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पंछियों का सेक्स डरा देता है इंसानों को!
10-Dec-2025 10:10 PM
पंछियों का सेक्स डरा  देता है इंसानों को!

-गोकुल सोनी

साथियों, क्या आप जानते हैं कि हमारे छत्तीसगढ़ में आज भी कुछ टोटके अत्यंत प्रचलित हैं ?

गांव-गांव में लोग इन्हें बड़े विश्वास के साथ मानते हैं। जैसे कोई व्यक्ति यात्रा पर निकल रहा हो और उसे रास्ते में किसी महिला को मटकी में पानी भरकर ले जाते हुए देख ले, तो इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। उसी तरह अगर गाय अपने बछड़े को दूध पिलाते दिख जाए, तो लोग मानते हैं कि दिन भर कार्य सिद्धि बनी रहती है। वहीं यात्रा के दौरान किसी महिला को बाल बिखराए देखना, बिल्ली का रास्ता काटना, किसी को छींक आना अशुभ माना जाता है। और पक्षियों में तो एक और विचित्र मान्यता है। कौआ संसर्ग, यानी नर–मादा कौओं के मिलन को देख लेना, गांवों में इसे बहुत बड़ा अपशकुन कहा जाता रहा है।

एक घटना जिसने पूरे परिवार को झकझोर दिया

यह बात सत्तर के दशक की है, जब हमारा परिवार पिथौरा में रहता था। एक दिन हमारे घर डाक से एक पोस्टकार्ड आया। जैसे ही पिता जी ने उसे पढ़ा, पूरा घर सन्न रह गया। पत्र में लिखा था—

‘धनीराम’-यानी मेरे छोटे जीजा जी का साइकिल से ऑफिस जाते समय बस से एक्सीडेंट हो गया और उनका निधन हो गया।

पत्र पढ़ते ही घर में कोहराम मच गया। मां-बाप रो-रोकर बेहाल । पूरा माहौल शोकमग्न हो गया।

लेकिन कुछ देर बाद पिता जी को एक बात खटकने लगी,।

इतनी बड़ी घटना को कोई पत्र से क्यों बताता ? रायपुर से पिथौरा तो बस दो घंटों की दूरी। और सबसे महत्त्वपूर्ण—यह पत्र दीदी की हैंडराइटिंग में भी नहीं था।

संदेह होने पर पिता जी बिना देर किए रायपुर के लिए निकल पड़े।

जब वे रायपुर पहुंचे-तो जो दृश्य देखा, उससे वे खुद हैरान रह गए।

जीजा जी बिल्कुल स्वस्थ खड़े थे, और पिता जी को देखकर हंसने लगे। पिता जी ने पूछा-यह कैसी अफवाह फैल गई ?

तब जीजा जी ने धीरे-धीरे पूरी कहानी बताई-

कौआ संसर्ग का टोटका और एक भय

उस दिन वे साइकिल से ऑफिस जा रहे थे। रास्ते में पेड़ की एक डाल पर उन्होंने दो कौओं को संसर्ग करते देख लिया। बचपन से सुना था कि यह दृश्य अशुभ होता है-बड़ी अनहोनी का संकेत। डर और वहम इतना बढ़ गया कि उन्होंने खुद ही पोस्टकार्ड लिख भेजा, और दीदी को भी कुछ नहीं बताया। वह एक ऐसा टोटका था, जिसने पलभर में एक पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया।

घर में लौटी शांति

शाम को जब पिता जी पिथौरा लौटे और सब ठीक—ठाक होने की खबर दी, तब जाकर घर में दोबारा शांति लौटी। मां ने राहत की सांस ली, और हम सबने महसूस किया कि टोटकों का भय किस तरह मनुष्य की सोच को नियंत्रित कर लेता है।

आपने सुना था यह ?

क्या आप जानते थे कि गांवों में कौओं के संसर्ग को देखना अशुभ माना जाता है?

आपके गांव में कौन-कौन से टोटके प्रचलित थे ?


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