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नयी दिल्ली, 12 जुलाई। एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे और इसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
इसी वर्ष 12 जून को हुई यह दुर्घटना बोइंग 787 विमान से जुड़ी पहली घातक घटना थी जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। विमान में सवार 242 व्यक्तियों में से केवल एक ही जीवित बचा था।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा शनिवार को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के ऑपरेटरों के लिए फिलहाल कार्रवाई की कोई सिफारिश नहीं की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार जब विमान ने उड़ान भरी उस समय सह-पायलट विमान उड़ा रहा था और कप्तान निगरानी कर रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विमान ने भारतीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम दर्ज की गई गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की और एक सेकेंड बाद ही इंजन-1 और इंजन-2 के ईंधन ‘कटऑफ स्विच’ क्रमशः रन’ से कटऑफ’ स्थिति में चले गए।’’
रिपोर्ट में कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग के हवाले से कहा गया है, ‘‘एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन स्विच ऑफ क्यों किया, तो वह जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया।’’
विमान ने भारतीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर 38 मिनट 39 सेकंड पर उड़ान भरी और एक बजकर 39 मिनट 05 सेकंड पर एक पायलट ने ‘मे डे- मे डे- मे डे’ संदेश दिया।
इस दुर्घटना को दशकों में भारत की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है और यह बोइंग 787 से जुड़ी पहली घटना थी जिसमें विमान पूरी तरह नष्ट हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार,‘‘ ‘एयर ट्रैफिक कंट्रोलर’ (एटीसी) ने पायलट से ‘कॉल साइन’ पूछा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि उसने देखा कि विमान हवाई अड्डे की सीमा से बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और तुरंत आपातकालीन प्रक्रिया सक्रिय की गई।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, ईंधन के नमूनों का परीक्षण नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की प्रयोगशाला में किया गया और वे संतोषजनक पाए गए।
एएआईबी ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर सभी जरूरी औपचारिकताएं, जिनमें ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी शामिल थीं, पूरी कर ली गई हैं और मलबा हवाई अड्डे के पास एक सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर हवाई अड्डे के एक हैंगर में सुरक्षित रखा गया है। जांच के लिए ज़रूरी हिस्सों की पहचान कर ली गई है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के ‘एपीयू फिल्टर’ और बाएं पंख के ‘जेट्टिसन वॉल्व’ से बहुत ही सीमित मात्रा में ईंधन के नमूने लिए जा सके हैं और इन नमूनों का परीक्षण एक ऐसी प्रयोगशाला में किया जाएगा जहां इतने कम मात्रा में परीक्षण संभव है।
प्रारंभिक संकेतों और फ्लाइट रिकॉर्डर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर और जानकारी एकत्र की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘जांच के इस चरण में बोईंग 787-8 और जीई एनएक्स-1बी इंजन ऑपरेटरों और निर्माताओं के लिए फ़िलहाल किसी कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गई है।’
यह विमान ‘जीई एनएक्स-1बी’ इंजनों से लैस था। जांचकर्ताओं ने प्रत्यक्षदर्शियों और जीवित बचे यात्री के बयान दर्ज किए हैं।
एएआईबी ने कहा कि चालक दल और यात्रियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का पूरा विश्लेषण किया जा रहा है ताकि एयरोमेडिकल निष्कर्षों की पुष्टि इंजीनियरिंग आंकलन के साथ की जा सके।
उसने कहा, जांच अभी जारी है और टीम सभी उपलब्ध साक्ष्यों, रिकॉर्डों और संबंधित पक्षों से प्राप्त हो रही जानकारी की समीक्षा और परीक्षण करेगी।
विमान में 230 यात्री सवार थे, जिसमें 15 बिजनेस क्लास में और 215 इकोनॉमी क्लास में। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे।
मुख्य पायलट के पास 15,638 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव था जबकि फर्स्ट ऑफिसर के पास 3,403 घंटे से अधिक का अनुभव था।
एअर इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह नियामकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही है और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रही है।
बोइंग ने भी एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग कर रही है। (भाषा)