-आर.के.जैन
मस्तराम मस्ती में आग लगे बस्ती में । Apple के लिए कुछ ऐसा ही माहौल इंडिया में बना हुआ है । खुद के देश में भले राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के trump tariff ने उथल पुथल मचा रखी हो, मगर इंडिया में कंपनी की बल्ले-बल्ले हो रखी है।
कंपनी इंडिया में महीने के हजारों करोड़ और साल के लाखों करोड़ में बिजनेस कर रही है। महीने दर महीने और साल दर साल भारत में एप्पल का कारोबार दोगुना हो रहा है । अकेले मार्च के महीने में कंपनी ने 20 हजार करोड़ का माल एक्सपोर्ट कर दिया है जो मार्च 2024 के मुकाबले 9 हजार करोड़ ज्यादा हैं ।
अमेरिकी कंपनी ने मार्च 2025 में इंडिया से 20 हजार करोड़ का माल दुनिया भर के देशों को भेज दिया। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि एक्सपोर्ट का बड़ा हिस्सा अमेरिका गया है। वही अमेरिका जहां सुनने में आ रहा है कि कुछ दिनों से Panic Buying भी हो रही है ।
दरअसल एप्पल इंडिया में खूब फल-फूल रहा है । इस साल मार्च में कंपनी ने 20 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट किया जो पिछले साल इसी महीने में मात्र 11 हजार करोड़ थे ।मतलब महीने दर महीने बम्पर कारोबार । साल भर (2024-25) का आंकड़ा देख लें तो 1.5 लाख करोड़ । 23-24 में आंकड़ा 85 हजार करोड़ था । कारोबार में ये बढ़ोतरी तकरीबन पूरे साल ही देखी गई है । कंपनी ने पिछले साल की पहली तिमाही में जहां 28 हजार 500 करोड़ का एक्सपोर्ट किया था तो इस साल की पहली तिमाही में मामला 48 हजार करोड़ के पास पहुंच गया है।
मतलब कंपनी इंडियन में प्रोडक्ट बनाकर या असेम्बल करके पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट कर रही है। इसका सिलसिला साल 2024 से ही शुरू हो गया था जब उसने चीन से हौले-हौले अपना प्रोडक्शन इंडिया की तरफ शिफ्ट किया था। वैसे ऐसा करने के पीछे की वजह वही थी जो आज ट्रंप के कुर्सी पर काबिज होते नजर आ रही है।
एप्पल को अंदेशा था कि अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर होगा। और हुआ भी वही। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन पर 34 फीसदी टैरिफ ठोका है। हालांकि भारत पर भी 26 फीसद का एक्स्ट्रा भार पड़ा है मगर कंपनी को इंडिया में production-linked incentive (PLI) का फायदा मिला हुआ है। नतीजतन इंडिया में बनाए जाओ और दुनिया में भिजवाए जाओ।
वैसे आंकड़े अभी तक के हैं और ट्रंप टैरिफ आगे की कहानी है। भारत पर इसका असर अभी नहीं दिख रहा लेकिन अमेरिकी डरे हुए हैं। Panic Buying कर रहे हैं और एप्पल स्टोर पर लंबी-लंबी लाइन देखी जा रही हैं।
अमेरिकियों को समझ आ रहा है कि जब दुनिया के देश उनके ऊपर टैरिफ बढ़ा देंगे तो जेब तो उनकी भी हल्की होगी।
खैर जो भी हो, फिलहाल एप्पल की चांदी है