मनेन्द्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयासों से मिली बड़ी सफलता, अब और विकास कार्यों की बड़ी आस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 17 जनवरी। लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हुए एसईसीएल हसदेव क्षेत्र ने 1585.827 हेक्टेयर वनभूमि छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग को सौंप दी है। यह ऐतिहासिक कदम प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व मनेन्द्रगढ़ मनेन्द्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयासों का नतीजा है। इस भूमि हस्तांतरण से क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलेगी और जनसुविधाओं का विस्तार होगा।
अनुपयोगी भूमि के हस्तांतरण से विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार
एसईसीएल के झगराखांड क्षेत्र में वर्षों से अनुपयोगी पड़ी 1585.827 हेक्टेयर वनभूमि को वापस वन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब इस भूमि का उपयोग जनसरोकार से जुड़े कार्यों के लिए किया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री व विधायक जायसवाल ने बताया कि भूमि हस्तांतरण से नगरीय निकायों को भूमि संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी और आमजनों की सुविधाओं में वृद्धि होगी।
एसईसीएल ने जारी किया पत्र
एसईसीएल ने जानकारी दी कि झगराखांड कोल ब्लॉक का कुल रकबा 2613.094 हेक्टेयर है, जिसमें 1893.372 हेक्टेयर वनभूमि शामिल है। इसमें से 307.545 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग माइनिंग कार्यों के लिए किया गया, जबकि शेष 1585.827 हेक्टेयर वनभूमि को वापस वन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
वन विभाग और एसईसीएल ने किया सर्वेक्षण
वनभूमि हस्तांतरण से पहले एसईसीएल और वन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त सर्वेक्षण किया। सभी संपत्तियों और अतिक्रमणों को सूचीबद्ध किया गया। वनभूमि को मूल स्वरूप में लौटाने के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार किए गए।
विधायक जायसवाल का बयान
स्वास्थ्य मंत्री व मनेन्द्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, यह कदम क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। भूमि हस्तांतरण से जनसुविधाओं का विस्तार होगा और विकास कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होंगी।
स्थानीय जनता को लाभ
वनभूमि के हस्तांतरण से नगरीय निकायों को भूमि संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी। यह कदम आमजनों के लिए सुविधाजनक साबित होगा और क्षेत्र के विकास कार्यों को नई दिशा देगा।
गौरतलब है कि यह हस्तांतरण 8 मई 2024 को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक की अध्यक्षता में हुई बैठक के निर्देशों के तहत किया गया। आज 16 जनवरी 2025 को वनभूमि को विधिवत वन विभाग को सौंप दिया गया।