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भुवनेश्वर, 11 जुलाई। ओडिशा के रायगढ़ जिले में एक आदिवासी जोड़े को सामुदायिक परंपराओं के विरुद्ध विवाह करने पर दंड के रूप में कथित तौर पर खेत जोतने के लिए मजबूर किया गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कथित घटना बुधवार को कल्याणसिंहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कंजामाजोडी गांव में हुई।
घटना का एक कथित वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें युवक और युवती को बैलों की तरह घुमाया जा रहा है और ग्रामीणों तथा समुदाय के बुजुर्गों के सामने उनसे खेत जोतने को कहा जा रहा है।
हालांकि, 'पीटीआई भाषा' स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका।
ग्रामीणों के अनुसार, इस जोड़े ने कथित तौर पर पारंपरिक आदिवासी मानदंडों के विपरीत विवाह किया था और उन्हें सार्वजनिक रूप से 'शुद्धिकरण' अनुष्ठान से गुजरना पड़ा।
युवक पर आरोप है कि उसने अपनी बुआ (पिता की बहन) से विवाह किया है, जो कि उनके रक्त संबंधी होने के कारण समुदाय में वर्जित माना जाता है।
जब यह रिश्ता प्रकाश में आया तो गांव के बुजुर्गों की एक ‘कंगारू अदालत’ गठित की गई और सार्वजनिक रूप से सजा सुनाने का आदेश दिया गया।
कथित तौर पर 'अनुष्ठान' निभाने के बाद समुदाय के नेताओं ने जोड़े को तुरंत गांव छोड़ने के लिए कहा। उनका वर्तमान ठिकाना अज्ञात है।
गांव के मुखिया बिश्वनाथ कुर्शिका ने कहा, "हमने 'शुद्धिकरण' अनुष्ठान किया और उन्हें दंडित किया ताकि वे रक्त संबंध में विवाह करने के पाप से मुक्त हो सकें।"
उन्होंने दावा किया कि यदि अनुष्ठान नहीं किया जाता तो ग्रामीणों को फसल का नुकसान उठाना पड़ता क्योंकि क्षेत्र में बारिश नहीं होती।
इस कृत्य को 'अमानवीय' बताते हुए रायगढ़ के उप जिलाधिकारी रमेश कुमार जेना ने कहा कि वह घटना की जानकारी लेने के लिए शनिवार को गांव जाएंगे।
जेना ने कहा, "जांच के दौरान दोषी पाए जाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" (भाषा)