हैदराबाद, 16 फरवरी। माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया हैदराबाद चैप्टर ने बताया कि माइनिंग द मार्वल्स: वे फॉरवर्ड टुवर्ड्स आत्मनिर्भर विकसित भारत 2047 विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस आयोजन से उद्योग की अग्रणी कंपनियों, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों को खनन क्षेत्र के भविष्य और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में इसकी भूमिका पर एक साथ विचार-विमर्श करने का अवसर मिला।
चैप्टर ने बताया कि उद्घाटन सत्र में अमिताभ मुखर्जी , अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार),एनएमडीसी लिमिटेड मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अन्य विशिष्ट अतिथियों में श्री डी. बी. सुंदर रामम, वाइस प्रेसिडेंट –ढ्ढ, एमईएआई और वाइस प्रेसिडेंट, टाटा स्टील; श्री डॉ. एन. के. नंदा, पूर्व सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) एवं निदेशक (तकनीकी), एनएमडीसी लिमिटेड; श्री बी. वीरा रेड्डी, पूर्व निदेशक (तकनीकी), सीआईएल और पूर्व सीएमडी, सीसीएल; श्री जी धनंजय रेड्डी,वाइस प्रेसिडेंट-ढ्ढढ्ढ, एमईएआई और एनएमडीसी लिमिटेड के निदेशक (उत्पादन) श्री जॉयदीप दासगुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएमडीसी लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) और एमईएआई हैदराबाद चैप्टर के अध्यक्ष श्री विनय कुमार ने की।
श्री मुखर्जी ने बताया कि राष्ट्रीय विकास में खनन की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार खनन उद्योग समुदायों में सामाजिक और आर्थिक प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने खनन कार्यों के दूर-दराज के इलाकों में स्थित होने के कारण युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और एमईएआई से छात्रों और पेशेवरों को खनन में करियर के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।