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एनएच एमएमआई ने नवजात की जटिल सर्जरी कर बचाई जान
19-Sep-2021 1:29 PM

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रायपुर, 19 सितंबर। एनएच एमएमआई के फैसिलिटी डायरेक्टर नवीन शर्मा ने बताया कि हाल ही में एक 4 महीने के 4 किलोग्राम के नवजात को एनएच एमएमआई में गंभीर सांस की समस्या के साथ भर्ती किया गया। बच्चे की स्थिति की जांच डॉक्टर किंजल बक्षी, सीनियर पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट ने की और पाया कि बच्चे को टीएपीवीसी (एनोमलस पल्मोनरी वीनस कनेक्शन) नामक जन्मजात हृदय रोग है। यह एक दुर्लभ रोग है, जो सभी जन्मजात हृदय रोगों में केवल 1.5 से 3 फीसदी तक ही देखा जाता है।
श्री शर्मा ने बताया कि इस रोग के तहत फेफड़ों से आने वाला रक्त हृदय के बाईं ओर के बजाय दाईं ओर जाने लगता है। इस रोग के साथ जन्म लेने वाले केवल 10 फीसदी बच्चे ही जीवन का पहला साल देख पाते हैं। इस स्थिति का इलाज इमरजेंसी कॉम्पलेक्स सर्जिकल रिपेयर है। एनएचएमएमआई की सीटीवीएस टीम ने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया, जिसमें डॉ. पीके हरी कुमार, सीनियर कार्डियोथोरेसिक सर्जन और सीनियर कार्डियक एनेस्थीसिस्ट्स डॉ. राकेश कुमार चंद और अरुण अन्डापन, डॉ. तेज कुमार वर्मा, कार्डियक सर्जन और अश्विनी कुमार, पेफ्र्युशनिस्ट शामिल थे।
श्री शर्मा ने बताया कि क्योंकि नवजात के माता-पिता फीस दे पाने में असमर्थ थे, इसलिए सर्जरी के सरकार की योजना के तहत किया गया जिसके अंतर्गत माता-पिता की स्थिति को देखते हुए यह सर्जरी मुफ्त में की गई। सर्जरी के बाद बच्चे की स्थिति में सुधार को देखते हुए सातवें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। कार्डियक साइंसेज विभाग स्पेशलाइज्ड और व्यापक विभाग है जो वयस्कों के साथ-साथ नवजात मरीजों में भी जटिल इलाज व प्रोसीजर करने में सक्षम है।
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