23 में 85 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिपोर्ट में बताया गया था कि एमएसएमई मंत्रालय के पास पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) में रोजगार का आंकड़ा 20 करोड़ को पार कर गया है। एमएसएमई मंत्रालय के 'उद्यम' पोर्टल पर 4 जुलाई तक के आंकड़े के अनुसार, 4.68 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई में 20.20 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसमें से 2.3 करोड़ नौकरियां जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) से छूट वाले अनौपचारिक सूक्ष्म इकाइयों में मिल रही हैं।
एमएसएमई में पिछले साल जुलाई के मुकाबले नौकरियों में 66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बाल श्रम पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस समस्या को खत्म करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपना रही है और व्यापक उपाय किए हैं, जिनमें कानूनी कार्रवाई, पुनर्वास रणनीति, मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्रदान करना और सामान्य सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की ओर से बाल श्रम उन्मूलन के लिए संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले कार्य बिंदुओं को सूचीबद्ध करते हुए एक मॉडल स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । 25 साल पहले भारत के शूरवीरों ने पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया और स्वर्ण अक्षरों में नाम अंकित करा गए। युद्ध मई में शुरू हुआ और कारगिल विजय के जश्न से खत्म हुआ। आइए जानते हैं रजत जयंती पर कारगिल युद्ध के 'ऑपरेशन विजय' की अहम बातें। मई 1999 में घुसपैठ का पता चला, 3 मई 1999 को एक चरवाहे ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर कश्मीरी वेशभूषा में बड़ी संख्या में लोगों को देखा। उसने सेना की टुकड़ी को इसकी जानकारी दी। पाकिस्तानी भारतीय सीमा में 15 किलोमीटर आगे आ चुके थे। चरवाहे का नाम ताशी नामग्याल था। उसने ही पाकिस्तानी घुसपैठियों संबंधी जानकारी सेना को दी।
वो अपने लापता याक को तलाशते हुए बटालिक सेक्टर में पहुंचा था। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया और कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई। यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मई से जुलाई 1999 तक हुआ था। 84 दिनों तक भारत-पाक के बीच युद्ध चला। थल सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के इरादे संग दुश्मनों को धूल चटाई तो वायु सेना के 'ऑपरेशन सफेद सागर' ने दुश्मन देश के हौसलों को पस्त कर दिया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक कारगिल युद्ध के दौरान कुल मिलाकर, भारतीय वायुसेना ने लगभग 5,000 स्ट्राइक मिशन, 350 टोही/ईएलआईएनटी मिशन और लगभग 800 एस्कॉर्ट उड़ानें भरीं। 5 मई को भारतीय सैनिकों की पहली टुकड़ी पहुंची। कैप्टन सौरभ कालिया पांच जवानों के साथ पेट्रोलिंग पर पहुंचे थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने बजरंग चोटी पर कैप्टन कालिया समेत अन्य जवानों की बेरहमी से हत्या कर दी। 13 मई को भारतीय वायुसेना ने हवाई हमले शुरू किए। 27 मई को भारतीय वायु सेना का एक मिग-21 और मिग-27 हवा में मार करने वाली मिसाइलों की चपेट में आ गए। इस हमले के बाद मिग-27 के पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट कम्बम्पति नचिकेता को इमरजेंसी एग्जिट लेनी पड़ी थी। 28 मई को भारतीय वायु सेना का एमआई-17 गोलाबारी की जद में आ गया था।
इस हमले में चालक दल के चार सदस्यों ने देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। 18 मई को प्वाइंट 4295 और 4460 पर भारतीय सेना ने वापस कब्जा किया। 13 जून को तोलोलिंग और प्वाइंट 4590 को कब्जे में लिया। 14 जून को 'हंप', 20 जून को प्वाइंट 5140, 28 जून को भारतीय सैनिकों ने प्वाइंट 4700 पर कब्जा किया। 29 जून को 'ब्लैक रॉक', 'थ्री पिम्पल' और 'नॉल' जीता। 4 जुलाई को टाइगर हिल पर लगातार 11 घंटे के संघर्ष के बाद प्वाइंट 5060 और प्वाइंट 5100 पर कब्जा किया। 5 जुलाई को भारतीय सैनिकों ने प्वाइंट 4875 पर झंडा फहराया तो 14 जुलाई को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के सफल होने की घोषणा की और 26 जुलाई 1999 को करगिल युद्ध समाप्त हो गया। पाकिस्तानी सेना ने 15,990 फीट की ऊंचाई पर रणनीतिक तौर पर अहम इस चोटी पर बंकर बना लिया था। एक सीधी चढ़ाई वाली इस चोटी का सफर तय कर कैप्टन विक्रम बत्रा समेत 11 जांबाजों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। कैप्टन बत्रा को मरणोपरांत सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया जब कारगिल युद्ध हुआ था, उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। युद्ध जीतने के बाद उन्होंने 'ऑपरेशन विजय' के सफल होने का ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत के लिए शर्तें रखी हैं।
इस युद्ध के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थे। तोलोलिंग पीक श्रीनगर-लेह हाइवे के ठीक सामने मौजूद है। वहां पर प्वाइंट 5140 और प्वाइंट 4875 हैं। यहीं पर हमारे भारतीय जवानों ने सबसे ज्यादा शहादत दी। यह 16 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यहां पारा माइनस 5 से माइनस 11 तक रहता है। कारगिल वॉर मेमोरियल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 674 बहादुर सैनिकों ने शहादत दी। इनमें से 4 को सर्वोच्च परमवीर चक्र,10 को महावीर चक्र और 70 को वीर चक्र से सम्मानित किया गया। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना की कमान जनरल वीपी मलिक के हाथ में थी। तत्कालीन सेना प्रमुख मलिक ने कहा था कि भारतीय सेना का ऑपरेशन विजय राजनीतिक, सैन्य और कूटनीतिक कार्रवाई का मिलाजुला उदाहरण था। पाकिस्तान के मंसूबों पर भारत ने एक बार फिर पानी फेर दिया। वो भारत की सुदूर उत्तरी चोटियां, जहां सियाचिन ग्लेशियर की लाइफलाइन एनएच-1 डी है, को किसी तरह काटकर उस पर कब्जा करना चाहता था। लक्ष्य एक ही था कि लद्दाख की ओर जाने वाली रसद के काफिलों की आवाजाही को रोक सके और भारत को मजबूर होकर लेह और सियाचिन छोड़ना पड़े। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा, कारगिल युद्ध उनके देश की भूल थी । कर्नल (सेवानिवृत्त) अशफाक हुसैन ने कहा था, "कारगिल ऑपरेशन 1971 के आत्मसमर्पण से भी कहीं बड़ी भूल थी।" -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को मानहानि मामले में यूपी के सुल्तानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान राहुल गांधी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह लखनऊ एयरपोर्ट जाते वक्त रास्ते में मोची की दुकान पर रुके। इस दौरान राहुल गांधी ने मोची से बातचीत की और उनका हालचाल भी जाना। कांग्रेस पार्टी ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकांउट से वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रास्ते में गाड़ी रुकवाकर मोची का काम करने वाले परिवार से मुलाकात की। हम इन मेहनतकश लोगों के अधिकारों के लिए लगातार लड़ रहे हैं, सड़क से संसद तक इनकी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
इनका वर्तमान सुरक्षित और भविष्य खुशहाल बनाना ही हमारा लक्ष्य है।'' वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल गांधी सुनवाई के बाद जब लखनऊ एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रहे थे, तभी रास्ते में एक मोची की दुकान पर अपनी गाड़ी रुकवाते हैं। इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे पहले भी राहुल गांधी ने अचानक दिल्ली के जीटीबी नगर पहुंचकर रेहड़ी-पटरी वाले दिहाड़ी मजदूरों से मुलाकात की थी। उन्होंने मजदूरों से उनके जीवन की कठिनाइयों और रोजगार से जुड़ी समस्याओं के बारे में जाना था। उन्हें समस्याओं के समाधान का भी भरोसा दिलाया था। रायबरेली से सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को मानहानि मामले में सुल्तानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए। जहां कोर्ट के समक्ष उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। विशेष न्यायाधीश शुभम वर्मा ने मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए राहुल गांधी को 26 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त को तय की है। राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि वो संसद की कार्यवाही छोड़कर न्यायालय में पेश हुए हैं। उन्होंने कोर्ट में अपना बयान दर्ज करा दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, उनसे मैं इनकार करता हूं। मेरी और मेरी पार्टी की छवि को खराब करने के लिए झूठा मुकदमा मेरे खिलाफ दर्ज किया गया है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता विजय मिश्र ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बेंगलुरु में 2018 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए 4 अगस्त 2018 को मानहानि का मामला दर्ज कराया था। -(आईएएनएस)
यमुनानगर, 26 जुलाई । हरियाणा के यमुनानगर में शराब के ठेके के बाहर हुआ झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक युवक की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। हरियाणा के यमुनानगर में शराब ठेके के बाहर एक युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई। अभी मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। दरअसल, यमुनानगर रेलवे स्टेशन के नजदीक शराब के ठेके के बाहर एक रेहड़ी पर शराब पीने आए लोगों के बीच किसी बात पर बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि रेहड़ी पर काम करने वाले एक युवक पर उन्होंने चाकू से कई वार किए। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
बता दें कि घटना की सूचना पर मौके पर पुलिस की कई टीम पहुंची और मामले की छानबीन की। अभी तक मृतक की शिनाख्त नहीं हुई है, ना ही यह पता चला है कि किन लोगों ने उसकी हत्या की। यमुनानगर थाना प्रभारी जगदीश चंद्र ने बताया कि इस संबंध में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और मृतक की शिनाख्त के प्रयास किया जा रहे हैं।
घटना को लेकर यमुनानगर के थाना प्रभारी जगदीश चंद्र ने बताया, "गुरुवार की रात 10 बजे कुछ लोग शराब ठेके पर आए थे। ठेके के पास एक रेहड़ी रहती है, जहां पर कुछ लोग शराब पी रहे थे। वो रेहड़ी वाले के पानी से अपना हाथ धोने लगे और किसी बात पर उनकी बहस हो गई। रेहड़ी वाले के यहां काम करने वाले एक युवक से भी उनकी बहस होने लगी। शराब पीने वाले एक आरोपी ने उसपर चाकू से वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक की अभी पहचान नहीं हो सकी है, हमने डेड हाउस में बॉडी रखवा दी है।" --(आईएएनएस)
देहरादून 26 जुलाई । कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड सरकार ने शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित समारोह में कहा कि सम्मान स्वरूप आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़कर ₹50 लाख कर दी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल शहीदों की याद में आयोजित समारोह में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने शहीदों के परिजनों को मिलने वाली राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि अब शहीदों के परिजन सरकारी नौकरी के लिए 2 साल नहीं, बल्कि 5 साल तक आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने एक्स पर इसकी जानकारी दी। लिखा, कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क, देहरादून स्थित शहीद स्मारक पर अमर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वीर शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। इस दौरान शहीद आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख करने, वीरगति प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरांत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष करने और शहीद आश्रितों हेतु जिलाधिकारी कार्यालय में पद न होने पर अन्य विभागों में नौकरी प्रदान करने के साथ ही सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों के समतुल्य अवकाश देने की घोषणा की। हम सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमारी सरकार अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने पर भी कार्य कर रही है, जल्द ही इस निर्णय को भी लागू किया जाएगा। बता दें, प्रदेश में कारगिल विजय दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। हरिद्वार के ऋषिकुल स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय के सभागार में शहीदों को नमन किया। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जुलाई । पश्चिम बंगाल विधानसभा ने आठ प्रमुख विधेयकों को पारित किया था। लेकिन राज्यपाल ने इन्हें मंजूरी नहीं दी। ममता सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मामले में राज्यपाल सचिवालय और केंद्र सरकार (गृह मंत्रालय के माध्यम से) से जवाब मांगा है।
अधिवक्ता आस्था शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों और लोकतांत्रिक शासन को खतरे में डालता है, साथ ही विधेयकों के माध्यम से लागू किए जाने वाले कल्याणकारी उपायों के लिए राज्य के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। आगे कहा गया, "राज्य के राज्यपाल के पास कई महत्वपूर्ण विधेयक 2022 से लंबित हैं (जब जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल का पद संभाला था) और वर्तमान राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने भी इन विधेयकों को मंजूरी देने या खारिज करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।" जिन आठ विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार है, उसमें पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2022; पश्चिम बंगाल पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022; पश्चिम बंगाल निजी विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2022; पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022; पश्चिम बंगाल कृषि विश्वविद्यालय कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022; अलिया विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022; पश्चिम बंगाल नगर एवं ग्राम (योजना एवं विकास) (संशोधन) विधेयक, 2023 और पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 शामिल हैं। इससे पहले अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी नहीं देने के राज्यपाल आनंद बोस के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था।
सितंबर 2023 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्यपाल आनंद बोस के उस फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर राजभवन से हलफनामा मांगा था, जिसमें राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को सभी राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव वाले विधेयक को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया गया था। बाद में मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने अपने पहले के निर्देश को स्थगित कर दिया और पहले याचिका की वैधता की जांच करने का फैसला किया। यह विधेयक जून 2022 में विधानसभा ने पारित किया था। हालांकि, यह विधेयक उसी साल 15 जून को राज्यपाल भवन को भेज दिया गया था, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक इस पर अपनी सहमति नहीं दी है। --(आईएएनएस)