सरगुजा

इस बार होली में हर्बल गुलाल के प्रति दिख रहा रूझान
26-Mar-2021 7:58 PM
इस बार होली में हर्बल गुलाल  के प्रति दिख रहा रूझान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 26 मार्च। इस बार होली में प्राकृतिक सुगंध से युक्त हर्बल गुलाल अपना रंग दिखाएगी। हर्बल गुलाल बनाकर बेचने का कार्य महिला स्वसहायता समूह के द्वारा घड़ी चैक में स्टॉल लगाकर किया जा रहा है। कोरोना महामारी एवं रासायनिक गुलाल के दुष्प्रभाव से बचने इस बार लोग हर्बल गुलाल के प्रति रूझान दिखा रहे हैं।

सोमवार से लगे छोटे से स्टॉल में लगभग 3 हजार 500 रुपये के गुलाल का बिक्री किया गया है। केमिकल से बनी गुलाल से लोगों को दूर करने के साथ ही महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाकर स्वरोजगार से जोड़ आत्मनिर्भर बनाने का सपना साकार होता दिख रहा है।

डिगमा की राधेकृष्णा स्वयं सहायता समुह की लगभग 12 महिलाओं द्वारा गुलाल बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस बार लगभग ढ़ाई क्विटंल गुलाल बनाई गई है। गुलाल की कीमत 300 रूपये प्रति किलो तय किया गया है। गुलाल बेचेने के बाद मिले मुनाफे की राशि को स्वयं सहायता समूूह की महिलाओं द्वारा आपस में वितरित किया जाएगा। स्टॉल में हर्बल गुलाल खरीदने आए श्री अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि लोगों को हर्बल गुलाल से ही होली खेलना चाहिए। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।

ऐसे बनती है हर्बल गुलाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए गुलाब फूल, गेंदा फूल, चुकन्दर, लालभाजी, नीलकंठ फूल, सेम पत्ता, चेरी फूल या हरी पत्तियां जंगल से बीनकर लाने के बाद उन्हें उबाला जाता है , जिसके बाद उबले पानी को छान उसमें आरारोठ पाउडर मिलाकर प्लास्टिक पर सुखा दिया जाता है। दानेदार पाउडर को ग्राइंडर मशीन में पीसकर गुलाल तैयार होती है। इस गुलाल में किसी तरह का केमिकल या रंग काम में नहीं लिया जाता है।


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