रायपुर, 16 फरवरी। प्रगति कॉलेज ने बताया कि वार्षिक उत्सव प्रगति उत्सव 2025 का आयोजन संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा जी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि ‘‘ षिक्षा तभी पूर्ण होती है, जब उससे मानवता का निर्माण होता है और षिक्षा दूसरों का काम आने में योगदान दें, भारत अनुठा देष इसलिए है, क्योंकि यहॉ षिक्षा का अभिप्राय प्राचीन काल से ही मानवता है।
कॉलेज ने बताया कि सलाहकार डॉ. श्रुति झा ने कॉलेज के सर्वांगीण विकास में विभिन्न विभागों के प्रयासों की सराहना करने हुए कहा कि प्रगति कॉलेज की सफलता का श्रेय विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयास रहे हैं। प्राचार्या डॉ. सौम्या नैय्यर ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए महाविद्यालय की वार्षिक गतिविधियों की जानकारी दी। आपने आगे कहा, कि महाविद्यालय का शैक्षणिक परिणाम प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों की मेहनत एवं लगन के कारण उत्कृष्ट रहता है।
कॉलेज ने बताया कि स्वागत उद्बोधन के उपरांत कार्यक्रम की अगली कड़ी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ हुईं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य परम्परा की खुबसूरत प्रस्तुति के अंतर्गत कत्थक, भरनाट्यम, ओडिषी एवं मणिपुरी जैसी पारम्परिक नृत्य कलाओं को एकसाथ मंच पर प्रस्तुत किया गया। अनेकता में एकता के रूप में विभिन्न प्रांतों के लोकनृत्यों की प्रस्तुतियाँ हुई, जिसके अंतर्गत राजस्थान के कालबेलिया, ओडिषा के सम्बलपुरी, उत्तराखण्ड के पहाड़ी, असम के बिहु एवं गुजरात के गरबा कीे प्रस्तुति ने भारतीय अखण्डता में एकता को मंच पर उतार दिया। जहाँ बात छत्तीसगढ़ माटी की हो, वहाँ छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों का गुणगान न हो तो कार्यक्रम अधूरा ही रहता है, इसी के तहत् छत्तीसगढ़ी बारहमसी नृत्य की प्रस्तुती दी गई। विद्यार्थियों ने आराध्य के प्रति भक्ति को कृष्ण रासलीला एवं राम के जीेवन को राम-जन्मोत्सव नृत्य नाटिका के माध्यम से भावपूर्ण प्रस्तुति कर भारत के सांस्कृतिक वैभव को जीवंत कर दिया।