नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “दिल्ली में महाकुंभ के श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हृदयविदारक है. सरकार में बैठे लोगों को राजनीतिज्ञ नहीं, एक उस परिवारवाले की तरह सोचना होगा, जिसने अपने माँ-बाप, भाई-बहन, बच्चे और नाते-रिश्तेदार खोये हैं.”
उन्होंने कहा, “मृतकों के शवों को ससम्मान उनके परिजनों तक पहुँचाने का ईमानदार इंतज़ाम किया जाए और घायलों को सर्वश्रेष्ठ उपचार उपलब्ध कराया जाए. भाजपा सरकार मौत का सच छुपाने का पाप न करे.”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “कल रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो भगदड़ मची, उसके विषय में मुझे लगता है कि सरकार की परत-दर-परत खुलती चली जा रही है.”
उन्होंने कहा, “कल कई घंटों तक रेलवे प्रशासन और रेल मंत्री इस ख़बर को दबाने की साजिश रच रहे थे. लगातार ट्वीट कर रहे थे कि भगदड़ नहीं है, भीड़ ज़्यादा हो गई है. भीड़ क्यों ज़्यादा हुई, भीड़ आपकी अव्यवस्था की वजह से ज़्यादा हुई.”
“जहां भीड़ हुई और अव्यवस्था है, ज़ाहिर सी बात है वहां भगदड़ होगी.”
खेड़ा ने कहा, “कल रात जब उप-राज्यपाल ने इन मौतों पर खेद व्यक्त किया, तो उनसे ट्वीट एडिट कराया गया. इस सरकार को यह चिंता नहीं है कि मौतों को कैसे रोका जाए? इस सरकार की प्रमुख चिंता यह है कि मौतों की ख़बरों को कैसे रोका जाए?”
टीएमसी सांसद कीर्ति आज़ाद ने कहा, “मैं केवल इतना कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी का केंद्र में कोई भी डिपार्टमेंट निकम्मा है. आपको मालूम है कि दस हज़ार लोग प्लेटफ़ॉर्म पर हैं, जहां से आपने कहा है कि ट्रेनें जाएंगी प्रयागराज, उतने ही लोग स्टेशन के बाहर खड़े हैं, ट्रेन में चढ़ने के लिए, और एक दम से आप प्लेटफ़ॉर्म का नंबर बदल देते हैं, भगदड़ तो होगी, कहां हैं अनुभव रेलवे का. इनको इंसान के जीवन से मतलब नहीं है. इनको सत्ता में रहना है.”
हालांकि, इस मामले पर उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु उपाध्याय ने कहा, “यह बात बार-बार आ रही है कि ट्रेनें कैंसिल थीं या प्लेटफ़ॉर्म बदला गया, ऐसी कोई बात नहीं थी. कोई ट्रेन कैंसिल नहीं थी.”
उन्होंने बताया, “उस टाइम पीरियड के दौरान पांच से छह स्पेशल ट्रेन का अलग से संचालन किया था. और एक और बात मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी भी ट्रेन का प्लेटफ़ॉर्म बदला नहीं गया था.” (bbc.com/hindi)