द्वितीय जस्टिस हिदायतुल्लाह इंटरनेशनल मूट कोर्ट स्पर्धा का उद्घाटन
रायपुर, 22 मार्च। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर ने बताया कि 21 मार्च 2025 को द्वितीय जस्टिस हिदायतुल्लाह इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2025 के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया। 21 मार्च से 23 मार्च तक निर्धारित इस प्रतियोगिता में भारत के प्रमुख विधि संस्थानों की टीमें भाग ले रही हैं, जिसका उद्देश्य अधिवक्ता कौशल को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय विधिक विमर्श को सशक्त बनाना है।
यूनिवर्सिटी ने बताया कि विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित इस उद्घाटन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जो विधिक विद्वता और अधिवक्ता कौशल के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उद्घाटन समारोह के अतिथि समारोह में कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल हैं-न्यायमूर्ति आर.सी.एस. समंत, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल एवं पूर्व न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (मुख्य अतिथि), न्यायमूर्ति मयंक के. जैन, पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय (विशिष्ट अतिथि), प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन, कुलपति, डॉ. दीपक श्रीवास्तव, प्रभारी कुलसचिव, प्रतियोगिता की औपचारिक शुरुआत मुख्य अतिथि, न्यायमूर्ति आर.सी.एस. सामंत द्वारा की गई, जिन्होंने आधिकारिक रूप से शुभारंभ की घोषणा की।
यूनिवर्सिटी ने बताया कि अध्यक्षीय एवं विशिष्ट वक्तव्य डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों का अभिनंदन किया और उनकी समर्पित भागीदारी के लिए आभार प्रकट किया। इसके पश्चात अतिथियों का अभिनंदन कर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा, इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन अपने स्वरूप में सहयोगात्मक और निरंतर विकसित होने वाला क्षेत्र है। ऐसी मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं यह दर्शाती हैं कि मध्यस्थता एक अलग-थलग विधिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि विभिन्न कानूनी परंपराओं, विविध दृष्टिकोणों और पारस्परिक सम्मान से निर्मित होती है। आने वाले दिनों में प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली अधिवक्ता शैली, उनके भविष्य में वकील, मध्यस्थ, विधिक विद्वान या नीति-निर्माता बनने की तैयारी का हिस्सा होगी।