रायपुर, 15 फरवरी। ग्रीवेंसेस रिड्रेसल कमिटी द्वारा छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में नए जीएसटी पंजीकरण में आने वाली कठिनाइयों के संबंध में सुझाव मंगा गया था जिसके सम्बन्ध में कल दिनांक 13 फरवरी 2025 को चेंबर ने पत्र के माध्यम नए जीएसटी पंजीकरण में आने वाली कठिनाइयों के संबंध में ग्रीवेंसेस रिड्रेसल कमिटी को ज्ञापन सौंपा। जिसके अंतर्गत कठिनाइ, उसके प्रभाव एवं उससे सबंधित समाधान निम्नानुसार है-
चेम्बर ने बताया कि कठिनाइ (1)-1. केंद्रीय जीएसटी क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं के लिए, पंजीकरण आवेदन कथित तौर पर स्थानीय क्षेत्राधिकार अधिकारियों (सहायक आयुक्त/उपायुक्त) के बजाय एक केंद्रीकृत प्रसंस्करण सेल को भेजे जाते हैं। 2. आवेदक को अक्सर केंद्रीकृत प्राधिकरण के साथ संवाद करने में कठिनाइयों का अनुभव होता है, क्योंकि स्थानीय जीएसटी कार्यालय सीधे अनुमोदन प्रक्रिया में शामिल नहीं होता है।
चेम्बर ने बताया कि 3. इसके विपरीत, राज्य जीएसटी विभाग आम तौर पर स्थानीय क्षेत्राधिकार अधिकारी को पंजीकरण आवंटित करता है, जो किसी भी प्रश्न के तेजी से समाधान और सीधे संचार की अनुमति देता है।
चेम्बर ने बताया कि प्रभाव-1. आवेदनों की अधिकता और स्थानीय जांच/ज्ञान में कमी के कारण केंद्रीकृत प्रसंस्करण में देरी हो सकती है। 2. आवेदकों को छोटी विसंगतियों को तुरंत स्पष्ट करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके पास केंद्रीय प्रसंस्करण कर्मियों के साथ सीधे संपर्क की कमी होती है।
चेम्बर ने बताया कि सुझाव-1. आवेदनों की वर्तमान केंद्रीकृत प्रसंस्करण को संबंधित क्षेत्राधिकार एसी/डीसी को आवंटन के साथ बदलने की अनुशंसा करते हैं। 2. इससे त्वरित अनुवर्ती कार्रवाई और किसी भी कमी या अतिरिक्त सूचना अनुरोध का अधिक प्रभावी समाधान संभव हो सकेगा।