विचार / लेख
-रेचल हेगन
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद वहां के लोग सहमे हुए हैं। भूकंप का ख़ौफ और सदमा उनकी बातों से साफ झलक रहा है।
शुक्रवार को म्यांमार में आए 7।7 तीव्रता के भूकंप ने दोनों देशों में कई इमारतों को ध्वस्त कर दिया। म्यांमार में कम से कम 144 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं।
म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में रहने वाले एक शख़्स ने बीबीसी को कहा कि भूकंप के झटके काफी तेज थे और लगभग चार मिनट तक ये जारी रहे।
बीबीसी वर्ल्ड सर्विसेज के न्यूजड़े प्रोग्राम को इस शख़्स ने बताया कि वो हल्की नींद लेकर उठे ही थे कि बिल्डिंग बुरी तरह कांपने लगी।
उन्होंने बताया,‘भूकंप के झटके तीन-से चार मिनट तक लगते रहे। मुझे अपने दूसरे दोस्तों से लगातार मैसेज मिल रहे थे। तब मुझे लगा कि सिर्फ यंगून में ही भूकंप नहीं आया। देश के दूसरे हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।’
म्यांमार के साथ ही थाईलैंड और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के तेज़ झटकों की वजह से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत गिर गई और यहां काम करने वाले 43 मजदूर मलबे में फंस गए।
इमारतों के हिलने से लोग बुरी तरह डर गए और सडक़ों की ओर भागे। कई इमारतों के रूफटॉप पर बने स्वीमिंग पूल का पानी सडक़ों पर बहता दिखा।
‘ऐसा लगा कि हम पर पत्थर बरस रहे हैं’
बैंकॉक में रहने वाली सिरिन्या नकुता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वो अपने बच्चों के साथ अपने अपार्टमेंट में थीं। उन्होंने कहा, '' पहले तेज झटका आया फिर जमीन बुरी तरह हिलने लगी। मैंने सीढिय़ों से चीजों के गिरने की तेज आवाजें सुनीं। ऐसा लगा कि हम पर पत्थर बरस रहे हैं। मैंने अपने बच्चों को जल्दी से निकलने को कहा और हम ऊपर से तेजी से दौडक़र बाहर निकल आए।’
थाईलैंड में बांग सुई जिले के डिप्टी पुलिस चीफ वोरापत सुख़ताई ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि एक टॉवर ब्लॉक गिर गया था और उन्हें लोगों के चीखने की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी।
उन्होंने बताया, '' जब मैं वहां पहुंचा तो लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। लोग जोर-जोर से चिल्ला कर कह रहे थे मदद कीजिए, मदद कीजिए। हमारा अनुमान है कि भूकंप में सैकड़ों लोग घायल हुए होंगे। लेकिन हम अभी भी ऐसे लोगों की संख्या के बारे में पता कर रहे हैं।''
भूकंप से जितनी भारी तबाही हुई उसे देखते हुए नेपीडॉ जनरल अस्पताल को 'मास कैजुअल्टी एरिया' घोषित कर दिया गया है।
वहां कई लोग अस्पताल के बाहर स्ट्रेचर पर लेटे देखे गए। कई लोगों को स्लाइन चढ़ाई जा रही थी।
सैन्य शासन ने की अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील
म्यांमार में 2021 से ही सैन्य शासन है। सैन्य शासन ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है।
सैन्य शासन आमतौर पर ऐसी अपील नहीं करता है। उसने देश के सभी छह इलाकों में इमरजेंसी की घोषित कर दी है।
सैन्य शासन प्रमुख मिन ऑन्ग हल्येंग को नेपीडॉ अस्पताल का दौरा करते देखा गया। उन्होंने विदेश से मदद की अपील की है।
उन्होंने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जितना संभव हो सके मदद की उम्मीद रख रहे हैं।’
सैन्य शासन वाले म्यांमार से सूचनाएं मिलने में दिक्कतें आती हैं। यहां इंटरनेट का इस्तेमाल सीमित कर दिया गया है। कम्यूनिकेशन लाइनें बंद लग रही हैं।
इस वजह से बीबीसी का ज़मीन पर काम कर रही सहायता एजेंसियों से संपर्क नहीं हो पाया है।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में मेट्रो और रेल सर्विस रोक दी गई है। वहां की रहने वाली सुज़सान्ना वारी-कोवेक्स ने बताया, ‘मैं रेस्तरां में बैठकर बिल का इंतजार कर रही थी तभी अचानक जमीन हिलने लगी। पहले तो लगा कि सिर्फ मुझे ही ऐसा महसूस हो रहा है लेकिन तभी मैंने देखा कि हर कोई अपने चारों ओर देख रहा है। हम तुरंत वहां से भागे।’
एक दूसरी महिला देवोरा पनमैस ने बताया कि वो अपना फोन चेक कर रही थी तभी अपनी कुर्सी पलट गई।
उन्होंने कहा, ‘ मैं अपने रीक्लाइनर में थी लेकिन अचानक ये तेजी से हिलने लगी। इसके बाद ये पलट गई और मेरा सिर मेज से टकरा गया।’
म्यांमार में इमारतें भरभरा कर गिर रही थीं
बैंकॉक में रह रहीं बीबीसी पत्रकार बुई थु ने कहा कि देश में इतना बड़ा भूकंप कम से कम पिछले एक दशक में नहीं आया था।
म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मांडले से आ रही सोशल मीडिया तस्वीरों में इमारतें गिरती दिख रही हैं।
इसमें ऐतिहासिक रॉयल पैलेस का हिस्सा भी था। 90 साल पुरानी ये इमारत गिरती दिख रही है। इस शहर को यंगून से जोडऩे वाली मुख्य मार्ग का एक हिस्सा पूरी तरह फट गया है।
अमेरिका के जियोलॉजिक सर्वे ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि भूकंप से बड़ी तादाद में लोग हताहत हो सकते हैं। इससे भारी ताबही की आशंका है।
अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि कितने लोगों की मौत हुई है। लेकिन अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि हजारों लोगों की मौत की आशंका है।