विचार / लेख

फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन सलेक्टिव नहीं होगा भाई
14-Feb-2025 2:33 PM
फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन सलेक्टिव नहीं होगा भाई

-जय सुशील

यह प्रकृति का नियम है कि हम खऱाब सुनेंगे तो खऱाब बोलेंगे खऱाब लिखेंगे। अब गिरने का कोई अंत तो होता नहीं।

माँ बाप पर जाकर बात रुक जाए तो बेहतर वर्ना इससे नीचे गिरने का विकल्प कोई विमर्श नैना दिखा ही देगा। और हम लोग कहेंगे: माँ क़सम क्या अवां गर्द चीज़ लिखी मानो बिना लिंग योनि संभोग के कोई महान चीज़ संभव नहीं है।

बहुत साल पहले जब नया नया सेटेलाइट टीवी आया था तो ज़ी टीवी नाम का एक चैनल था। उस चैनल पर दो सीरियल आते थे। तारा और बनेगी अपनी बात जिसमें धड़ल्ले से फ्रेंच किस हुआ करता था। किस करने वाले लोगों में अग्रणी थे हमारे संस्कारी अभिनेता आलोक नाथ। तारा मे तारा का रोल करने वाली एक्ट्रेस का नाम नवनीत निशान। चूंकि वो टीवी पर आता था तो दर्शकों ने इतने बम मारे चि_ियों के रूप में इतने बम मारे कि सीरियल रह गए चूमाचाटी के सीन खत्म हो गए। ये दृश्य बहुत असहज करते थे मिडिल क्लास को और करने वाले थे भी। जबकि बंबई में यह आम था। यह वर्ग भेद है। इस वर्ग भेद में यह भी हुआ कि उस सीरियल तारा की प्रोड्यूसर रही विनीता नंदा ने बाद में फेसबुक पर ही खुलासा किया कि आलोक नाथ ने उनका यौन शोषण किया। चूंकि वो बड़े स्टार बन चुके थे टीवी के तो उन्हें किसी ने साइडलाइन नहीं किया। इसे ही इनेबलिंग कहा जाता है।

सोशल मीडिया टीवी नहीं है। बच्चे मां बाप अपने अपने फोन पर मां-बहन सुन कर खुश हो रहे हैं। उनकी कुंठा (जो कई कारणों से हो सकती है- बेरोजगारी, वर्क लाइफ बैलेंस, अलग अलग किस्म के तनाव) इन गालियों में ही निर्वाण प्राप्त कर रही है। मोबाइल से अचानक सिर उठाकर शून्य की तरफ मुस्कुराते हुए या कभी कभी खीझ में आपने लोगों को ब और भों से शुरू होने वाली गालियां देते सुना ही होगा। यह कुंठा का सेफ्टी वाल्व है।

जाहिर है यह सेफ्टी वाल्व वरिष्ठ लोगों के लिए है बच्चों के लिए नहीं। किशोरवय युवा और अब तो लड़कियां भी जब तक भैन भैन न करें उन्हें लगता नहीं कि वो कूल हैं।

कुछ लिबरल लोगों ने कहा कि कॉमेडियन है। बोल दिया माफी मांगा बात आई गई होनी चाहिए। मैं इन लोगों से बस इतना पूछना चाहता हूं कि अगर यही बात किसी अनवर अली या दानिश अली नाम वाले किसी ने कही होती तो क्या होता?  क्या तब फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन आता?

मुनव्वर फारूकी लोग भूल जाते हैं बहुत जल्दी।

सोच कर देखिए। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन सलेक्टिव नहीं होगा भाई।

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news