सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 30 मार्च। चैत्र नवरात्र की शुरुआत आज से हो गई है। श्रद्धा और आस्था के इस पर्व को लेकर जिले के सभी देवी मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन होने से नवरात्र आठ दिनों तक ही मनाया जाएगा।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ घट स्थापना की गई। भक्तिभाव से श्रद्धालु देवी मंदिरों में पहुंचकर माता रानी के दर्शन कर आशीर्वाद ले रहे हैं। शहर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर में भी नवरात्रि को लेकर विशेष तैयारियां की गई है।
इस साल महामाया मंदिर में 3500 घी के दिये और 5000 से अधिक तेल के दिये जलाये गए हैं। मंदिर में आठों दिन माता रानी का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है और सुबह 5.30 बजे व शाम 7.30 बजे विशेष आरती हो रही है। भक्तों की सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में 16 सामान्य और 3 हाई-रिजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात किये गए हैं ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
मंदिर प्रशासन द्वारा यातायात को नियंत्रित करने के लिए चार पहिया वाहनों को महामाया कॉरिडोर के पास ही रोकने का निर्देश दिया गया है, वहीं दोपहिया वाहनों को भी मंदिर तक जाने की अनुमति नहीं दी गई हंै। इसके लिए बैरिकेडिंग कर दी गई है। दूसरी तरफ भक्त माता रानी की भक्ति में डूबे हैं।
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन अंबिकापुर की महामाया देवी के दर्शन की शुरुआत हो चुकी है, वहीं अंबिकापुर शहर व आसपास के लोग माता के मंदिर में माथा टेकने सुबह 4 बजे से लाइन में लग रहे है। वहीं अंबिकापुर शहर के लोगों के लिए महामाया देवी आराध्य देवी के रूप में विराजमान है,शहर के हर व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत देवी मां के दर्शन से करते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं। ऐसी मान्यता है की देवी मां का धड़ अंबिकापुर के महामाया मंदिर में स्थापित है वहीं इनका सर रतनपुर के महामाया मंदिर में स्थापित है। यह मंदिर 1910 में राजा रघुनाथ शरण सिंह देव के द्वारा स्थापित करवाया गया था। यहा 9 दिन ज्योति कलश के रूप में घी के दीपक भी जलाए जाते हैं।