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जनचौपाल और रैली के माध्यम से मलेरिया और डायरिया के बचने जागरूकता अभियान
23-Jul-2024 11:31 AM
जनचौपाल और रैली के माध्यम से मलेरिया और डायरिया के बचने जागरूकता अभियान

बिलासपुर, 23 जुलाई। जिले में मलेरिया और डायरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने जनजागरूकता अभियान शुरू किया है। सीईओ जिला पंचायत आर पी चौहान ने रतनपुर और कोटा विकासखंड के मलेरिया और डायरिया प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने नेवसा, खुंटाडीह, जाली और अन्य गांवों में जनचौपाल लगाकर ग्रामीणों को बीमारी से बचाव के उपाय बताए। दूसरी ओर, कोटा ब्लॉक के ग्राम मझगांव के स्कूली बच्चों ने रैली के माध्यम से नारे लगाकर ग्रामीणों को बीमारियों से सचेत किया।

चौहान ने खुंटाडीह गांव में जनचौपाल आयोजित कर स्थिति की समीक्षा की और ग्रामीणों के घरों का दौरा कर उन्हें बीमारी से बचने के लिए जरूरी सावधानियां समझाईं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी और कहा कि किसी भी संदेहास्पद स्थिति में तुरंत चिकित्सा सुविधा प्राप्त करें। सीईओ ने रतनपुर के वार्ड क्रमांक 10 ओछीनापारा का भी निरीक्षण किया और प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए जल टैंकर और हैंडपंप के पास प्लेटफार्म बनाने के निर्देश दिए।

दूसरी तरफ, कोटा ब्लॉक के ग्राम मझगांव के स्कूल के बच्चों ने प्राचार्य शैलेश कुमार पांडे के मार्गदर्शन में रैली निकाली। उन्होंने 'हम सबने ठाना है, डायरिया को भगाना है' जैसे नारे लगाकर ग्रामीणों को बीमारियों के प्रति जागरूक किया। छात्र रितेश यादव ने प्रार्थना सभा में डायरिया के फैलाव और इसके बचाव के तरीके समझाए, जैसे ओआरएस का उपयोग, जिंक की गोली का सेवन, और पानी उबालकर पीने की आवश्यकता। रैली में शामिल अन्य शिक्षकों और छात्रों ने भी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुझाव दिए, जैसे कि नियमित रूप से पानी टंकी की सफाई करना, क्लोरीन टैबलेट का उपयोग, और भोजन को ढक कर रखना।

अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, एसडीएम युगल किशोर उर्वशा, और ग्रामवासी शामिल रहे। सीईओ चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने और प्रभावित गांवों का पूरा सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने पीड़ित मरीजों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

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