विचार / लेख
परिवेश मिश्रा
दुख की बात है, देश में 50000 के करीब लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है लेकिन हेल्थ मिनिस्ट्री इस बात का क्रेडिट लेने में व्यस्त है कि 50000 पहुंचने में भारत को 156 दिन लगे जबकि अमेरिका को 23 दिन, ब्राज़ील को 95 दिन और मैक्सिको को 141 दिन लग गए थे।
कायदे से तो हेल्थ मिनिस्ट्री को दुख व्यक्त करना चाहिए था और यह लिखना चाहिए था वो 50000 लोगों की जान नहीं बचा पाई जो इस देश की नागरिक थे। हेल्थ मिनिस्ट्री हमेशा रिकवरी रेट और मोर्टेलिटी रेट पर बात करती है। अमेरिका, ब्राजील जैसे देशों के साथ तुलना करती है लेकिन अपने पड़ोसी देशों को भूल जाती है।
जहां भारत में 50000 के करीब लोगों की मौत हुई है वहीं पाकिस्तान में 6168 लोगों की मौत हुई, बांग्लादेश में 3625,चीन में 4634, म्यांमार में 6, श्रीलंका में 11, मालदीव में 22, इंडोनेशिया में 6071, नेपाल में 102 और भूटान में कोई मौत नहीं हुई है।
अब यह सवाल लोग उठाएंगे कि यह सब छोटे देश हैं यहां जनसंख्या कम है लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इनमें से कई पड़ोसी देश गरीब हैं लेकिन कोरोना को रोकने में सक्षम हुए हैं। दूसरी बात यह है कि चीन की जनसंख्या भारत से ज्यादा है लेकिन फिर भी चीन में सिर्फ 4634 लोगों की मौत हुई है भारत से लगभग 11 गुना कम। भारत के जो 9 पड़ोसी देश हैं वहां कुल मिलाकर 20639 लोगों की मौत हुई है जबकि भारत अकेले में 50000 से ज्यादा मौत हुई है यानी लगभग दो गुना ज्यादा।
अब हर 10 लाख जनसंख्या में कितने लोग कोरोना की वजह से मरे हैं उस पर भी नजर डालते हैं।
भारत में हर दस लाख में 36 लोग मरे हैं, चीन में हर दस लाख में 3 लोग मरे हैं। पाकिस्तान में हर दस लाख में 28 लोग मरे हैं, बांग्लादेश में हर दस लाख में 22 लोग मरे हैं,इंडोनेशिया में 22,नेपाल में 3,श्रीलंका में 0.5 जब कि म्यांमार में हर दस लाख में 0.1 लोग मरे हैं। मालदीव में हर दस लाख में 41 लोग मरे हैं। भूटान में किसी की भी मौत नहीं हुई है। यह आंकड़े बताते हैं कि अगर पड़ोसी देशों के साथ तुलना की जाए तो सिर्फ मालदीव को छोडक़र भारत में हर दस लाख में सबसे ज्यादा 36 लोगों की मौत हुई है।
अब रिकवरी रेट पर भी ध्यान देते हैं।
भारत में रिकवरी रेट 71.91 प्रतिशत है , चीन में 94 प्रतिशत, पाकिस्तान में रिकवरी रेट 92 प्रतिशत, श्रीलंका में 92 प्रतिशत, है, म्यांमार में 86 प्रतिशत, भूटान में 75 प्रतिशत, इंडोनेशिया में 66 प्रतिशत, नेपाल में 66 प्रतिशत,बांग्लादेश में 57 जबकि मालदीव में 56 प्रतिशत है।
भारत के जो 9 पड़ोसी देश वहां कुल मिलाकर 820350 कोरोना केस है यानी भारत से लगभग 6 गुना कम। पड़ोसी देशों के कुल 820350 केस में से 602851 लोग ठीक हो चुके हैं यानी रिकवरी रेट 73 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
अब थोड़ा टेस्टिंग पर ध्यान देते हैं
भारत में हर दस लाख में 21213 लोगों की टेस्ट हुई है जब कि अमेरिका में हर दस लाख में 212002 लोगों की टेस्ट हुई है। ब्राज़ील में 63288, रूस में 222691, साउथ अफ्रीका में 56869, पेरू में 82907, मेक्सिको में 9071, कोलंबिया में 42063, चिली में 103922, स्पेन में 159805। दुनिया के पहले दस देश जहां कोरोना के सबसे ज्यादा केस है वहां की टीटिंग का डेटा है। सिर्फ मैक्सिको को छोडक़र सभी देश यानी आठ देश टेस्टिंग के मामले में भारत से आगे हैं। अब पड़ोसी देशों की बात करते हैं। चीन में हर दस लाख में 62814 लोगों की टेस्ट हुई है, पाकिस्तान में 10285,भूटान में 72918, श्रीलंका में 7783, मयांमार में 2461, मालदीव में 175130, नेपाल में 28030, इंडोनेशिया में 6802, बांग्लादेश में 8137 लोगों की टेस्ट हुई है। आगे जब हेल्थ मिनिस्ट्री डेटा लेकर आए तो यह सब डेटा भी सामने रखे।
नोट; डेटा सब वर्लडोमीटर से लिया गया है। 16 अगस्त दिन के 12 बजे के करीब यह डेटा लिया गया था। समय के साथ साथ डेटा ऊपर-नीचे होते रहता है।


