विचार / लेख
राज ढाल
आरएसएस का मुखपत्र पाञ्चजन्य कहता है कि मुस्लिम उम्मा का खलीफा बनने को बेताब तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एरदुगान की पत्नी के साथ आमिर खान की फोटो प्रचारित हो रही है. चीन में आमिर खान की फिल्में क्यों शानदार कारोबार करती हैं जबकि अन्य सितारे और निर्माता असफल हो जाते हैं।
ये माइंड सेट क्या है..?
हीनभावना..
गहरी हीन भावना
जो मुस्लिम विरोध से पनपी है..
उस इतिहास से पनपी है जहां इन्हें अपना अपमान लगता रहा है कि हम कैसे हज़ार साल गुलाम बने रहे..
जरूर कोई साजि़श रही होगी..
ज़रूर कोई गद्दारी रही होगी..
वरना हम किसी से कम ना थे..
कोई जाति व्यवस्था में खराबी नही थी
हमारे इतिहास को विकृत करके हमे बदनाम किया गया वगैरह वगरैह..
ये हीनभावना इनके अंदर डर जन्माती है और फिर ये डर अपने समर्थकों को ट्रांसफर कर देते है। जैसे एटीएम कार्ड डालते ही पैसा बाहर आता है वैसे डर डालते ही सत्ता हाथ में आ जाती है।
चीन के फिल्मी इतिहास में विदेशी फिल्मों की कैटिगिरी में सबसे ज्यादा सफल फिल्म आमिर खान की दंगल हुई। जिसने एवेंजर सीरीज को भी मात दे दी।
ऐसा क्या था दंगल में जो चीनियों को इतनी भायी कि अमेरिका के हॉलीवुड की इस सफल फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया..?
चीन दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला मुल्क है उसके बाद भारत। लेकिन दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। जहां चीन ओलंपिक में सबसे ज्यादा मैडल लेकर आता है वहीं भारत के हाथ इक्का-दुक्का हो मैडल हाथ लगते है वो भी कभी कभार।
अक्सर चीनी हंसते है हम पर कि आप क्या मुकाबला करोगे हमारा.. देखो हम खेलों में कहां है.. और आप कहाँ..?
वो हमारे मुल्क के खेलों के भ्रष्ट सिस्टम पर हंसते है.. मखोल उड़ाते है। लेकिन दंगल देखने के बाद उनकी हमारे प्रति राय बदली।
उन्होंने देखा इस फिल्म में कि कैसे जन्म देने से पहले ही कन्याओं को मार देने वाले इस देश में एक ऐसा बाप भी हुआ जिसने अपनी लड़कियों को खेलों की दुनिया में भारत को मैडल दिलाने का ख्वाब देखा।
चीन ने इस फिल्म को बार-बार देखा। उसके इमोशंस को दिल से महसूस किया कि कैसे एक बाप ने मुसीबतें उठाई।
आमतौर पर चीनी एक्शन या कुंगफू जैसी फिल्मे ही बनाते है जो सफल भी होती है।
लेकिन दंगल ने उनके अंतर्मन को छुआ
आपको ये जानकर हैरानगी होगी कि चीन के सिनेमा व्यापार को तरक्की दी इसी फिल्म दंगल ने। चीन में ये फिल्म इतनी पापुलर हुई कि चीन ने कई शहरों में ज्यादा मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर खोले ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सके
एक अनुमान के मुताबिक चीन में आमिर खान की दंगल और सुपरस्टार फिल्म के डेढ़ साल के भीतर 12त्नअधिक सिनेमाघर नए खुले। जो दर्शाता है कि भारत ने किसी और मामले में चीन को प्रभावित किया हो या ना हो पर आमिर खान ने भारत के रियल ब्रांड के रूप में अपनी धाक जरूर जमाई है। और संघ का पाञ्चजन्य पूछ रहा है कि आमिर की फिल्में वहां सफल क्यों हो जाती है।


